सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के.सी.चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं को सम्पत्ति में अधिकार देना चाहिए या नही इस विषय पर क्षेत्र के लोगों की राय अलग - अलग है। कुछ लोगों का मानना है कि ऐसा होने से महिलाएं सशक्त होंगी। वहीं कुछ लोगों के अनुसार ऐसा होने से भाई - बहन के रिश्ते में दरार आ जाएगा। बहन - बेटी की शादी में दहेज़ देने में भी परिवार को दिक्कत होगी। महिला -पुरुष को बराबरी का अधिकार दिलवाने के लिए सरकार प्रयास कर रही है। मगर यह प्रयास कितना सफल होगा यह वक्त बताएगा।
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के.सी.चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से रुचंद्र मौर्या से साक्षात्कार लिया। रुचंद्र मौर्या ने बताया कि महिलाओं को पैतृक सम्पत्ति में अधिकार नही मिलना चाहिए। सम्पत्ति बंटवारा को लेकर भाई - बहन के रिश्ते में दरार आ सकता है। महिलाओं को पति के सम्पत्ति में अधिकार देना चाहिए।
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से सूरज पांडेय से साक्षात्कार लिया। सूरज पांडेय ने बताया कि बेटियों को पैतृक सम्पत्ति में हिस्सा नही मिलना चाहिए।ऐसा होने से पिता और भाई के साथ सम्बन्ध ख़राब हो जाएगा। पिता धन खर्च कर के अपनी बेटी की शादी करते हैं। इसके बाद दोबारा बेटी को देने के लिए धन नही जुटा पाएगा ?यदि विवाहित बेटी के जीवन में कोई समस्या आती है तो पिता आर्थिक सहायता कर सकता है।
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि बेटियों को पैतृक सम्पत्ति में हिस्सा मिलना चाहिए।सम्पत्ति पर दावे,अधिकार और प्रावधानों के लिए एक कानून 1956 में बनाया गया था। इस कानून के अनुसार बेटी का पिता की संपत्ति पर उतना ही अधिकार है जितना बेटे का अधिकार होता है।हिंदू सक्सेशन ऐक्ट, 1956 में साल 2005 में एक संशोधन कर बेटियों को पैतृक संपत्ति में बेटों के बराबर हक का कानूनी अधिकार दिया गया है
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से आलोक श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से मोहनलाल से बातचीत की।मोहनलाल का कहना है कि महिलाएं पढाई लिखाई में काबिल होंगी तभी उनका विकास हो पाएगा। शिक्षित होने के साथ साथ अगर बहुत सारे गुण उनके अंदर होने तो उनका विकास हो सकता है। महिलाओं को संपत्ति की जरुरत इसलिए है कि, जब महिलाएं मुसीबत में होंगी उस वक्त ये संपत्ति उनके काम आएगा जैसे अगर उनके पति की मृत्यु हो जाती है तो संपत्ति की मदद से महिलाये अपने बच्चो और परिवार का पालन पोषण कर सकती है
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से आलोक श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से दिनेश से बातचीत की।दिनेश का कहना है कि महिलाओं को भूमि के अधिकार की जरुरत होती है। महिलायें अगर शिक्षित होंगी तो देश का विकास होगा। महिलाओं को संपत्ति की जरुरत इसलिए है कि, जब महिलाएं मुसीबत में होंगी उस वक्त ये संपत्ति उनके काम आएगा
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से रवीश कुमार से बातचीत की। रवीश कुमार का कहना है कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार देना उचित भी है और अनुचित भी है। अनुचित यह हो सकता है की इससे भाई बहन के बीच दरार भी आ सकती है और उचित यह होगा की अगर किसी महिला के भाई नहीं है तो, पैतृक संपत्ति मे अधिकार मिल सकता है
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से परशुरामसे बातचीत की। परशुराम का कहना है महिलाओं को पिता की संपत्ति में हिस्सा नहीं दिया जाना चाहिए। यदि भाई के हिस्से में महिलाओं को अधिकार मिलता है तो भाई बहन के रिश्ते में दरार आ सकती है और पहले से जब अधिकार नहीं दिया गया है तो अब भी उन्हें अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए।
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कविर नगर से के सी चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि अभी भी महिलाओं को भूमि अधिकारों से वंचित किया जा रहा है, इस समय भूमि अधिकारों का मुद्दा सोशल मीडिया पर काफी चल रहा है, सोशल मीडिया के माध्यम से महिलाओं को उनके संपत्ति के अधिकार के बारे में सूचित किया जा रहा है, लेकिन अभी तक जागरूकता पैदा नहीं की गई है। इसके अभाव में महिलाओं को भूमि अधिकारों का लाभ नहीं मिल रहा है जैसा कि मोबाइल वाणी पर प्रतिदिन प्रकाशित किया जा रहा है कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार दिया जाना चाहिए या नहीं। लोगों को जानकारी दी जा रही है, लेकिन अभी महिलाएं संपत्ति के अधिकार में बहुत पीछे हैं। जहाँ पुरुष महिलाओं को संपत्ति का अधिकार देने से कतराते प्रतीत होते हैं, वहीं महिलाएं भी अपनी जानकारी के अभाव में संपत्ति के अधिकार लेने के लिए पीछे रह जा रही हैं। महिलाओं को यह भी जागरूक किया जाना चाहिए कि संपत्ति के अधिकारों का क्या नुकसान है और क्या लाभ है महिलाएं तब तक पीछे रह जाएंगी जब तक महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में नई जानकारी मिलती है इसके लिए शिक्षा भी आवश्यक है। लोगों को महिलाओं को संपत्ति का अधिकार देने के बारे में भी जागरूक करना चाहिए और सरकार को भी इसके लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।