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देश में हर साल 26 नवम्बर का दिन संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है ! यह संविधान ही है जो हमें एक आजाद देश का आजाद नागरिक की भावना का एहसास कराता है। जहां संविधान के दिए मौलिक अधिकार हमारी ढाल बनकर हमें हमारा हक दिलाते हैं, वहीं इसमें दिए मौलिक कर्तव्य में हमें हमारी जिम्मेदारियां भी याद दिलाते हैं। 26 नवंबर 1949 का दिन आजाद भारत के इतिहास का बड़ा ऐतिहासिक दिन था!

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शेखपुरा।। गोल्डेन कार्ड बनाने के लिए अब लाभुकों को सरकारी दफ्तरों में कहीं दौड़ या लाइन लगाने की जरूरत नहीं है। इसके लिए नेशनल हेल्थ ऑथोरिटी ने 'आयुष्मान' एप लाया है। इससे लाभुक खुद अपना कार्ड बना सकते हैं। यह बहुत ही आसान है। एंड्रायड फोन के माध्यम से सबसे पहले गूगल प्ले स्टोर पर जाकर इस एप को इंस्टॉल करें। इसके बाद वहां मुख्य पृष्ठ पर लाभुक या ऑपरेटर दिखेगा। वहां जाकर लाभुक को क्लिक करें। मालूम हो कि 13 सितंबर 2023 को राष्ट्रपति माननीय द्रौपदी मुर्मु ने आयुष्मान भव कार्यक्रम की शुरुआत की थी। उसी दिन इस एप की घोषणा की थी। अब यह काम करने लगा है। आयुष्मान भारत योजना के पांच साल पूरे होने पर विभिन्न जगहो पर कैंप लगाकर लोगों का कार्ड भी बनाया जा रहा है। इसके लाभुक हर साल अपने परिवार के किसी भी सदस्य का पांच लाख तक का मुफ्त इलाज पूरे देश में अपनी सुविधा के अनुसार इससे टैग निजी क्लीनिकों में भी इलाज करा सकते हैं। आयुष्मान भारत के जिला समन्वयक ने बताया कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार इसे तैयार किया गया है। उसमें दर्ज लाभुक किसी भी एंड्रायड फोन के माध्यम से अब खुद ही आयुष्मान कार्ड बना सकते हैं। इसके बाद वे वहीं से पीडीएफ फाइल डाउनलोड भी कर सकते हैं। कार्ड बनाने के लिए निर्धारित प्रक्रिया का करें पालन सबसे पहले आयुष्मान एप को इंस्टॉल करें। इसे सर्च करने पर इससे मिलते जुलते कई एप आपको दिखेंगे। इस एप के नीचे नेशनल हेल्थ ऑथोरिटी लिखा मिलेगा। इसे ही इंस्टॉल करें। इसके बाद लाभुक का चयन करें। इसके चयन करते ही आपको मोबाइल नंबर डालना होगा । उसपर एक ओटीपी जाएगा। ओटीपी डालकर लॉग इन कर लें। लॉग इन करते ही एक नया पेज खुलेगा। वहां आपसे संबंधित ब्योरा मांगा जाएगा। वहां सारे ब्योरा को दर्ज करें। दर्ज करने के दौरान आपसे आपके परिवार का आईडी, राशन कार्ड नंबर, आधार नंबर, नाम या लोकेशन मांगा जाएगा। इसे डालकर सर्च करें। सर्च करते ही आपके परिवार के सभी सदस्यों की सूची वहां दिखने लगेगी।

भारत आज खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर है, लेकिन हमेशा से ऐसा नहीं था, एक समय ऐसा भी देश खैरात में मिले अमेरिका के सड़े हुए गेहूं पर निर्भर था। देश की इस आत्मनिर्भरता के पीछे जिस व्यक्ति की सोच और मेहनत का परिणाम है मनकोम्बु संबासिवन स्वामिनाथन जिसे बोलचाल की भाषा में केवल स्वामीनाथन के नाम से जाना जाता था। कृषि को आत्मनिर्भर बनाने वाले स्वामीनाथन का 28 सितंबर 2023 को 98 साल की उम्र में निधन हो गया। उनका जन्म 7 अगस्त 1925, को तमिलनाडु के कुम्भकोण में हुआ था। स्वामीनाथन को देश में हरित क्रांति का जनक कहा जाता है, जिन्होंने देश की कृषि विकास में अहम योगदान माना जाता है। कृषि सुधार और विकास के लिए दशकों पहले दिए उनके सुझावों को लागू करने की मांग आज तक की जाती है। हालिया कृषि आंदोलन के समय जब देश भर के किसान धरने पर थे तब भी स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग उठी थी, जिसे सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया, जबकि यह वही सरकार है जिसने चुनावों के पहले किसानों को वादा किया था कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का वादा किया था।