उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से संतोष मिश्रा से बातचीत की। संतोष मिश्रा का कहना है कि महिलाओं को भी पैतृक संपत्ति में अधिकार मिलना चाहिए , क्योकि बेटियां भी बेटो के सामान है। आज के समय में बेटी और बेटा दोनों के समान है। बेटों की तरह बेटियों को भी पढ़ाया जाना चाहिए, बेटे की तरह बेटियाँ भी डॉक्टर और इंजीनियर बन रही है। आजकल बेटियां भी बेटो के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर चल रही है। इसलिए बेटी और बेटा में कोई फर्क नहीं रखना चाहिए

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीरनगर से रामप्रकाश सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं से संबंधित सभी विचार हो रहे हैं और महिलाओं को पैतृक संपत्ति में अधिकार दिलाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। अक्सर देखा जाता है कि महिलाओं को उनके अधिकार दिलाने में लोग पीछे रह जाते है। जब तक महिलायें आगे नहीं आती , उन्हें अपना अधिकार नहीं मिल सकता

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से सुप्रिया से बातचीत की। सुप्रिया का कहना है कि पैतृक संपत्ति में बेटियों को अधिकार मिलना भी चाहिए और नहीं मिलना भी चाहिए। मिलना इसलिए चाहिए क्योकि पैतृक सम्पति में बेटियों का भी अधिकार होता है और नहीं मिलना चाहिए क्योकि उनके उनके ससुराल में हिस्सा मिलता है। बेटा और बेटी दोनों एक सामान है, इसलिए दोनों को बराबर का अधिकार मिलना चाहिए। आज के समय में बेटियां भी बेटो से कम नहीं है। अगर माता पिता बेटियों का साथ से दे तो उन्हें लड़को से आगे निकलने से कोई नहीं रोक सकता। बेटियां आज कल हर क्षेत्र में हर तरह के काम कर रही है

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से सकुंतला से बातचीत की। सकुंतला का कहना है कि बेटियों को भी पैतृक संपत्ति में अधिकार मिलना चाहिए क्योकि बेटा और बेटी दोनों एक समान है।बेटियों का पति के अधिकार में हिस्सा बनता है और माता पिता के संपत्ति में भी हिस्सा बनता है। अगर माता पिता की सेवा बेटे नहीं कर रहे है, तो बेटियां पैतृक सम्पति में अधिकार ले सकती है।

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से ज़रीना खातून से बातचीत की। ज़रीना खातून का कहना है कि बेटियों को अगर उनके ससुराल से बेदखल कर दिया जायेगा या उनके पति की मृत्यु हो जाएगी , तब उन्हें उनके माता पिता पैतृक संपत्ति में हिस्सा देंगे। और अगर पति जीवित रहेगा और काम कर के अपने परिवार का अच्छे से पालन पोषण करेगा , तो बेटियों को पैतृक संपत्ति में हिस्सा नहीं मिलेगा। बेटा को उसके माता पिता पैतृक संपत्ति में हिस्सा देंगे ही, लेकिन बेटियों को उनका हिस्सा ससुराल में मिलेगा। बेटियों को अगर उनके ससुराल से बेदखल कर दिया जायेगा या उनके पति की मृत्यु हो जाएगी , तब उन्हें पैतृक संपत्ति में हिस्सा मिल सकता है।

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से हसीबुन्निसा से बातचीत की। हसीबुन्निसा का कहना है कि बेटियों को भी पैतृक संपत्ति में अधिकार मिलना चाहिए। बेटियों को उनका अधिकार उनके ससुराल में मिलता है और अगर बेटे है तो, पैतृक संपत्ति में अधिकार बेटो को मिलता है

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से विंध्यवासिनी मिश्रा से बातचीत की। विंध्यवासिनी मिश्रा का कहना है कि बेटियों को भूमि में अधिकार मिलना चाहिए। आज के समय में बेटी और बेटा दोनों एक समान है, बेटी और बेटा में कोई फर्क नहीं होना चाहिए। दोनों को बराबर हिस्सा और सम्मान मिलना चाहिए। बेटा के रहते अगर बेटी पैतृक संपत्ति में हिस्सा लेना चाहे , तो ले सकती है उनके बीच रिश्ता सही रहेगा। अगर किसी कारण बेटियों को उनके ससुराल में हिस्सा नहीं मिलता है, तो माता पिता का फ़र्ज़ है, उन्हें मायके में भी अधिकार दे।

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के सी चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से अनूप से बातचीत की।अनूप का कहना है महिला अधिकार की जानकारी मोबाइल वाणी सुनकर अच्छा लगा

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के सी चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से एक श्रोता से बातचीत की। श्रोता का कहना है महिला अधिकार को लेकर जो भी कार्यक्रम चल रहे बहुत अच्छा लग रहा है। उनका कहना है किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए,महिलाओं, पुरुषों को समान अधिकार देने चाहिए। यह कार्यक्रम अच्छा चला रहा है

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के सी चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से अलोक बरनवाल से बातचीत की।अलोक बरनवाल का कहना है मोबाइल वाणी पर प्रसारित कार्यक्रम से जागरूकता फैल रही है ,इससे महिलाओं को उनका अधिकार मिलने में सहायक हो रहा है। हमारा संविधान सभी का समान रूप से प्रतिनिधित्व करता है।