जिले के ख्याति प्राप्त थरूहट क्षेत्र में यूँ ही पहले ही गरीबी, बेरोजगारी, पलायन, अशिक्षा यानी बेहतर सुविधाओं का घोर आभाव रहा है। हाल के दिनों में कुछ बदलाव व सुधार की झलक दिखने के साथ ही थरूहट के अधिकांश युवा अब आधुनिकता के दौर में नशे का शिकार होते जा रहे है।

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

नमस्कार , बिहार सरकार द्वारा बिहार में नशीली दवाओं की लत से मुक्ति के लिए विमलेशक जी गमरिया गवाना से थारवत मोबाइल वडानी में आप सभी का स्वागत है । कई उपाय और कानून बनाए गए हैं लेकिन अभी तक बिहार में कहीं भी शराब नहीं देखी गई है । कुछ लोग कहते हैं कि शराब पर प्रतिबंध नहीं है लेकिन यह महंगी हो गई है । शराब भगवान की तरह नहीं दिखती है लेकिन हर जगह पाई जाती है जैसे भगवान को न देखें लेकिन विश्वास करें कि भगवान आज हर जगह हैं । युवाओं पर इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है । अधिकतर देखा जा रहा है कि शिक्षित युवा भी नशे के आदी हो गए हैं । कई नशेड़ी लोगों के घर नष्ट हो जाते हैं । आजकल ज्यादातर दुर्घटनाएं नशे की लत के कारण हो रही हैं । जानकारी के अनुसार , अधिकांश गरीब और दलित लोग शराब बनाते और पीते हैं ।

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कैसे दारू बन्द होगा बताये