इस कार्यक्रम में हम जानेंगे जल संरक्षण और ऊर्जा बचत से जुड़ी सरकारी योजनाओं के बारे में। साथ ही, यह कार्यक्रम बताएगा कि आप इन योजनाओं का लाभ कैसे उठा सकते हैं और अपने गाँव के विकास में कैसे योगदान दे सकते हैं। स्वच्छ पानी और सतत ऊर्जा के महत्व को समझते हुए, हम एक बेहतर कल की ओर कदम बढ़ाएंगे। क्या जल सरंक्षण की योजनाओं के बारे में आपने भी सुना है, क्या आप इन योजनाओं का लाभ आपने भी उठाया है, क्या आपके गाँव में जल सरंक्षण की कोई प्रेरणादायी कहानी है ?
यह एपिसोड बताता है कि हम अपने रोज़मर्रा के जीवन में कैसे छोटे-छोटे बदलाव करके बिजली और पानी बचा सकते हैं। इससे न सिर्फ हमारा खर्च कम होगा, बल्कि हम अपनी धरती की भी रक्षा कर पाएंगे। आसान तरीकों से हम सभी मिलकर पर्यावरण को बचाने में मदद कर सकते हैं।क्या आपने भी अपनी ज़िन्दगी में कुछ ऐसे बदलाव किए हैं? अगर हाँ, तो हमें बताइए।
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उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के.सी. चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि इन दिनों जनपद में बारिश नहीं हो रही है। भीषण गर्मी और उमस भरी धूप के कारण आम जनता परेशान है। साथ ही इस समय बिजली व्यवस्था भी खराब स्थिति में है। भविष्य के लिए लोगों को अधिक मात्रा में पेड़ -पौधे लगाने चाहिए। वैज्ञानिकों का मानना है जहां पेड़-पौधे ज्यादा होते हैं वहां वर्षा भी ज्यादा होता है। इसलिए बारिश के लिए भी हमें वृक्षारोपण करना चाहिए
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संतकबीरनगरः ग्रामीणों ने अपनी मांगों को लेकर डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन कर गांव में बिजली लगवाई जाने की मांग की , विद्युत विभाग द्वारा ट्रांसफार्मर लगाए जाने के स्वीकृति के बाद भी विभाग की लापरवाही का लगाया आरोप, बघौली ब्लाक क्षेत्र के बालू शासन गांव के निषाद बस्ती का मामला.
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उत्तप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से अलोक श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि गर्मी जितनी होगी, उतनी ही बिजली कट जाएगी, यानी गर्मी के कारण बिजली कट जाएगी। लोग मुसीबत में हैं, बिजली से थोड़ी राहत है, लेकिन गर्मी के कारण कुछ लोगों को पता नहीं है कि जीवन जितना गर्मी कितना है। इस समय, कटौती की जा रही है। अधिक भार के कारण कटौती की जा रही है। बिजली बचाने के लिए कटौती की जा रही है। हमेशा एक तुलना होती है। यहाँ साल फर बनाया जा रहा है। यह बेहतर हो रहा है, यह बेहतर हो रहा है, आधे घंटे के लिए रोशनी जलती है, कम से कम आधे घंटे के लिए, इसलिए लोग आज सांकबीर नगर में गर्मी के बारे में अधिक चिंतित हैं। चालीस डिग्री प्लस अभी इस दस-तीस घंटे के निशान पर, जीवित रहना दुर्लभ हो गया है। लोग बहुत परेशान हो गए हैं और कृषक वर्ग, जो लोगों से अधिक खेती करता है, सबसे अधिक परेशान है। यह आदमी भावपूर्ण तरीके से बोलता है, लेकिन जानवर, पक्षी, जो भी वे हैं, वे हमसे अधिक परेशान हैं। आजकल सुबह में कुछ पक्षी दिखाई देते हैं, उसके बाद शाम साढ़े छह बजे तक पूरे दिन कहीं भी कोई पक्षी उड़ता या बैठा नहीं दिखाई देता है।
भीषण गर्मी और लू के कारण स्वास्थ्य, पर्यावरण, कृषि और अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ रहे हैं, इन सभी खतरों से निपटने के लिए हमें तैयारियां करनी होंगी।