सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

घाटकुसुम्भा प्रखंड के डीहकुसुम्भा गांव के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 24 पर गुरुवार को एएनएम सलिता कुमारी की अध्यक्षता में सास-बहू सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस आयोजन में आठ जोङी सास बहूओं ने भाग लिया। मौके पर सास बहू के बीच एक मौखिक प्रतियोगिता भी आयोजित की गई।

कृषि विभाग आत्मा शेखपुरा के द्वारा संयुक्त कृषि भवन में दूसरे दिन गुरुवार को किसान मेला प्रदर्शनी-सह- प्रशिक्षण कार्यक्रम जारी रहा। दूसरे दिन कृषि पदाधिकारी व कृषि विज्ञान केंद्र वैज्ञानिक के द्वारा मेला में भाग लेने वाले प्रगतिशील कृषकों को पुरस्कार की राशि के साथ प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

आज की कड़ी में हम सुनेंगे की सोशल मीडिया के द्वारा कैसे हमारी जानकारीयां कहीं और भी जा रही होती है

आप सभी ने बूथ कैप्चरिंग के बारे में तो सुना ही होगा, हो सकता है किसी ने देखा भी हो। मोटा-मोटी कहा जाए तो हर कोई जानता है कि बूथ कैप्चरिंग क्या होती है और कैसे होती है। इसको और बेहतर तरीके से समझना हो तो इस तरह से भी देखा जा सकता है कि भारत में होने वाले सभी प्रकार के चुनावों में पंचायत से लेकर संसद तक के चुनाव में सुरक्षा बल एक अनिवार्य जरूरत हैं। सुरक्षा बलों के बिना निष्पक्ष चुनावों की कल्पना भी नहीं की जा सकती। पिछले 75 सालों में इस एक मसले पर कुछ भी नहीं बदला है। यह हाल तब है जब पुलिस, प्रशासन और सुरक्षा बलों को देख कर डरने की प्रवत्ति आम है। ऐसे में कहना कि चुनाव निष्पक्ष होते हैं एक क्रुर मजाक से ज्यादा कुछ नहीं।

दरभंगा भारत का एकमात्र शहर है, जिसके एक परिसर में दो विश्वविद्यालय हैं । पहला है कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय दरभंगा और दूसरा ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा। आपको ये भी बता दें कि कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय बिहार का पहला और भारत का दूसरा संस्कृत विश्वविद्यालय है। . यूँ तो दरभंगा में घूमने की चीज़े बहुत सी है। महाराजा कामेश्वर सिंह द्वारा निर्मित किला, स्थान और अन्य कई इमारतें और मंदिर शहर में प्रमुख पर्यटन आकर्षण के रूप में जाने जाते हैं। दरभंगा के बारे में और ज्यादा जानने के लिए सुने चलो चलें ....

लहलहाती फसलों को देखकर किसानों का सीना हो रहा चौङा। शेखपुरा।। इस वर्ष खरीफ एवं रबी फसल की पैदावार पर रब की छत्रछाया बनी हुई है। यदि इसी तरह भगवान की छत्रछाया किसानों के उपर बनी रही तो इस बार किसानों को बेहतर उपज की उम्मीद जताई जा रही है। बताते चलें कि खरीफ फसल के वक्त भी समय समय पर बारिश हुई। इसी तरह से रबी फसल के वक्त मौसम ने भरपूर साथ दिया। फसल को कभी किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ। खेतो में रबी फसल की अच्छी उपज को देख किसान काफी खुश दिखाई दे रहे है।खेतों में सरसों मसूर,मटर चना गेहूं की फसल लहलहा रही है। यदि मौसम साथ दिया तो इन सभी फसलों को पूर्ण तरीके से तैयार होने में अभी लगभग पंद्रह से बीस दिनों की समय लग जायेगा। हालांकि कहीं-कहीं किसान सरसों की कटाई में लग गए है। किसान बताते है कि इस बार मौसम मेहरबान रहा तो पैदा से घर भर जायेगा। पिछले वर्ष रबी फसल के वक्त मौसम साथ नहीं देने के कारण पैदावार बहुत कम हुआ था। घाटकुसुम्भा प्रखंड के किसान महेंद्र यादव, कपिल महतो, चंदन सिंह,, दिलीप सिंह, विनय महतो, बीरेंद्र साव, नरायण राम, संतोष कुमार, दिलीप साव सहित कई किसानों ने बताया कि मसूर, गेहूं व सरसों की फसल को देखकर मन गदगद हो गया है। मौसम साथ दिया तो मसूर , सरसों व गेहूं की अच्छी पैदावार से कोठी भर जाएगी। अभी तक मौसम एवं भगवान की किसानों के ऊपर बहुत अच्छी कृपा बनी रही है। फिलहाल अभी मौसम साथ दे रहा है।

दोस्तों, 7 फरवरी आ चुकी है और आज हम मना रहे हैं वर्ल्ड रीड अलाउड डे... और हमारे पास पहुंच चुकी हैं आपकी बहुत सारी कहानियां... सुंदर-सुंदर कविताएं और किस्से भी... तो चलिए फिर आपकी रिकॉर्ड की गई कुछ अच्छी कहानियों और किस्सों को यहां सुनाते हैं. इस खास दिन पर आप भी बच्चों को कहनियां पढकर सुनाएं और उन्हें भी कहानियां सुनाने और रिकॉर्ड करने के लिए प्रेरित करें. अपनी कविता, कहानियां रिकॉर्ड करने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.

हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। दोस्तों, उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे.. हो जाइए तैयार।

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