प्रकृति और पर्यावरण मानव जीवन का आधार-श्रीनारायण त्रिपाठी राष्ट्रीय सेवा योजना का साप्ताहिक शिविर खजनी गोरखपुर।। प्रकृति और पर्यावरण मानव जीवन का मूल आधार है, आज विकास की अंधी दौड़ में इंसानों द्वारा प्रकृति और पर्यावरण का दोहन किया जा रहा है, और दुरुपयोग किया जा रहा है जो कि पर्यावरण प्रदूषण को बढ़ावा दे रहा है। इसके कारण अनेक भौगोलिक एवं स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। भौगोलिक समस्याओं में खनन से भूस्खलन,भूकंप और प्राकृतिक आपदाओं की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। साथ ही जल प्रदूषण,वायु प्रदूषण,ध्वनि प्रदूषण से आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है। वीर बहादुर सिंह पीजी कॉलेज हरनहीं महुरांव में चल रहे राष्ट्रीय सेवा योजना के साप्ताहिक शिविर के चौथे दिन बौद्धिक सत्र को संबोधित करते हुए उक्त विचार भुगोल विभाग के विभागाध्यक्ष प्रवक्ता श्रीनारायण त्रिपाठी ने व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि मानव स्वास्थ्य से संबंधित सभी समस्याओं में प्रदूषणों का विशेष योगदान है। इन सभी समस्याओं को रोकने के लिए युवाओं को आगे आना होगा तथा मूल प्राकृतिक संसाधनों की ओर बढ़ना होगा। अपने जीवन को प्राकृति के नजदीक रख कर जीवन यापन करना होगा। यदि मानव इसी तरह से कृत्रिम जीवन जीने की होड़ में तकनीकी विकास,मोटर गाड़ी,कल कारखाने जैसे संसाधन विकसित करता रहा तो निश्चित रूप से इंसानों का पृथ्वी पर जीवित रहना कठिन हो जाएगा। उन्होंने बताया कि आज अनेक जीव जंतु विलुप्त होते जा रहे हैं। जो कि एक प्राकृतिक पारिस्थितिकी के संकट के रूप में दिखाई दे रहा है। हम प्रकृति को जितना कम प्रभावित करेंगे उतनी ही समस्याएं कम होंगी और जितना ही अधिक प्रभावित करेंगे उतनी ही विकराल समस्याएं उत्पन्न होंगी। इस अवसर पर कार्यक्रम प्रभारी डॉक्टर पुष्पा पांडेय,अरुण कुमार नायक,युसूफ आजाद ने भी संबोधित किया और पर्यावरण के संबंधी में विस्तृत जानकारी दी। बौद्धिक सत्र में प्राध्यापक सुमंत मौर्य,शैलेंद्र कुमार,वीरेंद्र सिंह,रोली सिंह,अरुण सिंह,राजन आदि लोग भी उपस्थित रहे। बौद्धिक कार्यक्रम में महाराणा प्रताप,क्षत्रपति शिवाजी और वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई इन तीनों इकाइयों के स्वयंसेवक विद्यार्थी मौजूद रहे।

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