उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से सतीश चौधरी से साक्षात्कार लिया। सतीश चौधरी ने बताया कि बेटियों को हिस्सा उनके ससुराल में मिलना चाहिए, शादी के बाद उनका हिस्सा ससुराल में होता है

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से मानस उपाध्याय से साक्षात्कार लिया। मानस उपाध्याय ने बताया कि बेटियों को पैतृक सम्पत्ति अधिकार मिलना चाहिए। बेटा -बेटी एक सामान है। दोनों को शिक्षित किया जाता है और एक समान पालन - पोषण किया जाता है

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी  ने मोबाइल वाणी के माध्यम से राम लखन यादव से साक्षात्कार लिया। राम लखन यादव ने बताया कि पैतृक सम्पत्ति में महिला को अधिकार नही देना चाहिए। सम्पत्ति में अधिकार देने से भाई - बहन के रिश्ते में दरार आ सकता है। बहू को सम्पत्ति में अधिकार देना चाहिए

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी  ने मोबाइल वाणी के माध्यम से  मदन मोहन से साक्षात्कार लिया। मदन मोहन ने बताया कि महिलाओं को सम्पत्ति में अधिकार नही देना चाहिए। अधिकार देने से मामला गंभीर होगा और महिला मायके और ससुराल दोनों जगह हिस्सेदारी का दवा करेगी। भाई - बहन के बीच दरार तो नही आएगा क्योंकि एक ही खून और खानदान है। लेकिन मामला कहीं ना कहीं जरूर उलझेगा।

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी  ने मोबाइल वाणी के माध्यम से  अलोक वर्णवाल से साक्षात्कार लिया। अलोक वर्णवाल ने बताया कि भारतीय संविधान समानता की बात करता है। महिलाओं को सम्पत्ति में अधिकार देना चाहिए। जरुरी नहीं है कि सम्पत्ति में अधिकार को लेकर भाई - बहन के रिश्ते में दरार आएगा।भाई -बहन के बीच दरार संभव नही है

उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से रजनी शुक्ला से बातचीत की। बातचीत में रजनी शुक्ला ने बताया कि पैतृक संपत्ति में बेटियों को हिस्सा नहीं मिलना चाहिए। बेटियाँ शादी कर के दहेज़ लेकर अपने घर जाती हैं इसलिए अगर बेटे हैं तो बेटों का अधिकार रहता है बेटियों का अधिकार नहीं बनता। अगर बेटियां संपत्ति का अधिकार लेती हैं तो भाई बहन के रिश्ते में दरार आती है।साथ ही उनके बीच अच्छा सम्बन्ध नहीं रहता है। यदि बेटे नहीं हैं बेटियां हैं तो बेटियां अपने माता-पिता की देखभाल करें, उनका पालन-पोषण करें, उनकी हर जरूरत को पूरा करें।

उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि 2005 के कानून में संशोधन के बाद बेटी को वारिस यानी बराबर का उत्तराधिकारी माना गया है, अब बेटी विवाहित होने से पिता की संपत्ति पर अपना अधिकार नहीं बदलता है यानी बेटी का पिता की सम्पत्ति पर शादी होने के बाद भी अधिकार रहता है

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से प्रिया से साक्षात्कार लिया। प्रिया ने बताया कि बेटियों को पैतृक सम्पत्ति में हिस्सा मिलना भी चाहिए और नही भी मिलना चाहिए। अगर भाई ना रहे या भाई माता - पिता की सेवा नहीं कर रहे हैं उनको तकलीफ देते हैं , तभी बेटी का हिस्सा बनता है। समाज में कुछ बच्चे जमीन जायदाद की लालच में माँ - बाप को घर से निकल देते हैं। ऐसे घरों में माता - पिता चाहते हैं उनकी बेटियां उन के पास रह कर उनकी सेवा करें और बुढ़ापे का सहारा बनें। घर का बेटा ठीक है तो बहन को हिस्सा नही लेना चाहिए क्योंकि ससुराल में उनका हक़ होता है

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से पुष्पावती से साक्षात्कार लिया। पुष्पावती ने बताया कि बेटियों को पैतृक सम्पत्ति में हिस्सा देना चाहिए। बेटियों की शादी और शिक्षित भी करना पड़ता है।

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से सरोज से साक्षात्कार लिया। सरोज ने बताया कि बेटी माता - पिता की सेवा करती है। बेटा-बहू माता -पिता की सेवा नही करते हैं। इसलिए बेटियों को पैतृक सम्पत्ति में हिस्सा मिलना चाहिए। शादी के बाद भाई के होते हुए भी बेटी को पैतृक सम्पत्ति में हिस्सा मिलना चाहिए