उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से मनु सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं की बिजली और गर्मी के लिए कोयले और प्राकृतिक गैस जैसे जीवाश्म ईंधन को जलाने के लिए जिम्मेदार हैं। जीएचजी उत्सर्जन का सबसे बड़ा हिस्सा बनाते हैं, मुख्य रूप से गैसोलीन और डीजल के जलने से। वे हटाने को रोकते हैं और कार्बन की रिहाई का कारण बनते हैं जो उन्होंने अपने जीवनकाल में संग्रहीत किया है; वनों की कटाई कृषि से वैश्विक उत्सर्जन का दस प्रतिशत का कारण बनती है। कृषि से प्रत्यक्ष उत्सर्जन वैश्विक उत्सर्जन का लगभग सत्रह प्रतिशत है, जिसमें अतिरिक्त सात प्रतिशत अप्रत्यक्ष रूप से वनों की कटाई और भूमि उपयोग परिवर्तनों के माध्यम से होता है।

ग्रीनहाउस गैसें बढ़ती हैं, वैसे-वैसे वैश्विक सतह का तापमान भी बढ़ता है। भूमि क्षेत्रों में अधिक गर्म दिन और लू चल रही है। उच्च तापमान गर्मी से संबंधितताओं को खुला है

ग्रह पृथ्वी को अक्सर "गोल्डीलॉक्स" ग्रह के रूप में जाना जाता है। हम सूर्य से सही दूरी पर सौर विकिरण को सोखने के लिए स्थित हैं जो हमें जीवन के लिए एक आरामदायक तापमान पर रखता है।

जिस परिवेश में हम रहते हैं उसे पर्यावरण कहते हैं. अगर हमारा पर्यावरण सुरक्षित नहीं होगा तो हमारी सुरक्षा पर भी प्रश्न चिन्ह लग जाएगा

उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से मनु सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि भारतीय नारियां पूरे विश्व में सर्वश्रेष्ठ हैं। भारतीय नारी की पहचान केवल सुंदरता नहीं, अपितु उनके गुण, सादगी और विनयशीलता है। भारत एक ऐसा देश है जहाँ महिलाओं के बीच अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग परंपराएँ और संस्कृतियाँ मौजूद हैं। हमें अपनी संस्कृति और परंपरा को बनाए रखना होगा। लेकिन इसके नाम की रचनाओं और अंधविश्वासों को खत्म करना भी बहुत महत्वपूर्ण है। वर्तमान आधुनिक युग में, हमें लड़कों और लड़कियों के बीच अंतर नहीं करना चाहिए और उनमें बचपन से ही संस्कार स्थापित नहीं करना चाहिए।

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उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से सायरा बानो मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि भूमि पर अधिकार बेटियों का क़ानूनी हक़ होता है। यह अधिकार संविधान में दो हजार पाँच से पहले उन्नीस सौ छप्पन में दिया गया था, लेकिन इसे संपत्ति पर दावों और अधिकारों के प्रावधान से पूरा किया गया था। इसे कानून की उन्नीसवीं शताब्दी से बढ़ाया गया है और उन्नीस सौ छप्पन से बनाया गया है, लेकिन इसके अनुसार पिता की संपत्ति पर केवल बेटे का उतना ही अधिकार है जितना कि बेटों का, यानी अगर दो बेटे और एक बेटी के पांच बच्चे हों। यदि तीन बीघा जमीन है तो एक बीघा पर तीनों का अधिकार एक प्रकार है। उन्नीस सौ छप्पन में संविधान बनाया गया है कि बेटी का उस संपत्ति पर उतना ही अधिकार है जितना बेटे का है।

उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से सायरा बानो मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि बेटा -बेटी में कोई अंतर नहीं है ,लेकिन आज भी बेटियों को उनका अधिकार नहीं मिलता है। पुरुषों को लड़कियों की तुलना में अधिक उपयोगी माना जाता है

उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से सायरा बानो मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि राजीव की डायरी कार्यक्रम सुनकर महिलाये जागरूक हो रही है और अपने अधिकारों को जानकारी है। इससे महिलाओं को अनेक तरह की जानकारियां मिलती है , जिससे वो अपने भविष्य को लेकर पूर्ण रूप से सोच सकती है

उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से सायरा बानो मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि महिलाओं को भी भूमि अधिकार मिलना चाहिए