वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की 2021 की रिपोर्ट बताती है कि दुनिया भर में आर्थिक समानता में महिलाओं की संख्या 58 फीसदी है। लेकिन पुरुषों के बराबर आने में उन्हें अभी सदियां लग जाएंगी। 156 देशों में हुए इस अध्ययन में महिला आर्थिक असमानता में भारत का स्थान 151 है। यानी महिलाओं को आर्थिक आजादी और अचल संपत्ति का हक देने के मामले में एक तरह से हम दुनिया में सबसे नीचे आते हैं। दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं के जीवन का बड़ा समय इन अधिकारों को हासिल करने में जाता है, अगर यह उन्हें सहजता से मिल जाए तो उनका जीवन किस तरह आसान हो सकता है? *----- महिलाओं के लिए भूमि अधिकारों तक पहुंच में सुधार के लिए कौन- कौन से संसाधन और सहायता की आवश्यकता हैं?
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से घनश्याम मौर्य से साक्षात्कार लिया। घनश्याम मौर्य ने बताया कि महिलाओं को सम्पत्ति का अधिकार नही दिया जाना चाहिए। बहन द्वारा सम्पत्ति का अधिकार लेने से भाई - बहन के रिश्ते में दरार आ जाएगा।साथ ही कई अन्य बहुत समस्याएं भी हो सकती है।
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से रामभजन चौधरी से साक्षात्कार लिया।रामभजन चौधरी ने बताया कि महिलाओं को पैतृक सम्पत्ति में अधिकार नही देना चाहिए। ऐसा होने से भाई - बहन के रिश्ते में दरार आ जाएगा। बहन दिक्कत करेगी और पाटीदार बन जाएगी। भाई मेहनत से कमा के बहन की शादी में खर्चा करेगा और ऊपर से बहन हिस्सा भी लेगी। तो भाई को क्या फायदा है ?
माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं नंबर 3.
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से स्वेता से बातचीत की। स्वेता का कहना है कि पिता की संपत्ति में बेटियों को हिस्सा शादी के पहले मिलना चाहिए शादी के बाद बेटियों का अधिकार ससुराल में होना चाहिए। क्योंकि माँ बाप दान दहेज़ देकर बेटी की शादी कर देते हैं। यदि बेटियां मायके में हिस्सा लेती हैं तो रिश्ते में दरार आ जाती है। अगर मायके में बेटे नहीं हैं तो उनको हिस्सा मिल सकता है वे अपने माता पिता की देखभाल करें इसलिए
उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से राम वृक्ष यादव से बातचीत की। बातचीत में रामवृक्ष यादव ने बताया कि महिलाओं को समानता का अधिकार दिया जाता है लेकिन तभी दिया जाता है जब उनके पति ना हों। ये आज से नहीं बल्कि बहुत पहले से दिया जाता रहा है। सरकार जो सर्वे कर रही है वो सही है लेकिन लड़कियों को समानता का अधिकार देने की बात की जा रही है वो गलत है इससे बात विवाद की स्थिति बढ़ सकती ही
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिला और पुरूष में समानता का अधिकार या भूमि का अधिकार तभी संभव है जब सभी लोग जागरूक हो जायेंगे। महिलायें जब तक शिक्षित नहीं होंगी तब तक उन्हें अपने अधिकार और हक़ की लड़ाई में पीछे रहना पड़ेगा। आज के समाज में कई महिलाएं अशिक्षित भी रह गई हैं। महिलाओं से पूछा जाता है कि आपके शिक्षा क्या है या यदि आपको कुछ हस्ताक्षर करना है, तो महिलाएं अक्सर कहती हैं कि हम अंगूठा लगाते हैं। जब तक अंगूठा का चलन ख़तम नहीं होगा तब तक महिलाओं को उनके अधिकार का लाभ नहीं मिल सकता है। सरकार तो कहती है कि महिलाओं को समानता का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, रोजगार का अधिकार दिया जा रहा है, लेकिन समानता का अधिकार तभी संभव है जब तक लोग अपने अधिकारों के लिए न लड़ें।
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से मनोज कुमार से साक्षात्कार लिया। मनोज कुमार ने बताया कि महिलाओं को सम्पत्ति का अधिकार देना वाज़िब नहीं है। इससे भाई बहन के रिश्ते में दरार आ सकता है और झगड़ा भी हो सकता है
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से शर्मीला से साक्षात्कार लिया। शर्मीलाने बताया कि पैतृक सम्पत्ति में बेटा और बेटी दोनों को हिस्सा मिलना चाहिए। बेटा -बेटी में भेदभाव नही करना चाहिए
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से दुर्गावती से साक्षात्कार लिया। दुर्गावती ने बताया कि बेटी और बेटा एक सामान है और दोनों को पैतृक सम्पत्ति में हिस्सा मिलना चाहिए। बेटी को शिक्षित किया जाए तो बेटी भी बहुत कुछ कर सकती है। बेटी - बेटा को एक जैसा परवरिश किया जाता है शादी के बाद बेटी को ससुराल की सम्पत्ति में हिस्सा मिलना चाहिए।
