सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से सुनील से बातचीत की। सुनील का कहना है जिस तरह पुत्र को पिता की संपत्ति में अधिकार होता है उसी तरह पुत्री का भी पिता की संपत्ति में अधिकार होता है। पिता के लिए दोनों ही उसके संतान होते हैं और दोनों का रख रखाव पिता के माध्यम से होता है। यह बात अलग है कि पुत्र और पुत्री साथ बड़े होते हैं पुत्री का विवाह हो जाता है और वे ससुराल चले जाते हैं जहां पर उनको अधिकार दिया जाता है ,लेकिन यदि पिता द्वारा उसके संपत्ति का कुछ हिस्सा पुत्री को दिया जाए तो वह पुत्री के बुरी परिस्थिति में उसके काम आता है.इससे उनके आजीविका में सहायता मिलेगी और कठिन स्थिति में काम आएगी। यह कानून भी बना है कि पिता की संपत्ति में बेटियों का हक़ रहेगा
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से अभिषेक उपाध्याय से बातचीत की। अभिषेक उपाध्याय का कहना है कि बेटियों को अपने पिता की संपत्ति पर अधिकार होना चाहिए सरकार ने दो हजार पाँच में एक कानून भी बनाया है जिसमे बताया गया है कि बेटियों का भी अपने माता-पिता की संपत्ति पर पूरा अधिकार होगा.
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उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के सी चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से अनुज से बातचीत की।अनुज का कहना है कि महिलाओं को संपत्ति में अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए, इससे भाई बहन के रिश्ते में दरार आ सकती है। महिलाओं को पति वाले हिस्से में अधिकार दिया जाना चाहिए।
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के सी चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से रामवृक्ष यादव से बातचीत की। रामवृक्ष यादव का कहना है कि महिलाओं को पैतृक संपत्ति में अधिकार देना सही नहीं है, वो केवल विवादों का जड़ है। इससे 80 प्रतिसत विवाद और चालू हो जाएगा । लोग इसके बारे में पहले से ही जानते थे, की पति के न होने पर पत्नी को अधिकार दिया जाता है।ये लोगो को पहले से ही ज्ञात है। ये बातें लोगों तक पहुंच भी रही है।
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से सलोनी मिश्रा से बातचीत की। सलोनी मिश्रा का कहना है कि महिलाओं को पैतृक संपत्ति में हिस्सा जरूर मिलना चाहिए। बेटियों को पति के संपत्ति में भी हिस्सा मिलता ही है। अगर माता पिता के बेटा और बेटी दोनों है, तो दोनों को बराबर का हिस्सा मिलना चाहिए और अगर बेटा नहीं है, तो पूरा हिस्सा बेटी को मिलना चाहिए। कही न कही माँ बाप बेटे से ज्यादा ध्यान बेटियां रखती है। जैसे बेटों को प्यार दिया जाता है ,अगर बेटियों को दिया जाए, तो बेटियां उससे कहीं बेहतर करेंगी। आज के समय में बेटियाँ बेटो से कम नहीं है।
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से सोनी मिश्रा से बातचीत की। सोनी मिश्रा का कहना है कि बेटियों को पैतृक संपत्ति में हिस्सा नहीं मिलना चाहिए, क्योकि पैतृक संपत्ति में बेटो का अधिकार होता है। बेटियों का अधिकार उनके ससुराल में होता है। पति के अधिकार में पत्नियों का अधिकार होता है। आज के समय में बेटी और बेटा दोनों एक समान है। आज कल बेटियां भी तेज़ी से आगे बढ़ रही है। बेटे के रहते भी बेटियां पैत्तृक संपत्ति में हिस्सा ले सकती है
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से संतोष मिश्रा से बातचीत की। संतोष मिश्रा का कहना है कि महिलाओं को भी पैतृक संपत्ति में अधिकार मिलना चाहिए , क्योकि बेटियां भी बेटो के सामान है। आज के समय में बेटी और बेटा दोनों के समान है। बेटों की तरह बेटियों को भी पढ़ाया जाना चाहिए, बेटे की तरह बेटियाँ भी डॉक्टर और इंजीनियर बन रही है। आजकल बेटियां भी बेटो के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर चल रही है। इसलिए बेटी और बेटा में कोई फर्क नहीं रखना चाहिए