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बनो नई सोच ,बुनो हिंसा मुक्त रिश्ते की आज की कड़ी में हम सुनेंगे महिलाओं के साथ होने वाले दुर्व्यवहार और हिंसा के बारे में।

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सुपौल जिले के सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड अंतर्गत मध्य विद्यालय दाहूपट्टी के प्रांगण को स्थानीय कुछ लोगों द्वारा भैंस और गाय का बथान बना दिए जाने से छात्र-छात्राओं की परेशानी बढ़ने लगी है। शुक्रवार के दिन विद्यालय के कई छात्र-छात्राओं ने बताया कि विद्यालय के प्रांगण में लोग जबरन भैंस और गए बढ़ रहे हैं और विरोध करने पर भी उस पर रोक नहीं लग रही है। छात्र-छात्राओं का कहना था कि विद्यालय प्रांगण में भैंस और गाय के बंधे होने के कारण एक तो उन लोगों को खेलने में परेशानी होती है और दूसरा यह की बार-बार उसके हमले का खतरा रहता है जिस कारण खेलना छोड़ दिए हैं। विद्यालय प्रधान का कहना था कि वहां जो लोग गए और भैंस बांध करते हैं उसे बार-बार मना किया जाता लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ता। जांच में जो पदाधिकारी आते हैं उन्हें भी शिकायत की जाती है लेकिन कार्रवाई नहीं होती है जिसके चलते बच्चे खेल नहीं पाए ठीक से पढ़ नहीं पाते।

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के पद पर के के पाठक के योगदान के साथ ही सरकारी विद्यालयों में काफी बदलाव दिखाई देने लगा। बदलाव जारी है लेकिन सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड के कई विद्यालयों में अभी भी सुधार की जरूरत है। ऐसे विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के नामांकन के अनुपात में छे बच्चे स्कूल से पार रहते हैं। यानी आधे बच्चे स्कूल नहीं आते जिसके चलते मिड डे मील में खाना पूरी होती है। प्रखंड के मदरसुल बनात छिटही मे मंगलवार के दिन 403 नामांकन में से मात्र 210 छात्र उपस्थित पाए गए। विद्यालय के शिक्षकों का कहना था कि छे बच्चे स्कूल नहीं आए। किस कारण से आगे बच्चे स्कूल से अनुपस्थित रहते हैं इसका कोई जवाब शिक्षकों के पास नहीं था। अगल-बगल के कुछ अभिभावकों का कहना था कि विद्यालय में उपस्थित छात्र-छात्राओं में से कभी डेढ़ तो कभी दोगुना उपस्थिति अधिक दिखाई जाती है। ऐसे अभिभावकों का कहना था कि शिक्षा में सुधार का मतलब छात्र-छात्राओं की कम से कम 90% उपस्थित हो और सभी को समान रूप से पढ़ाया जाए तब माना जाना चाहिए। ऐसा नहीं की कुछ ही छात्र-छात्र उपस्थित हुए और उसी को आधार बनाकर रिपोर्ट दी जाए।

स्थानीय आवासीय गुरुकुल स्कूल प्रांगण में धूमधाम से वर्ग नवम और अष्टम के बच्चों के द्वारा दसवीं के बच्चों को फेयरवेल पार्टी दी गई। कार्यक्रम का उद्घाटन स्कूल के निदेशक राकेश चौधरी द्वारा फीता काटकर किया गया। साथ ही स्कूल के निदेशक द्वारा दसवीं के छात्रों को मोमेंटो और बुके देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन नव्या भगत ने किया। वहीं दसवीं के छात्रों ने अपने जूनियर्स को संबोधित भी किया। नौंवी कक्षा के छात्रों की ओर से आयोजित इस पार्टी में सब एकजुट होकर उत्साह पूर्वक मनाया। वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ वर्ग आठ की छात्रा नव्या भगत, श्रेया, स्वीटी, अनामिका, श्रुति, सरोज, अविमंयु,रणधीर, कृष्णा, शौर्य, नंदनी, बाबुल, आयुष, सत्यप्रकाश जायसवाल, संस्कृति दास, सुहानी के द्वारा स्वागत गीत से किया गया। दसवीं कक्षा के छात्रा गुनगुन, रानी ने अपने अनुभवाें को जूनियर साथियों के साथ साझा करते हुए उन्हें लक्ष्य के प्रति अडिग रहने की सलाह दी। स्कूल के एकेडमिक सुपरवाइजर सह स्कूल इंचार्ज विकास आनंद ने बच्चों को सफलता का मंत्र बताते हुए कहा कि एक विचार लो और उस विचार को अपने जीवन का सार बना लो- उसी को सोचो और उसी के स्वप्न देखो। कार्यक्रम में स्कूल के सचिव रवि प्रकाश दास, गोविंद जोशी, अलका, खुशी, दीपांकर, मनीष कुमार आयुष, श्वेता, चंचल आदि मौजूद थे।

राज्य परियोजना निदेशक शिक्षा विभाग बिहार सरकार पटना भी कार्तिकेय धनजी ने शुक्रवार को सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड के उच्च माध्यमिक विद्यालय भपटियाही का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने विद्यालय में पठन-पाठन की स्थिति की जानकारी ली तथा विद्यालय प्रांगण में बने साइंस पार्क को दिखा। अपने 1 घंटे के निरीक्षण में राज्य परियोजना निदेशक ने विद्यालय के तमाम व्यवस्थाओं को नजदीक से जाना तथा छात्र-छात्राओं से भी प्रश्नोत्तर किया। उन्होंने विद्यालय प्रधान सुधीर कुमार यादव से जानकारी लिया कि विद्यालय में कितने छात्र-छात्रा का नामांकन है और नियमित उपस्थिति क्या है तो प्रधान ने कहा कि वहां 500 से लेकर 600 तक छात्र-छात्रा प्रतिदिन कक्षा आ जाते हैं। परियोजना निदेशक ने विद्यालय प्रांगण में बंद है खेल मैदान के बारे में भी जानकारी लिया।

सरायगढ़ भपतियाही में स्कूल में कुछ नही है सुविधा। अभी भी जमिन होती है पढ़ाई। नही है सौचालय जिस कारण बच्चे स्कूल में नही रहते है

2016 में 14% छात्र औपचारिक शिक्षा से बाहर थे जो कि देश में 2023 में भयानक सुधार होने के बाद भी अब मात्र 13.2 फीसद बाहर हैं ... 2016 में 23.4 फीसद अपनी भाषा में कक्षा 2 का पाठ नहीं पढ़ पाते थे आज 2023 में अति भयानक सुधार के साथ ये आंकड़ा 26.4 प्रतिशत है ... देश के आज भी 50 फीसद छात्र गणित से जूझ रहे हैं ... मात्र 8 साल में गणित में हालात बद से बदतर हो गए ... 42.7% अंग्रेजी में वाक्य नहीं पढ़ सकते हैं... अगर आप सरकार से जवाब माँगिए , तो वे कहती है कि वो लगातार बैठकें कर रहे हैं लेकिन असर की रिपोर्ट बताती है कि ये बैठकें कितनी बेअसर हैं... तो विश्व गुरु बनने तक हमें बताइये कि *-----आपके गांव या जिला के स्कूलों की स्थिति क्या है ? *-----वहां पर आपके बच्चों को या अन्य बच्चों को किस तरह की शिक्षा मिल रही है ? *-----और आपके गाँव के स्कूलों में स्कुल के भवन , बच्चों की पढ़ाई और शिक्षक और शिक्षिका की स्थिति क्या है ?

सरकार का दावा है कि वह 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन दे रही है, और उसको अगले पांच साल तक दिये जाने की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में यह भी दावा किया कि उनकी सरकार की नीतियों के कारण देश के आम लोगों की औसत आय में करीब 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। इस दौरान वित्त मंत्री यह बताना भूल गईं की इस दौरान आम जरूरत की वस्तुओं की कीमतों में कितनी बढ़ोत्तरी हुई है।