उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर जिला से अलोक श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि अधिकार हिंसा से मुक्त होने के लिए नंबर एक शारीरिक अखंडता के अधिकार की तरह हैं। शारीरिक अखंडता हिंसा से मुक्त होने और अपने शरीर पर चुनाव करने में पाई जाती है। यह एक अधिकार है। महिलाओं के लिए एक सामाजिक अधिकार है। सामाजिक अधिकारों जैसे स्कूल जाना, सार्वजनिक जीवन में भाग लेना, सार्वजनिक का अर्थ है समाज में जागरूकता अभियान। या किसी भी समाज सेवा कार्य में भाग लेने का यह अधिकार महिलाओं को दिया गया है। तीसरा आर्थिक अधिकार है। आर्थिक अधिकारों में संपत्ति का स्वामित्व शामिल है। अपनी पसंद की नौकरी होना और उसके लिए समान रूप से भुगतान किया जाना और महिलाओं को राजनीति में भी अधिकार दिए गए हैं। विकल्प के रूप में ये तीन अधिकार मुख्य रूप से दिए गए हैं।
उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से अलोक श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि महिलाओं को अपने माँ से पहला ज्ञान और संस्कार मिलता है। हर महिला का मान सम्मान करना हमारा पहला अधिकार है
उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि हमारे समाज में लैंगिक असमानता अभी भी बहुत प्रचलित है। अक्सर यह देखा जाता है कि लड़कियों को लोगों द्वारा नहीं पढ़ाया जाता है। सरकार का कहना है कि लैंगिक असमानता समाप्त हो गई है और महिलाओं को भी पूरा अधिकार मिला है, लेकिन आज भी समाज में यह भेदभाव व्याप्त है। यह भी देखा गया है कि महिलाएं अभी भी शिक्षा के क्षेत्र में बहुत पीछे हैं।
संतकबीरनगरः मेंहदावल क्षेत्र से होकर गुजरने वाली राप्ती नदी तट बेलौली बढ़या ठाठर आदि जगहों पर नहीं भरा गया तटबंधों का होल जल्द आ रहा बरसात लोगों को सता रही चिन्ता
उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि महिलाओं की शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है, आज भी देखा जा रहा है कि समाज में कई महिलाएं अनपढ़ हैं। लोग शिक्षा देने से बचते हैं। अगर शिक्षा भी दी जाती है, तो भी वहाँ स्कूलों की कमी के कारण लड़कियाँ शिक्षा से वंचित हैं। सरकार कहती है कि हम शिक्षा देते हैं। इसके लिए इंतजाम किए जा रहे हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि आज आप गांव जाकर लोगों को मारना चाहते हैं या कुछ और, तो लोग कहते हैं कि हम घर के लोग नहीं हैं। हस्ताक्षर नहीं कर सकते क्योंकि निरक्षरता अगर शिक्षा ही शिक्षा होती तो लोगों को पता होता कि किस कागज पर क्या लिखा है। सरकार आपकी शिक्षा को बढ़ावा नहीं देगी अगर कविता की शिक्षा नहीं होगी, तो पचहत्तर साल बीतने वाले हैं। निरक्षरता बहुत है, महिलाओं की तुलना में पुरुषों में भी यह देखा जा रहा है कि पुरुष भी बहुत निरक्षरता से पीड़ित हैं, इसकी सबसे बड़ी कमी सरकार मानी जाएगी, क्योंकि प्राथमिक स्तर पर जो भी हो। स्कूल या तो दूर चले जाते हैं या शिक्षकों की कमी है, जिसके कारण आज भी शिक्षा को बढ़ावा लोगों तक नहीं पहुंच रहा है।
प्रकृति प्रकृति क्या है आज तक इतिहास गवाह कोई समझौता नहीं लगता है अगर कोई समझ गया है। केवल महान संत महासंत ज्ञानी ही विज्ञान को नहीं समझ पाए हैं। आम आदमी को पता नहीं है कि अब क्या होगा और भविष्य में क्या होगा। आज तक इस बात पर कोई शोध नहीं किया गया है कि क्या प्रकृति अपने आप में एक अलग इंसान है। राम के जीवन से पहले के पूरे जीवन की तरह बहुत बड़े तपस्वियों से दूर एक शाखा है। वाल्मीकि ने रामायण लिखी है, पृथ्वी पर क्या होने वाला है, ये नाम हाल ही में थोड़े भूल गए हैं। एक विशेष वैज्ञानिक ने लगभग दो हजार चौबीस बताए थे। चर्चा भी हुई जैसा कि हमने एक दिन मोबाइल में सुना था, आज से दस दिन पहले, इसलिए मैं भूल रहा हूं कि राम मंदिर का नाम बनाया जाएगा। एक सौ पचास साल पहले, एक बुद्धिमान व्यक्ति ने यह कहा था, इसलिए जो बहुत महान तपस्वी और बुद्धिमान व्यक्ति हैं जिन्होंने अपने जीवन में कुछ खो दिया है, उन्होंने इसे पाया है। जिस तरह बच्चे पढ़ाई के समय तपस्या करते हैं, उसी तरह जीवन की सारी खुशी उस समय हर व्यक्ति में मौजूद होती है। उन खुशियों को मिटाकर, वे अध्ययन का प्रायश्चित करते हैं और बाद में वे प्रकृति को उसी तरह समझने और जानने में सक्षम होते हैं जैसे जंगलों और जंगलों में होते हैं। जो आम लोगों से दूर जाकर तपस्या करता है, वही कुछ प्रकृति को समझ सकता है और आने वाले समय में क्या होने वाला है, इसकी जानकारी दे सकता है। इसलिए प्रकृति को समझना कोई आसान बात नहीं है, एक पल में धूप निकल जाती है, एक पल में बारिश शुरू हो जाती है, एक पल में हवाएँ चलने लगती हैं जो मौसम विभाग हमें बताता है। ऐसा लगता है, यह अभी होने वाला है, अभी भारी बारिश होने वाली है, अभी बूंदाबांदी होने वाली है, या यह धूल भरी आंधी होने वाली है, यह लगभग सत्तर प्रतिशत सही होने वाला है, लेकिन तीस प्रतिशत गलत होने वाला है क्योंकि प्रकृति को समझना कोई आसान बात नहीं है, इसलिए प्रकृति की विरासत की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। जब हम इस पृथ्वी पर रहेंगे तो प्रकृति की विरासत से हमें कई तरह से लाभ होगा और जीवन सफल होगा नमस्कार।
उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से अलोक श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि लड़कियाँ जो शादी करने के बाद अपने ससुराल जाती हैं, तो वो अपने सास ससुर के साथ दूर व्यवहार क्यों करती है। माँ बाप को अगर छींक आ जाती हैं तो वे उनके लिए हमेशा खड़ी रहती हैं लेकिन वहीँ लड़कियां अपने सास ससुर को छोटी सी बीमारी हो जाए तो उनकी सेवा नहीं कर पाती हैं। वे अपने माता पिता के लिए हमेशा खड़ी रहती हैं लेकिन सास ससुर की सेवा के लिए हमेशा पीछे रहती हैं
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आज से मौसम थोड़ा बदल गया है। आंधी-तूफान आया और बारिश की दस से बीस बूंदें भी पड़ीं लेकिन दिन के लगभग साढ़े दस बज चुके हैं। इस समय तेज धूप से राहत मिलती है। धूप की समस्याओं से बहुत सुरक्षा होती है, मौसम गर्म होता है, हर चीज से पसीना निकल रहा होता है, लेकिन गर्म धूप गर्मी से राहत देती है।
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