हमारा नाम पना देवी, गम्हरिया ,गौनाहा बेलसंडी से करोड़ों रुपये की लागत से बनी सरकारी नल-जल से नही मिल रहा गरीब लोगों को शुद्ध-स्वच्छ पीने की पानी। थरूहट क्षेत्र में है मनमानी और लोगों को है काफी परेशानी।आवास योजना का भी लाभ नहीं मिला

पश्चिम चम्पारण जिला के गौनाहा प्रखंड से मेरा नाम रघुपति देवी है हम गाँव गमरिया पोस्ट बेरसंडी पुलिस स्टेशन गावाना अनुमंडल नरकटियागंज वार्ड नं । राशन कार्ड नहीं मिला , बोनाल या इंदिरावास का लाभ नहीं मिला , सेप्टोपी नहीं मिला , बोनाल नहीं मिला , सरकार से कचरा नहीं मिला । शादी के दस साल हो गए थे , लेकिन इद्दीरा अभी तक गृहिणी नहीं थी ।

पश्चिम चम्पारण के गौनाहा प्रखंड से मैं गाँव गन्हरिया पोस्ट बेलसंडी पुलिस स्टेशन की निवासी सुष्मिता कुमारी हूँ गवनहा उप - मंडल मार्कटिया गंजवाड़ No . Four स्वच्छता अभियान चलाया गया है लेकिन अभी तक कोई लाभ नहीं मिला है । लाभ नहीं मिला है , आधार कार्ड को ठीक करना है , गाँव का नाम गलत है और मैंने बेरोजगारी भत्ता फॉर्म के लिए आवेदन किया है लेकिन अभी तक लाभ नहीं मिला है ।

पश्चिम चम्पारण, गौनाहा प्रखंड से मेरा नाम रितिराजकुमारी है । मैं गमारिया में घर पर हूँ । डाक योग्य सांडी थानगनहा वार्ड संख्या 4 उपखंड नरकटियागंज । आप मेरी समस्या यह है कि मैंने एक बेरोजगारी फॉर्म दाखिल किया था और वह पैसा नहीं आ रहा है ।

मैनाटांड़ , मेरा नाम राधाराण साहनी है , मैं कमला नगर चौटा पंचायत वार्ड संख्या बारह से बोल रहा हूँ , मेरा पुलिस स्टेशन अतर पश्चिम चंपारण में है और मेरा ब्लॉक म्यातार आंचल नक्तिया गोज में है मेरे पास अभी तक कोई राशन कार्ड नहीं है ।

बिहार राज्य के प्रखंड गौवनहा ग्राम बोलहवा के रहन ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया की उनके गाँव वार्ड नंबर तीन में नल जल की सुविधा नहीं है

अमर शाह ने इंदिरा आवास न मिलने की बताई बात

साथियों गर्मी का मौसम आने वाला है और इसके साथ आएगी पानी की समस्या। आज की कड़ी में लाभार्थी रोहित से साक्षात्कार लिया गया है जो जल संरक्षण पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे है।

पिछले 10 सालों में गेहूं की एमएसपी में महज 800 रुपये की वृद्धि हुई है वहीं धान में 823 रुपये की वृद्धि हुई है। सरकार की तरफ से 24 फसलों को ही एमएसपी में शामिल किया गया है। जबकि इसका बड़ा हिस्सा धान और गेहूं के हिस्से में जाता है, यह हाल तब है जबकि महज कुछ प्रतिशत बड़े किसान ही अपनी फसल एमएसपी पर बेच पाते हैं। एक और आंकड़ा है जो इसकी वास्तविक स्थिति को बेहतर ढ़ंग से बंया करत है, 2013-14 में एक आम परिवार की मासिक 6426 रुपये थी, जबकि 2018-19 में यह बढ़कर 10218 रुपये हो गई। उसके बाद से सरकार ने आंकड़े जारी करना ही बंद कर दिए इससे पता लगाना मुश्किल है कि वास्तवितक स्थिति क्या है। दोस्तों आपको सरकार के दावें कितने सच लगते हैं। क्या आप भी मानते हैं कि देश में गरीबी कम हुई है? क्या आपको अपने आसपास गरीब लोग नहीं दिखते हैं, क्या आपके खुद के घर का खर्च बिना सोचे बिचारे पूरे हो जाते हैं? इन सब सरकारी बातों का सच क्या है बताइये ग्रामवाणी पर अपनी राय को रिकॉर्ड करके

बिहार राज्य के चम्पारण थरुहट जिले के प्रेम महतो ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया की उनके यहाँ नल जल योजना के तहत पानी नहीं आ रहा है