उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से कृष्णा चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से राजमती से बातचीत को। बातचीत में उन्होंने बताया कि महिलाओं को भूमि का अधिकार उचित नहीं होगा। क्युकी महिलायें अपने अधिकार पाने के लिए शिक्षित नहीं है, इसलिए उनका शिक्षित होना बहुत जरुरी है। भूमि संबंधी अधिकारों के लिए महिलाओं को जागरूक होने की जरुरत है। इस अधिकार को पाने के लिए महिलाओं को सक्षम होने की जरुरत है।
उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के.सी चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से राजमती से बातचीत को। बातचीत में उन्होंने बताया कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार दिया जाना चाहिए।इससे महिलाओं को फायदा मिलेगा, भाई बहन के रिश्ते में कोई दरार नहीं आएगा। इससे महिलायें मजबूत बनेंगी
उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से अलोक श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से मनोज दुबे से बातचीत की।बातचीत में उन्होंने बताया की महिलाओं के लिए उनका अधिकार पाना बहुत जरुरी है। जिस प्रकार पुरुष प्रगति कर रहे है उसी प्रकार महिलायें भी प्रगति कर रही है। महिलाओं को अधिकार दिलाने के लिए सभी को आगे आना चाहिए। महिलायें हर क्षेत्र में अपना विकास कर रही है। महिलाओं को प्रोत्साहित करना बहुत जरुरी है
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा बाजरे की फसल में तना छेदक कीट से बचाव के बारे में जानकारी दे रहे हैं। विस्तारपूर्वक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें .
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से संजू से साक्षात्कार लिया। संजू ने बताया कि महिलाओं को सशक्त करने के लिए विभिन्न तरह की योजनाएं चलाई जाती है। भूमि अधिकार कानून उनमे से एक है। शिक्षा के अभाव में महिलाएँ इन योजनाओं का लाभ नही ले पाती हैं। जब तक महिलाएं शिक्षित नही होंगी और अपने अधिकार की लड़ाई नहीं लड़ेंगी,तब तक उनका विकास नहीं होगा। वो समाज में पीछे रह जाएंगी। महिला ग्राम प्रधान के होते हुए भी उनके पति या बेटा काम करते हैं . महिला सिर्फ नाम की प्रधान होती है
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि देश में महिलाओं के लिए नौकरी का अवसर नही है। महिलाएं कम पैसों में जगह - जगह काम करने के लिए मजबूर हैं। सरकार की कमजोरियों के वजह से समाज के प्रत्येक महिलाओं तक शिक्षा नही पहुँच पाया है। ग्रामीण इलाकों में शिक्षा का अभाव है और महिलाएँ स्कूल भी नही जा पाती हैं। प्राथमिक और जूनियर को छोड़कर, महिलाओं के लिए उच्च शिक्षा के लिए बहुत दूर जाना बहुत मुश्किल है, इसलिए परिवार भी महिलाओं को शिक्षा के लिए दूर नही भेजना चाहते हैं । यही कारण है कि महिलाएं अशिक्षित हैं और नौकरी से दूर हैं।
बिहार सरकार ने हाल में राज्य के 45 हजार गांवो की जमीन का सर्वे का निरिक्षण कराने का फैसला किया है। सर्वे कराये जाने को लेकर सरकार का कहना है कि इससे वह राज्य के 50 साल पुराने जमीन के रिकॉर्ड को अपडेट करना चाहती है। क्योंकि इन पचास सालों में जमीन के मालिकाना हक पर काफी बदलाव हुए हैं। सरकार की तरफ से कहा जा रहा है कि इस सर्वे में जमीन से जुड़ी 170 से ज्यादा प्रकार की जानकारियां इकट्ठी की जाएंगी। इसके अलावा 'इस सर्वे का एक उद्देश्य जमीन विवादों को कम करना भी है। पुराने रिकॉर्ड की वजह से कई बार विवाद होते हैं। नए सर्वे से यह समस्या दूर होगी।' सर्वे के दौरान लोगों को अपने जमीन के कागजात दिखाने होंगे। *----- दोस्तों इस मसले पर आपकी क्या राय है, क्या आपको भी लगता है कि शिक्षा के अभाव और कानून के उल्झे हुए दांव-पेचों ने महिलाओं को उनके हक और अधिकार से वंचित कर रखा है? *----- महिलाओं को भूमि अधिकार के बदले अर्थव्यवस्था में एक बड़ा बदलाव लाया जा सकता है। इसके बदले में महिलाएं को किस तरह के सशक्तिकरण और स्वतंत्रता की उम्मीद की जा सकती है। *----- महिलाओं के लिए भूमि अधिकारों को मजबूत करने के लिए क्या किया जा सकता है?
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से प्रमोद कुमार से साक्षात्कार लिया। प्रमोद ने बताया कि ये कानून सही नहीं है, इससे अपराध बढ़ेगा और लिंग अनुपात भी बढ़ेगा और इससे भाई बहन के रिश्ते में दरार आ सकती है।
उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि अगर बेटी शादीशुदा है, तो बेटी को हिंदू अविभाजित परिवार का हिस्सा भी नहीं माना जाता है। 2005 के संशोधन के बाद बेटी को सम्मान उत्तराधिकारी माना गया है।अब बेटी की शादी से पिता की संपत्ति पर उसका अधिकार नहीं बदलता है, यानी बेटी की शादी के बाद भी पिता के संपत्ति पर अधिकार ले सकती है
उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय मोबाइल वाणी के माध्यम से गुड़िया मिश्रा से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि अगर भाई अगर राज़ी है तो अधिकार लेना चाहिए और अगर भाई राज़ी नहीं है तो पैतृक संपत्ति में अधिकार नहीं लेना चाहिए। भाई की तरह बेटियों को भी पढ़ाया लिखाया जाता है और बेटियों को शादी के बाद उनका अधिकार ससुराल में मिलता ही है। अगर बेटी गरीब घर में गई है और उसके पास साधन नहीं है कमाने का , तो पिता को जरूर अपने संपत्ति में से हिस्सा बेटी को भी देना चाहिए। बेटा बेटी एक सामना है और दोनों को अधिकार मिलना चाहिए।
