कुछ महीने पहले की बात है, सरकार ने महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए कानून बनाया है, जिससे उन्हें राजनीति और नौकरियों में आरक्षण मिलेगा, सवाल उठता है कि क्या कानून बना देने भर से महिलाओं को उनका हक अधिकार, बेहतर स्वास्थय, शिक्षा सेवाएं मिलने लगेंगी क्या? *----- शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और आर्थिक अवसरों तक महिलाओं की पहुंच में सुधार के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं *----- महिलाओं को जागरूक नागरिक बनाने में शिक्षा की क्या भूमिका है? *----- महिलाओं को कानूनी साक्षरता और उनके अधिकारों के बारे में जागरूक कैसे किया जा सकता है"
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से वरिष्ठ पत्रकार के. के. मिश्रा से साक्षात्कार लिया। के. के. मिश्रा ने बताया कि महिलाओं को पैतृक सम्पत्ति में अधिकार मिलना चाहिए और सरकार की मंशा के मुताबिक कार्य होना चाहिए। अगर बेटा सम्पत्ति का अधिकारी हो सकता है तो बेटी भी हो सकती है। सम्पत्ति बंटवारे को लेकर भाई - बहन के रिश्ते में दरार आ सकता है। जमीन का अधिकार मिलने से महिला सशक्त होंगी एवं अपने अधिकार , कर्तव्यों और दायित्यों के बारे में जानकारी होगी। वो अपनी लड़ाई स्वयं लड़ेंगी
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से युवा से साक्षात्कार लिया। युवा ने बताया कि महिलाओं को पैतृक सम्पत्ति में अधिकार मिलना चाहिए। इससे कुछ लाभ भी होगा और हानि भी होगा। सम्पत्ति का अधिकार बहन को देने पर भाई - बहन के रिश्ते में दरार आ सकता है .
माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है।आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं नंबर 3.
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से कोमा प्रसाद से बातचीत की। कोमा प्रसाद का कहना है कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार देना गलत है इससे भाई बहन के रिश्ते में दरार आ सकती है इससे झगड़ा हो सकता है इसके लिए महिलाओं को पति के संपत्ति में हिस्सा मिलना चाहिए भाई के संपत्ति में नहीं
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से सरोजा से साक्षात्कार लिया। सरोजा ने बताया कि बेटियों को पैतृक संपत्ति में हिस्सा नही मिलना चाहिए।माता - पिता ने पढ़ाया लिखाया और खर्च कर के शादी किया।शादी के बाद बेटियों का ससुराल में हिस्सा होना चाहिए। बेटियां फिर भी हिस्सा लेंगी तो , सम्पत्ति बंटवारे को लेकर भाई - बहन के रिश्ते में दरार आ सकता है। मायके से सम्बन्ध ख़राब हो जाएगा। बेटा और बेटी में कोई अंतर नही है।भाई होगा तो बहन का हिस्सा ससुराल में होगा
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से मीना से साक्षात्कार लिया। मीना ने बताया कि बेटियों को पैतृक संपत्ति में हिस्सा नही मिलना चाहिए।माता - पिता ने पढ़ाया लिखाया औरदहेज दे कर शादी किया।शादी के बाद बेटियों का ससुराल में हिस्सा होना चाहिए। बेटियां फिर भी हिस्सा लेंगी तो , सम्पत्ति बंटवारे को लेकर भाई - बहन के रिश्ते में दरार आ सकता है। मायके से सम्बन्ध ख़राब हो जाएगा। बेटा और बेटी में कोई अंतर नही है।
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से जिंतना से साक्षात्कार लिया। जिंतना ने बताया कि महिलाओं को पैतृक संपत्ति में हिस्सा नही मिलना चाहिए।माता - पिता ने पढ़ाया - लिखाया और दान - दहेज दे कर के शादी किया।शादी के बाद बेटियों का ससुराल में हिस्सा होना चाहिए। बेटियां फिर भी हिस्सा लेंगी तो , सम्पत्ति बंटवारे को लेकर भाई - बहन के रिश्ते में मनमुटाव हो जाएगा । मायके से सम्बन्ध ख़राब हो जाएगा। बेटा और बेटी में कोई अंतर नही है।जिस दर्द से बेटी पैदा होती है उसी दर्द से बेटा भी पैदा होता है
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से मालती से साक्षात्कार लिया। मालती ने बताया कि महिलाओं को पैतृक सम्पत्ति में अधिकार नही मिलना चाहिए। ऐसा होने से नैहर छूट जाता है। भाई - बहन का रिश्ता ख़राब हो जाता है। बहन पटीदार हो जाती है। विवाहित महिलाओं को ससुराल की संपत्ति में अधिकार होता है।
उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से माधुरी से बातचीत की। माधुरी का कहना है महिलाओं को पैतृक संपत्ति में हिस्सा नहीं मिलना चाहिए। क्योंकि बेटी को ससुराल में हिस्सा लेना चाहिए माँ बाप दान दहेज़ देकर शादी विवाह कर देते हैं। उन्हें पति के संपत्ति में हिस्सा मिलना चाहिए। यदि बेटे हैं और महिलाएं हिस्सा लेती हैं तो भाई बहन के रिश्ते में दरार आ सकता है। उनका कहना है बेटी बेटा में कोई अंतर् नहीं है।