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दोस्तों, धनतेरस की बहुत बहुत शुभकामनाएं.. जाहिर है कि आज के लिए शॉपिंग की लिस्ट तैयार हो गई होगी... धनतेरस का मौका है ही ऐसा... खासकर की हमारी लेडीज के लिए... क्यों सही कहा ना..? तो चलिए फिर जरा हमें भी बताइए कि इस बार आप धनतेरस पर क्या कुछ खास खरीददारी कर रही हैं...? साथ ही अगर आप जानती हैं कि धनतेरस का त्यौहार क्यों मनाया जाता है तो उसकी कहानी या फिर आपके क्षेत्र में प्रचलित कोई किस्सा या रस्म हो तो उसे भी हमारे श्रोताओं तक पहुंचाएं... फोन में नम्बर 3 दबाकर.

नगर पंचायत शेखोपुरसराय क्षेत्र नीमी व शेखोपुरडीह गांव में छठ पूजा को लेकर ग्रामीण किसान राब्बे का निर्माण कार्य प्रारम्भ कर चुके हैं ! बता दें की क्षेत्र के मुख्य फसलों में से एक गन्ने की फ़सल को भी यहां के किसान कड़ी मेहनत के साथ गन्ने में मिठास घोलने का काम करते है ! जिनकी शुरआत सनातन धर्म के महान आस्था के पर्व छठ पूजा से प्रारम्भ कर दिया जाता है ! नवम्बर माह से हीं किसान के द्वारा खेत में लगाए गए गन्ने जो बिल्कुल तैयार हो जाते हैं ! वहां कलेसर गाड़ कर छठ पूजा के लिए राब्बे की तैयारी में जुड़ जाते हैं ! इस संबंध में जानकारी देते हुए नीमी गांव के किसान चंद्रमौली सिंह दिनेश सिंह उर्फ दीना सिंह नागमणी सिंह, अजय यादव संजय सिंह पंकज सिंह आदि किसानों ने बताया की इस बार गन्ने की खेती में जंगली जानवरों के द्वारा काफी छति पहुचाई गई है! जँगली वनसुअरों के द्वारा गन्ने के खेत मे काफी संख्या में जानबर अपने रहने का स्थान बना कर गन्ने को नुकसान पहुचाया है । जिसे लेकर मीडिया बंधुओं के द्वारा कई बार समाचार प्रकाशित करवाया गया परंतु किसानों की इस समस्या को सरकार के द्वारा किसी प्रकार का संज्ञान नही लिया जा सका । बोहिं कार्तिक मास के छठ महापर्व से किसानों के द्वारा गन्ने की पेराई कर राब्बे का निर्माण किया जा रहा है । इस बार क्षेत्र में कुल दो सौ बीघा में हीं गन्ने की खेती की जा सकी है । और मजदूर सहित जंगली जानवरों का भी प्रकोप बाना रहा है । और किसानों को समस्याओं का लगातार सामना करना पड़ा जिसे लेकर शुरुआत से ही राब्बे का दाम किसानों को द्वारा एक सौ रुपए प्रति किलो निर्धारित किया गया है । बोहिं सनातन धर्म के महान आस्था का पर्व छठ पूजा हेतू पकबान बनाने में व्रतियों के द्वारा राब्बे का वृहत मात्रा में उपयोग किया जाता है । राब्बे के दाम में बढ़ोतरी होने के कारण इस बार छठ व्रतियों को काफी समस्या का सामना करना पड़ेगा ।

विजय सत्य की हुई हमेशा, हारी सदा बुराई है ! आया पर्व दशहरा बतलाता, करना सदा भलाई है !! साथियों, भारत एक त्यौहारों का देश है और यहां पर कई प्रकार के त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ मनाये जाते हैं। सभी त्योहारों के पीछे कोई विशेष महत्व होता है। इन्हीं त्यौहारों में दशहरा भी एक मुख्य त्यौहार है। यह त्यौहार हर वर्ष अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है। हिन्दू धर्म के त्योहारों में दशहरा का त्यौहार मनाने के पीछे भी एक मुख्य कारण है। क्योंकि इस दिन से पहले मां दुर्गा ने लगातार नौ दिनों तक महिषासुर से युद्ध किया था और इसी दिन इसका वध किया था। | इसी दिन मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने ने भी लंका के राजा रावण का वध किया था तब से इस विजय स्मृति को विजयादशमी के पर्व के रूप में मनाया जाता है | दशहरा प्रतीक है बुराई पर अच्छाई की जीत का, अहंकार के पराजय का और दुनियाँ में सत्य के महत्व को दर्शाने का। दोस्तों आइए आज के दिन हम शपथ लें .. अपने जीवन में लोभ, लालच और अत्याचारी वृत्तियों को त्यागकर, क्षमारूपी बन कर जीवन जियेंगे। दशहरा के इस पावन अवसर पर आप सभी को मोबाइल वाणी परिवार की और से विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं।

कच्चे धागों से बनी पक्की डोर है राखी, प्यार और मीठी शरारतों की होड़ है राखी। भाई की लंबी उम्र की दुआ है राखी, बहन के स्नेह का पवित्र प्रतीक है राखी। कलाई पर रेशम का धागा है, बहन ने बड़े प्यार से बांधा है, बहन को भाई से रक्षा का वादा है। दोस्तों ,सावन पूर्णिमा के दिन भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक पर्व रक्षाबंधन मनाया जाता है,रक्षाबंधन का त्योहार भाई और बहन के लिए बेहद ही खास दिन होता है। बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर भारतीय संस्कृति की पहचान कायम करती है, तो भाई बहन को रक्षा करने का वचन देता है। श्रोताओ मोबाइल वाणी परिवार की और से आप सभी को राखी के त्यौहार ढेर सारी शुभकामनाएं !