उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं के खिलाफ अत्याचार रोकने के लिए चौबीस घंटे चलने वाले हेल्पलाइन नंबर 181 पर शिकायत दर्ज किया जा सकता है
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिला सम्पत्ति के अधिकार को लेकर तरह - तरह की प्रतिक्रिया सामने आ रही है। कुछ लोगों का कहना है कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार दिया जाना चाहिए। कुछ लोगों का कहना है कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए। लेकिन अगर देखा जाए तो सरकार को भी इस पर कड़ा रुख अपनाना चाहिए। जब तक सरकार इस पर कड़ा रुख नहीं लेती, तब तक महिलाओं को इस अधिकार से वंचित रहना पड़ सकता है। महिलाओं को संपत्ति का अधिकार देने के लिए सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए। आज समाज में देखा जा रहा है कि कई महिलाएं दहेज हत्या का शिकार हो रही हैं। तो कानून बनाने का क्या फायदा? कानून केवल कागज पर बनाया जा रहा है, लोगों को इसका लाभ नही मिल रहा है। महिला संपत्ति का अधिकार भी कागजों पर सिमट कर रह जाएगा।
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पुलिस अधीक्षक संतकबीरनगर सत्यजीत गुप्ता के निर्देशन में आगामी त्योहारों श्रावण मास कांवड़ यात्रा, मोहर्रम आदि को सकुशल संपन्न कराने, आदि को सकुशल संपन्न कराने, सुरक्षा व कानून व्यवस्था सुदृढ़ रखने तथा शांति एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाये रखने हेतु क्षेत्राधिकारी मेंहदावल केशवनाथ व उपजिलाधिकारी मेंहदावल द्वारा संयुक्त रुप से थाना बेलहरकला के अन्तर्गत लोहरसन कस्बा मे पुलिस बल के साथ पैदल फ्लैग मार्च किया गया । लोगों को बताया गया कि त्योहारों को सकुशल संपन्न कराने के लिए पुलिस प्रशासन का सहयोग करें, किसी प्रकार की अफवाह पर ध्यान ना दें, किसी भी प्रकार की समस्या आने पर अविलंब सम्बन्धित अधिकारी के मोबाइल नंबर या थाना चौकी पर अवगत करायें । इस दौरान थाना प्रभारी बेलहरकला जीतेन्द्र यादव सहित पुलिस व राजस्व के अन्य अधिकारी कर्मचारीगण उपस्थित रहे ।
उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर राज्य से रामप्रकाश मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि धुप में जाते समय तौलिया या रुमाल लेकर ही निकले। साथ में पानी का बोतल भी लेकर निकले जिससे समय समय पर पानी पीने से शरीर में थकावट नहीं होती है
उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से अलोक श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि 80 % पानी दूषित पाया जाता है और दूषित पानी पीने से कई प्रकार की बीमारियां होती हैं। नदियां हैं, इसलिए पानी को उबालें और एक बर्तन में डालें, फिर इसका उपयोग उबला हुआ पानी पीने के लिए करें। पानी उबलने से जो कुछ भी प्रदूषित है वह नष्ट हो जाता है। बारिश न होने के कारण जल स्तर गिर गया है। नदी का तालाब, कुआँ, पोखरा आदि। उनमें से लगभग सभी सूख चुके हैं। नदियों में रहने वाले लोग इस समय से थोड़ा पानी देते हैं और चले जाते हैं। तालाबों से निकलने वाले कवच प्राकृत नदियों के होते हैं। विरासत ताला पुखरा नदी है इसलिए हम लोगों द्वारा बनाए गए हैं लेकिन नदियाँ प्रकृति में देर से आती हैं, आज उनमें वही स्थिति पैदा हो गई है। पानी नीचे जाने के कारण, यह अधिक से अधिक होता जा रहा है, इसलिए यह पानी को उबलाता है।
दोस्तों मानव शरीर के निर्माण में भोजन एक महत्वपूर्ण तत्व है। प्रकृति ने कई प्रकार के खाद्य पदार्थ बनाए हैं जो महत्वपूर्ण और आवश्यक पोषक तत्वों से युक्त कोशिकाओं और शरीर के ऊतकों के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण हैं, तभी तो शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के लिए पर्याप्त मात्रा में भोजन करने की आवश्यकता होती है। साथियों, दुनिया भर में दूषित भोजन खाने से लाखो लोग मौत मुंह में समां जाते हैं।यह दिवस लोगों को याद दिलाता है कि शुद्ध और सुरक्षित भोजन स्वास्थ्य के लिए जरूरी है और यह सभी लोगों का अधिकार भी है। हर साल UN फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (FAO) एक थीम निर्धारित करता है जिसके तहत विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया जाता है।इस वर्ष World Food Safety Day 2024 की थीम है, ‘सुरक्षित भोजन बेहतर स्वास्थ्य’. तो साथियों आइए हम सब मिलकर विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाये और हर दिन शुद्ध और सुरक्षित भोजन का सेवन करें। धन्यवाद !!
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उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर राज्य से रामप्रकाश मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ नारा लगता है लेकिन आजकल बेटियाँ कहाँ सुरक्षित हैं? बच्चे को गर्भ में मार ही दिया जाता है.अल्ट्रासाउंड नहीं किया जाना चाहिए, सरकार इसे नियंत्रित करे सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है। सरकार को हर जिले में महिलाओं की सुरक्षा की व्यवस्था करनी चाहिए।
साल 2013-2017 के बीच विश्व में लिंग चयन के कारण 142 मिलियन लड़कियां गायब हुई जिनमें से लगभग 4.6 करोड़ लड़कियां भारत में लापता हैं। भारत में पांच साल से कम उम्र की हर नौ में से एक लड़की की मृत्यु होती है जो कि सबसे ज्यादा है। इस रिपोर्ट में एक अध्ययन को आधार बनाते हुए भारत के संदर्भ में यह जानकारी दी गई कि प्रति 1000 लड़कियों पर 13.5 प्रति लड़कियों की मौत प्रसव से पहले ही हो गई। इस रिपोर्ट में प्रकाशित किए गए सभी आंकड़े तो इस बात का प्रमाण है कि नई-नई तकनीकें, तकनीकों में उन्नति और देश की प्रति व्यक्ति आय भी सामाजिक हालातों को नहीं सुधार पा रही हैं । लड़कियों के गायब होने की संख्या, जन्म से पहले उनकी मृत्यु भी कन्या भ्रूण हत्या के साफ संकेत दे रही है। तो दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- आखिर हमारा समाज महिला के जन्म को क्यों नहीं स्वीकार पाता है ? *----- शिक्षित और विकसित होने के बाद भी भ्रूण हत्या क्यों हो रही है ? *----- और इस लोकसभा चुनाव में महिलाओ से जुड़े मुद्दे , क्या आपके लिए मुद्दा बन सकता है ??