युवावस्था जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय है और यही समय हमारे पूरे जीवन का निर्धारण करता है। अतः हमें इस अवस्था में काफी सोच-समझकर कार्य करना चाहिए। यह बात मधेपुरा के अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) धीरज कुमार ने कही। वे शनिवार को प्राक् परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र द्वारा आयोजित दीक्षारंभ कार्यक्रम का उद्घाटन कर रहे थे।उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को अपना आत्ममूल्यांकन करना चाहिए। अपनी क्षमताओं को पहचानते हुए अपने जीवन का एक लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए और उसकी प्राप्ति के लिए हरसंभव कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि विद्यार्थी ईमानदारी से मेहनत करेंगे, तो उनको अवश्य ही लक्ष्य की प्राप्ति होगी। उनका जीवन तो खुशहाल होगा ही, इसके साथ-साथ उनके परिवार, समाज एवं राष्ट्र में भी खुशहाली आएगी।

मधेपुरा जिलाधिकारी विजय प्रकाश मीणा के आदेशानुसार मधेपुरा सदर अनुमंडल के विभिन्‍न थानो के 32 कांड में जप्त 426.110 लीटर विदेशी शराब व 264.700 लीटर चुलाई शराब अर्थात कुल 690.810 लीटर शराब का विनष्टीकरण मधेपुरा थाना परिसर एवं उदाकिशुनगंज अनुमंडल के विभिन्‍न थानो के 18 कांड में जप्‍त 27.750 लीटर विदेशी शराब व 425.100 लीटर चुलाई शराब अर्थात कुल 452.850 लीटर शराब का विनष्टीकरण उदाकिशुनगंज थाना परसिर में किया गया । कुल मिलाकर 1143.660 लीटर शराब का विनष्टीकरण किया गया।

जिला मुख्यालय के झल्लू बाबू सभागार, मधेपुरा में शनिवार को उप विकास आयुक्त-सह-वरीय प्रभारी पदाधिकारी, मधेपुरा की अध्यक्षता में आई.सी.डी.एस एवं मिशन शक्ति योजना की समीक्षात्मक बैठक की गई। बैठक में आई.सी.डी.एस अंतर्गत संचालित सभी छः सेवाएँ के साथ-साथ अन्य योजनाएं यथा-प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, आधार पंजीकरण, पोषण ट्रैकर पर गृह भर्मण, वृद्धि निगरानी, समुदाय आधारित गतिविधि एवं मनरेगा के अभिसरण से आंगनबाड़ी केंद्र भवन निर्माण, आंगनबाड़ी केंद्र को स्कूल, हाई स्कूल एवं बाढ़ आश्रय स्थल में शिफ्ट करने एवं मिशन शक्ति योजनांतर्गत संचालित योजनाएं यथा- वन स्टॉप सेन्टर, जिला हब फ़ॉर एम्पावरमेंट ऑफ वीमेन, मुख्यमंत्री नारी शक्ति योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ इत्यादि योजनाएं के प्रगति की समीक्षा की गई।

महिला एवं बाल विकास निगम, बिहार के निदेशानुसार शुक्रवार को जिला मुख्यालय के कला भवन, मधेपुरा में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजनांतर्गत जिला प्रशासन, मधेपुरा के सौजन्य से राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ अपर समाहर्ता श्री अरुण कुमार सिंह, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी-सह-नोडल पदाधिकारी, श्रीमती रश्मि कुमारी, अपर समाहर्ता विभागीय जांच श्री शिशिर कुमार, डॉ भूपेंद्र मधेपुरी, प्रशिक्षण आयुक्त श्री जयकृष्ण यादव, समाजसेवी शौकत अली एवं केंद्र प्रशासक कुमारी शालिनी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।

ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय परिसर में शनिवार को भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई ) की एक दिवसीय बैठक का आयोजन किया गया। एनएसयूआई जिलाध्यक्ष निशांत यादव की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में बड़ी संख्या में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया ।

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा आम की फसल में गुच्छा रोग नियंत्रण की जानकारी दे रहे है। अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें

हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। दोस्तों, उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे। हो जाइए तैयार, हंसने-हंसाने के लिए

बाईस जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन हो रहा है, उद्घाटन से पहले हर कोई राम नाम की लूट में लगा हुआ है। इस लूट में सबका हिस्सा है, लड़ाई उसके बाद भी है क्योंकि इसमें शामिल पार्टियों को लग रहा है कि उन्हें इस लूट का कम हिस्सा मिल रहा है। इस लड़ाई के सबसे मजबूत खिलाड़ी हैं धर्म और राजनीति जो एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं। चारों पीठों के शंकराचार्यों में से एक का कहना है कि राम मंदिर का उद्घाटन अगर प्रधानमंत्री उद्घाटन करेंगे तो हम वहां ताली बजाएंगे क्या? प्रधानमंत्री जिनके प्रयासों से यह सब हो रहा है, उनके समर्थक कह रहे हैं कि उन्होंने तो आज से तीस साल पहले कसम खाई थी कि जब तक राम लला को भव्य मंदिर में नहीं बिठा देंगे वह अयोध्या नहीं आएंगे। अब वे राम जी को लेकर आ रहे हैं।

सुनिए एक प्यारी सी कहानी। इन कहानियों की मदद से आप अपने बच्चों की बोलने, सीखने और जानने की समझ बढ़ा सकते है।ये कहानी आपको कैसी लगी? क्या आपके बच्चे ने ये कहानी सुनी? इस कहानी से उसने कुछ सीखा? क्या आपके पास भी कोई नन्ही कहानी है? हमें बताइए, फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।

जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है।आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं नंबर 3.