नमस्कार आदाब साथियों ,मोबाइल वाणी लेकर आया है रोजगार समाचार। सीआईएसएफ द्वारा कांस्टेबल/फायर के कुल 1130 पदों पर भर्ती निकाली गई है। न्यूनतम 18 वर्ष और अधिकतम 23 वर्ष के उम्र वाले वैसे पुरुष उम्मीदवार जिन्होंने साइंस विषय से 12वीं की कक्षा उत्तीर्ण किया हो ,वे इस पद के लिए आवेदन कर सकते है। आयु सीमा में छूट निर्धारित की गई है। उम्मीदवारों का चयन फिजिकल एफिशिएंसी टेस्ट ,फिजिकल स्टैण्डर्ड टेस्ट ,लिखित परीक्षा ,दस्तावेज़ जाँच प्रक्रिया व चिकित्सीय जाँच के आधार पर किया जाएगा। याद रखिए इस पद पर आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 सितम्बर 2024 है। तो साथियों,अगर आपको यह जानकारी लाभदायक लगी। https://cisfrectt.cisf.gov.in/

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से रामप्रकाश पाठक से साक्षात्कार लिया।रामप्रकाश पाठक ने बताया कि महिअलों को सम्पत्ति का अधिकार तभी देना चाहिए जब पिता का वारिस न हो। पत्या का वारिस है और बेटी की शादी हो गई है तब सम्पत्ति में बेटी को अधिकार देना उचित नही है। बेटी का ससुराल में अधिकार मिलना चाहिए। विवाहित महिला को पिता के माध्यम से नही , बल्कि पति के माध्यम से अधिकार मिलना चाहिए ।

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में अशिक्षा के अभाव में महिलाओं को संपत्ति का अधिकार नहीं मिल रहा है। इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है, इसके लिए महिलाओं को जागरूक करना आवश्यक है। जब तक महिलाओं को संपत्ति के बारे में जागरूक नहीं किया जाता है,तब तक महिलाएं पीछे रह जाएंगी। भले ही सरकार कहती है कि महिलाओं के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं और महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। इन क्षेत्रों में अभी भी कई पिछड़े लोग हैं जो संपत्ति के अधिकार और अन्य अधिकारों के बारे में नहीं जानते हैं।

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से श्रद्धा उपाध्याय से साक्षात्कार लिया। श्रद्धा उपाध्याय ने बताया कि बेटियों को जमीन में अधिकार मिलना चाहिए। माता - पिता बेटी को पढ़ते हैं और उनकी शादी करते हैं। ससुराल में अगर कोई दिक्कत होगी तो, भूमि में अधिकार होने से हिम्मत मिलेगा एवं जीवन में कुछ कर पाएंगी। साथ ही माता - पिता के बुढ़ापे में उनकी सेवा और देखभाल भी कर पाएंगी

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से पप्पू अग्यारी से बातचीत कर रहे। बातचीत में उन्होंने बताया कि महिलाओं का संपत्ति का अधिकार वर्तमान में जैसे चल रहा है कि जब तक शादीशुदा नहीं होते हैं तब तक उनका भाइयों के साथ बराबर का हक होता है वह सही है लेकिन शादी होने के बाद जैसे चल रहा है कि शादी होने के बाद उसका अधिकार खत्म हो जाता है। इसी तरह से यह सही है। अगर इसके विपरीत किया जाता है शादी के बाद भी अधिकार रहे यह बात गलत है। जिसके पास भाई नहीं हैं उनका तो अधिकार है ही शादी के पहले भी और शादी के बाद भी लेकिन जिनके पास भाई है उनका अधिकार शादी से पहले मायके में होता है शादी के बाद जब वह अपने घर चली जाती है, तो पति के घर की मालकिन हो जाएगी यहां की संपत्ति में पति का अधिकार नहीं है।जो कानून चल रहा सरकार के तरफ से वो सही है।उनका कहना है जब विवाह के बाद ही महिला अधिकार जताती है , तो भाई-बहन के रिश्ते में दरार आ जाएगी स्वाभाविक रूप से। कि वे वहां भी अधिकारी हो यहां भी अधिकारी हों तो रिश्ते में दरार आएगा ही।एक दिन ऐसा आएगा कि कोई भी एक-दूसरे को देखना पसंद नहीं करेगा। झगड़ा कर बैठेगा रोड पे जहां तहाँ।

उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय मोबाइल वाणी के माध्यम से सरिता से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि अगर लड़की का भाई नहीं है तो उन्हें पैतृक संपत्ति में हिस्सा मिल सकता है और अगर उनके है तो पैतृक संपत्ति में हिस्सा नहीं मिल सकता है। जहाँ उनका शादी होगा वही उनको हिस्सा मिलेगा। जब तक बेटी की शादी नहीं हो जाती तब तक माता पिता उनकी सेवा करते ही है। लड़की की शादी में भी दान दहेज़ देना पड़ता है।

यह एपिसोड बताता है कि हम अपने रोज़मर्रा के जीवन में कैसे छोटे-छोटे बदलाव करके बिजली और पानी बचा सकते हैं। इससे न सिर्फ हमारा खर्च कम होगा, बल्कि हम अपनी धरती की भी रक्षा कर पाएंगे। आसान तरीकों से हम सभी मिलकर पर्यावरण को बचाने में मदद कर सकते हैं।क्या आपने भी अपनी ज़िन्दगी में कुछ ऐसे बदलाव किए हैं? अगर हाँ, तो हमें बताइए।

दोस्तों, हमारे आपके बीच ऐसी महिलाओं के बहुत से उदाहरण हैं, पर उन पर गौर नहीं किया जाता. अगर आपने गौर किया है तो हमें जरूर बताएं. साथ ही वे महिलाएं आगे आएं जो घंटों पानी भरने और ढोने का काम करती हैं. उनका अपना अनुभव कैसा है? वे अपने जीवन के बारे में क्या सोचती हैं? क्या इस काम के कारण उनका जीवन नरक बन रहा है? क्या वे परिवार में पानी की आपूर्ति के चक्कर में अपना आत्मसम्मान खो रही हैं? क्या कभी ऐसा कोई वाक्या हुआ जहां पानी के बदले उनसे बदसलूकी की गई हो, रास्ते में किसी तरह की दुर्घटना हुई हो या फिर किसी तरह के अपशब्द अपमान सहना पडा?

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से रामप्रकाश सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से पूर्व प्रधान से साक्षात्कार लिया। पूर्व प्रधान ने बताया कि महिलाओं को सम्पत्ति में अधिकार मिलना चाहिए। अविवाहित बहन का मायके की सम्पत्ति पर पूरा अधिकार होना चाहिए। विवाहित बहन का मायके की सम्पत्ति पर अधिकार नही मिलना चाहिए ।