नगर पंचायत शेखोपुरसराय क्षेत्र नीमी व शेखोपुरडीह गांव में छठ पूजा को लेकर ग्रामीण किसान राब्बे का निर्माण कार्य प्रारम्भ कर चुके हैं ! बता दें की क्षेत्र के मुख्य फसलों में से एक गन्ने की फ़सल को भी यहां के किसान कड़ी मेहनत के साथ गन्ने में मिठास घोलने का काम करते है ! जिनकी शुरआत सनातन धर्म के महान आस्था के पर्व छठ पूजा से प्रारम्भ कर दिया जाता है ! नवम्बर माह से हीं किसान के द्वारा खेत में लगाए गए गन्ने जो बिल्कुल तैयार हो जाते हैं ! वहां कलेसर गाड़ कर छठ पूजा के लिए राब्बे की तैयारी में जुड़ जाते हैं ! इस संबंध में जानकारी देते हुए नीमी गांव के किसान चंद्रमौली सिंह दिनेश सिंह उर्फ दीना सिंह नागमणी सिंह, अजय यादव संजय सिंह पंकज सिंह आदि किसानों ने बताया की इस बार गन्ने की खेती में जंगली जानवरों के द्वारा काफी छति पहुचाई गई है! जँगली वनसुअरों के द्वारा गन्ने के खेत मे काफी संख्या में जानबर अपने रहने का स्थान बना कर गन्ने को नुकसान पहुचाया है । जिसे लेकर मीडिया बंधुओं के द्वारा कई बार समाचार प्रकाशित करवाया गया परंतु किसानों की इस समस्या को सरकार के द्वारा किसी प्रकार का संज्ञान नही लिया जा सका । बोहिं कार्तिक मास के छठ महापर्व से किसानों के द्वारा गन्ने की पेराई कर राब्बे का निर्माण किया जा रहा है । इस बार क्षेत्र में कुल दो सौ बीघा में हीं गन्ने की खेती की जा सकी है । और मजदूर सहित जंगली जानवरों का भी प्रकोप बाना रहा है । और किसानों को समस्याओं का लगातार सामना करना पड़ा जिसे लेकर शुरुआत से ही राब्बे का दाम किसानों को द्वारा एक सौ रुपए प्रति किलो निर्धारित किया गया है । बोहिं सनातन धर्म के महान आस्था का पर्व छठ पूजा हेतू पकबान बनाने में व्रतियों के द्वारा राब्बे का वृहत मात्रा में उपयोग किया जाता है । राब्बे के दाम में बढ़ोतरी होने के कारण इस बार छठ व्रतियों को काफी समस्या का सामना करना पड़ेगा ।

शेखोपुरसराय प्रखंड क्षेत्र के ई किसान भवन में अगले तीन दिनों से रबी फ़सल के लिए किसानों को बीज़ वितरण कराया जा रहा है ! लेकिन बीज़ वितरण के दौरान पँहेशा, मोहसीमपुर, खुड़िया आदि गाँवों के किसानों के द्वारा कृषि समन्यवयक रामपुकार के द्वारा बीज़ वितरण करने में अवैधता का आरोप लगाया है ! इस संबंध में जानकारी देते हुए मोहसीमपुर पुर के किसान अजय कुमार ने बताया की मोबाइल ओ टी पी की हेर फेर कर कृषि समन्यवयक चना वीज के जगह मसूर के बीज़ दिया जा रहा है ! वोही पँहेशा गाऊँ के रोहित कुमार, शीला देवी ने बताया की हम लोगों को समन्यवयक बरगला कर चना का बीज़ देने से कतरा रहें हैं ! और उनके द्वारा चिन्हित किसानों को साइड से सरकारी चना का बीज़ दिया जा रहा है ! जिसे लेकर सही किसानों को चना का बीज़ मिलने में काफी समस्या हो रही है !

धड़ल्ले से हो रहा है उपयोग। दुकानदारों ने कहा, ग्राहक छूटने की मजबूरी में दुकानदार,पॉलिथीन में दे रहे सामान शेखपुरा। प्लास्टिक केरी बैग पर प्रतिबंध होने के बावजूद धडल्ले से उपयोग किया जा रहा हैं। फल-सब्जी के ठेलों व परचूनी सामानों की दुकानों व छोटे-मोटे दुकानदारों की ओर से प्रतिबंधित कैरिबैग का इस्तेमाल जारी हैं। हालांकि न तो विभाग के अधिकारी चोरी छिपे प्लास्टिक कैरिबैग बनाने वाली फैक्ट्रियों और न ही होलसेल में कैरिबेग बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही हैं। प्लास्टिक केरिबैग का उपयोग नहीं थमने से सरकार के बनाए कानून की धज्जियां उड रही हैं। बता दें कि केंद्र सरकार के द्वारा एक जुलाई से हीं सिंगल यूज़ पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन जिले में इसका असर नहीं दिखाई दे रहा है। क्योंकि जिले में पाबंदी के बावजूद पॉलीथीन का प्रयोग धड़ल्ले से जारी है।

माफो गांव में जनसंवाद कार्यक्रम का हुआ आयोजन, कई योजनाओं पर हुई चर्चा। घाटकुसुम्भा प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत माफो पंचायत के माफो गाँव के दूर्गा स्थान के पास सोमवार को एसडीओ सतीश रंजन की अध्यक्षता में जनसंवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत एसडीओ के साथ मुखिया सुनीता देवी, डीएसपी अरविंद कुमार सिंह, बीडीओ एजाज आलम के द्वारा दीप जलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। जनसंवाद कार्यक्रम में आये पदाधिकारियों ने अपने-अपने विभाग में सरकार द्वारा संचालित योजनाओं पर चर्चा की। साथ ही उसके लाभ लेने के बारे में बताया। ताकि अधिक से अधिक ग्रामीण सरकारी योजनाओं का लाभ ले सकें। इस मौके पर अनुमंडल पदाधिकारी ने लोगों से रुबरु होते हुए उनकी समस्याओं को सुना और योजनाओं को और कैसे बेहतर किया जा सकता है इस संबंध में सुझाव भी दिये। इस मौके पर जनप्रतिनिधियों ने भी अनुमंडल पदाधिकारी के समक्ष स्थानीय समस्याओं से अवगत कराते हुए योजनाओं की उपलब्धि एवं सुधार संबंधी सुझाव साझा किया। जहां अनुमंडल पदाधिकारी ने योजना की पहुँच सुनिश्चित कराने में जनप्रतिनिधियों की भूमिका की सराहना करते हुए आगे भी सहयोग देने की अपील की। उन्होने कहा कि आप सभी आम जनता एवं जनप्रतिनिधिगण जो भी हमे सुझाव दे रहे हैं है। उस पर निर्णय लेते हुए चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी। ज्ञात हो कि बिहार सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की व्यापकता हेतु जन-संवाद कार्यक्रम आयोजित कर आमलोगों को योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराने, आमजनों के सुझाव प्राप्त करने सहित संचालित योजनाओं की फीडबैक प्राप्त किया जा रहा है। साथ ही जनप्रतिनिधियों से प्रतिक्रिया प्राप्त करने के साथ-साथ योजनाओं को और अधिक विस्तृत करने के संबंध में तथा भविष्य के लिए भी स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप विकासात्मक कार्यों से संबंधित सुझाव प्राप्त कर आवश्यकतानुसार जिला स्तर से अथवा राज्य स्तर से सुझावों पर विचार कर अग्रेतर कार्रवाई किया जाना है। इस हेतु जिला एवं प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी द्वारा जनसंवाद कार्यक्रम का आयोजन लगातार किया जा रहा है। जन-संवाद कार्यक्रम में प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी सहित सभी प्रखंड स्तरीय पदाधिकारीगण, विभिन्न क्षेत्रों से आये जनप्रतिनिधिगण एवं बड़ी संख्या में आम जनता उपस्थित थे।

शेखपुरा।। जो सरकार भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की लहर पर चुनाव जीती और जिसने सार्वजनिक जीवन में सम्पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करने का वादा किया वह सुप्रीम कोर्ट में कह रही है कि देश के नागरिकों को यह जानने का अधिकार नहीं है कि राजनीतिक दलों को कहां से चंदा मिलता है और कौन कितना चंदा देता है! सोचें, जब यही अधिकार नहीं है तो बाकी किसी अधिकार का क्या मतलब है?

बरबीघा।। बरबीघा प्रखंड अंतर्गत तेउस पंचायत के वर्तमान मुखिया सिंकु कुमारी एवं उनके पति शिवपूजन राम के साथ गांव के हीं एक लोगों के द्वारा गाली-गालौज करते हुए जान से मार देने की धमकी देने का मामला प्रकाश में आया है। मामले के लेकर मुखिया ने जयराम थाना को आवेदन देकर उचित कानूनी कार्यवाही करने की गुहार लगाई है। दिए गए आवेदन में मुखिया ने कहा है कि बुधवार की दोपहर करीब बारह बजे गांव के हीं दुअनमा टोला के सुरेन्द्र सिंह के पुत्र मुरारी कुमार के द्वारा मेरे पति के मोबाइल पर फोन करके पशु शेड का रुपया क्यों नहीं निकालते हो कहकर गाली गलौज किया एवं जान से मारने की धमकी दिया। मुखिया ने यह भी बताया कि उतना पर भी उसका मन नहीं भरा तो उसी दिन शाम करीब साढ़े पांच बजे घर पर आकर मेरे पति को गाली गलौज करते हुए मारपीट करने लगा। और कहा कि यह बात तुमने दूसरे को क्यों बताया। जब हल्ला गुल्ला सुनकर मैं घर से बाहर निकली तो मेरे साथ भी गाली गलौज करते हुए कहा कि तुम्हारे जैसा मुखिया हम रोज पैदा करते हैं। साथ हीं कहा कि कभी भी तुमको और तुम्हारे पति को जान मार देंगे। मुखिया ने बताया कि मेरे पति पेशे से शिक्षक हैं और हमेशा घर से बाहर हीं रहते हैं। यदि इनके साथ किसी तरह की घटना होती है तो इसका जिम्मेदार मुरारी कुमार होगा। मुखिया ने कहा कि मुरारी कुमार के द्वारा हमेशा पैसों की मांग किया जाता है।

बरबीघा।। बरबीघा के विकास के लिए अरिस्टो दवा कंपनी के एमडी उमेश प्रसाद सिंह उर्फ भोला बाबू सहयोग करेंगे। इसके लिए शनिवार को नगर क्षेत्र के टाउन हॉल में उनके सम्मान में बरबीघा नगर परिषद के उपसभापति निधि कुमारी और कुणाल किशोर के द्वारा उनके सम्मान समारोह आयोजित किया जा रहा है। इस संबंध में कुणाल किशोर ने बताया कि कुछ महीने पहले एक औपचारिक मुलाकात के दौरान भोला बाबू ने कहा था कि बरबीघा बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री रहे डॉ श्री कृष्ण सिंह की धरती है। मेरी हार्दिक इच्छा है कि बरबीघा के विकास कार्यों में कंपनी के सीएसआर फंड से कुछ योगदान दिया जाए।इसी को लेकर उनके सम्मान में समारोह का आयोजन किया गया है। इसके अलावा कार्यक्रम के दौरान क्षेत्र के एक हज़ार बच्चों के बीच स्कूल बैग का वितरण भी किया जाएगा। इस कार्यक्रम में बरबीघा के ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्र से भी कई गणमान्य लोग शिरकत करेंगे।

बिहार में कृषि चिंताजनक स्थिति में / पूरे बिहार की मिट्टी में पोषक तत्वों का चरण सामान्य रूप से है. मगर मुजफ्फरपुर और पश्चिम चंपारण समेत अन्य स्थान की मिट्टी अत्यधिक क्षारीय और अम्लीय हो गई है इससे  किसी चीज की खेती करना संभव नहीं... बिहार के किसानों के लिए चिंताजनक खबर है. राज्य की मिट्टी के उर्वरता तेजी से घटती जा रही है. फसलों के लिए जरूरी नाइट्रोजन फास्फोरस पोटाश जिंक जैसे पोषक तत्वों की भारी कमी है कृषि जानकारी की माने तो रासायनिक उर्वरक और कीटनाशकों के बेदर्दी और जरूरत से अधिक उपयोग की वजह से मिट्टी की सेहत लगातार बिगड़ती जा रही है. अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो पंजाब हरियाणा जैसे राज्यों की तरह हमारे खेतों भी हालतहो जाएगी.खेती की जमीन बंजर या कम पैदावार देने वाली हो जाएगी. बिहार सरकार ने किसी के समग्र विकास के लिए कृषि रोड मैप बनाकर बड़ी पहल की. तीसरा रोड मैप जारी है चौथ को लगाने की कवायद चल रही है. इसके सार्थक परिणाम भी सामने आए हैं राज्य में खदान समिति फलों और सब्जियों के प्रति वर्ष रिकार्ड उपज रही है मगर मिट्टी की गुणवत्ता को बरकरार रखने की चुनौती सामने आई है. राज्य की मिट्टी में बहुमूल्य पोषक तत्वों के प्रमुख नाइट्रोजन की मात्रा 60 फ़ीसदी, फास्फोरस की मात्रा 45 फ़ीसदी, पोटाश में 28 फ़ीसदी, जिंक में 42 फ़ीसदी, बोरोंन में 18 और सल्फर में 24 फ़ीसदी की कमी हो गई है. वैसे यह स्थिति लगभग पूरे देश में है. इसका खुलासा हाल ही में केंद्रीय कृषि मंत्रालय की तरफ से जारी मुदा की सेहत संबंधित रिपोर्ट भी की गई है. बिहार की मिट्टी में नाइट्रोजन की कमी ज्यादा पाई गई है. करीम 90 फ़ीसदी क्षेत्र की मिट्टी में इसकी कमी है. मिट्टी के आत्म मानी जाने वाली वैज्ञानिक कार्बन की 40 फ़ीसदी कमी हो गई है. इसका सीधा कर सभी तरह के फसलों की गुणवत्ता पर पड़ रही है इन जिलों में खेती पर ज्यादा असर.. बताते चले कि पूरे बिहार की मिट्टी में पोषक तत्वों का छरण सामान्य रूप से है. मगर मुजफ्फरपुर और पश्चिम चंपारण समिति अन्य जिलों स्थान पर मिट्टी अत्यधिक छरिये और अम्लीय हो गई है. हालांकि विभाग के स्तर पर इसका तेजी से उपचार किया जा रहा है संभावना है कि कुछ समय बाद यह सब कुछ ठीक हो जाएगी अगर मिट्टी की सेहत को लेकर अभी से सचेत नहीं हुई तो कई जिलों में ऐसी स्थिति हो जाएगी हो जाएगी. एक रिपोर्ट के मुताबिक 15 फ़ीसदी  मृदा की सेहत बेहद खराब हो गई है. सब और किसी विश्वविद्यालय की मृदा  विज्ञान विशेषज्ञ डॉक्टर सुनील कुमार  ने का कहना है की मिट्टी में 17 से ज्यादा पोषक तत्व होते हैं जो पौधों को संक्षिप्त विकास के लिए जरूरी है. इसमें नाइट्रोजन फास्फोरस पोटाश समेत 6 बेहद प्रमुख पोषक तत्वों की उचित मात्रा मिट्टी में बनाए रखने की जरूरत है इसकी कमी से बिहार में मिट्टी की उर्वरता शक्ति कम हो रही है

बीपीएससी ने शिक्षक भर्ती परीक्षा के सफल अभ्यर्थियों को मेगा इवेंट कराकर गांधी मैदान में सीएम नीतीश कुमार के हाथों 1.20 हजार अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिलवा दिया, लेकिन अब कई असफल छात्रा और शिक्षक संगठन भर्ती में गड़बड़ी का आरोप लगा रहे हैं. कई जगहों पर इन अभ्यर्थियों की शिकायत सही भी पाई जा रही है. जिसके बाद ऐसे अभ्यर्थियों के नियुक्तिपत्र पर तत्काल रोक लगाते हुए शिक्षा विभाग ने नोटिस भी जारी कर दिया है. शिक्षा विभाग के इस कदम से फर्जीवाड़ा कर नियुक्ति पत्र लेने वाले अभ्यर्थियों में हड़कंप मच गया है. फर्जी शिक्षकों में हड़कंप खबरों के मुताबिक मुजफ्फरपुर और पश्चिम चंपारण जिले में शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है. मुजफ्फरपुर में 100 सफल शिक्षकों के नियुक्ति पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी गई है. जबकि पश्चिम चंपारण में 30 शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक लगाई गई है. मुजफ्फरपुर जिला शिक्षा पदाधिकारी की ओर से 100 नवनियुक्त शिक्षकों की सूची जारी की गयी है और इसमें लिखा गया है कि अध्यापक नियुक्ति परीक्षा 2023 के प्रमाण पत्र सत्यापन के क्रम में प्रथम दृष्टया संदेहास्पद प्रमाण पत्र वाले अभ्यर्थियों की औपबंधिक नियुक्ति पत्र रोकी गयी है. सैकड़ों नवनियुक्त शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक वहीं, पश्चिम चंपारण में 30 नव नियुक्ति शिक्षकों की सूची जारी की गयी है. इस सूची के साथ ही ये जानकारी दी गई है कि प्रमाणपत्र सत्यापन के क्रम में त्रुटि रहने के कारण काउंसलिंग पत्र रद्द कर दिया गया है. अगर ऐसे अभ्यर्थियों को किसी तरह की कोई आपत्ति है, तो वे 5 नवंबर तक कार्यालय आकर अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं. बता दें कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने दो नवंबर को नवनियुक्त 1 लाख 20 हजार शिक्षकों को पटना के गांधी मैदान में नियुव्ति पत्र सौंपा था. जारी की गई सूची दो महीने के अंदर नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी कर बिहार सरकार ने रोजगार देने का नया इतिहास रच दिया, लेकिन इस इतिहास रचने के साथ ही नियुक्ति में गडबड़ी की शिकायतें भी बड़े पैमाने पर सामने आई. ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि क्या सरकार की ओर से फेयर परीक्षा कराकर रोजगार देने का दावा हवा हो रहा है क्योंकि जिस तरह से मुजफ्फरपुर और पश्चिम चंपारण में सफल शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक लगाई गई है. उससे कुछ यही कहानी सामने आ रही है.हालांकि इतने बड़े पैमाने पर लोकसभा चुनाव से पहले भर्ती के कई मायने हैं.

शेखपुरा में शुक्रवार की देर रात आए भूकंप से डोलती रही धरती, नेपाल रहा भूकंप का केंद्र शुक्रवार की देर रात बिहार में पटना समेत 11 जिलों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, रिएक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.4 मापी गई है। भूकंप का केंद्र नेपाल में 10 किलोमीटर जमीन के नीचे था भूकंप के बाद पटना समेत कई जिलों के लोग अपने घर के बाहर निकल आए। हालांकि, अभी तक किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं मिली है।भूकंप के दौरान धरती करीब एक मिनट तक धरती हिलती रही। कई बार आफ्टर शॉक्स भी महसूस किए गए। जिन जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गए उनमें पटना, आरा, दरभंगा, गया, वैशाली, खगड़िया, सिवान, बेतिया, बक्सर, नालंदा, नवादा शामिल है शेखपुरा जिले के आसपास के हिस्सों को भूकंप के संंबंध में संवेदनशील माना जाता है। शेखपुरा जिले में भूकंप के हल्के झटके महसूस होते ही लोग डर के मारे अपने घर से बाहर निकल आए। देर रात आए भूकंप के झटकों से लोग दहशत में दिखे। हालांकि, राहत की बात यह है कि अबतक शेखपुरा जिले में जान माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है।दरअसल, जब भूकंप आया तो ज्यादातर लोग खाना खाकर सोने की तैयारी में थे. ऐसे में ज्यादातर लोगों को और कई जिलों में इसे आसानी से महसूस किया गया. कहीं पंखा हिलते दिखा तो कहीं घरों से बाहर आकर लोग एक-दूसरे से भूकंप के बारे में पूछने लगे। कुछ देर के लिए तो लोगों में हड़कंप मच गया। वही देश के कई हिस्सों से ऐसे वीडियो सामने आए हैं जिसमें कहीं पंखा हिलता दिख रहा है तो कहीं झूमर हिल रहे हैं।