जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें।

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के.सी.चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से कुंवर प्रसाद से बातचीत की। कुंवर प्रसाद का कहना है महिलाओं को संपत्ति में अधिकार देना गलत है इससे भाई बहन के रिश्ते में दरार आ सकती है

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के.सी.चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से दीपक यादव से बातचीत की। दीपक यादव का कहना है यदि लड़कियों को सम्पत्ति में हिस्सा देंगे तो परिवार में कलह होगा भाई बहन के रिश्ते में दरार आ जाएगी

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के सी चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से के के मिश्रा से बातचीत की।के के मिश्रा का कहना है महिलाओं को संपत्ति का अधिकार मिलना चाहिए और सरकार के अनुरूप जो मंशा है उसके अनुसार चलना चाहिए। सबका हक़ दस्तूर है यदि बेटा को अधिकार है तो बेटियों को भी अधिकार मिलना चाहिए। उनका कहना है इससे भाई बहन में दरार होगा ही जब भाई भाई में संपत्ति को लेकर लड़ाई होती है तो बहन का संपत्ति हिस्सा मांगने पर लड़ाई तो होगी ही। संपत्ति अधिकार मिलने से महिलाएं सशक्त होंगी ,अपनी लड़ाई खुद लड़ेगी समाज में आगे बढ़ेंगी

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के सी चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से दुर्गेश यादव से बातचीत की।दुर्गेश यादव का कहना है यदि बेटियों को पैतृक संपत्ति में हिस्सा दिया जाता है तो परिवार में विवाद उत्पन्न हो सकता है इसलिए वे बेटियों को पैतृक संपत्ति में हिस्सा देने के खिलाफ हैं

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा शरदकालीन गन्ने की बुवाई सम्बंधित जानकारी दे रहे हैं। विस्तारपूर्वक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें .

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से सौरभ त्रिपाठी से बातचीत की। सौरभ त्रिपाठी का कहना है महिलाओं को पैतृक संपत्ति में पूर्ण रूप से हिस्सा मिलना चाहिए। संविधान में भी बताया गया है कि महिलाओं का संपत्ति में पूर्ण रूप से अधिकार है। महिलाएं अगर चाहे तो पैतृक संपत्ति में हिस्सा ले सकती हैं क्योंकि वे भी परिवार का हिस्सा हैं। उन्होंने बताया कि महिलाओं को ससुराल में हिस्सा अभी मिलता है जब उनके पति के नाम पर संपत्ति का बंटवारा होता है उसके बाद महिला के नाम पर आता है लेकिन पैतृक संपत्ति में पिता अपनी पुत्री को संपत्ति में हिस्सा दे सकता है इसलिए पैतृक संपत्ति में हिस्सा मिलना जरूरी है वे भी परिवार का हिस्सा होती हैं

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से अंतमा त्रिपाठी से बातचीत की। अंतमा त्रिपाठी का कहना है जो माँ बाप क सेवा करे उसी को संपत्ति में हिस्सा मिलना चाहिए चाहे वो बेटी हो या बेटा। उनका कहना है बेटी की शादी कर दी जाती है तब उनका अधिकार पति के संपत्ति पर हो जाता है। साथ ही जो पढ़ना चाहे तो पढ़ कर आगे निकल जाते हैं चाहे वो बेटी हो या बेटा

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से मनु त्रिपाठी से बातचीत की। मनु त्रिपाठी का कहना है महिलाओं के अधिकार को लेकर जो सरकार या कानून कहता है,वही सबको मानना चाहिए। आज के समय में बेटी और बेटे में कोई भेदभाव नहीं है। बेटियों का ससुराल की सम्पत्ति में अधिकार बनता है

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से मृदुल त्रिपाठी से बातचीत की मृदुल त्रिपाठी का कहना है पैतृक संपत्ति में बेटियों को हिस्सा मिलना चाहिए। जब भी संपत्ति का बंटवारा हो तो भाई बहन दोनों में आधा आधा विभाजित करना चाहिए। अभी महिला को पति के अधिकारों की आवश्यकता नहीं होते उनके पास जमीन का अधिकार रहता है तो उनका सहारा बन जाता है वे इससे आगे पढ़ सकती हैं इसके उपयोग से कोई व्यवसाय कर सकती हैं।