बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बिहार में जातीय व आर्थिक सर्वे कराया गया. जिसमें लगभग साढ़े चौरानवे लाख परिवार 6000 मासिक अमदनी पर अपना गुजर बसर कर रहा है जो गरीबी रेखा के नीचे मानक से भी कम है उनकी आर्थिक स्थिति सामान्य करने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा लघु उधमी योजना के तहत दो लाख रुपया अनुदान देने के घोषण किया गया था. अति निर्धन परिवारों की सूची सरकार के पास उपलब्ध है फिर भी सरकार कह रही है कि उनके लिए जो आय प्रमाण पत्र 70 हजार से कम का बनेगा तो दो लाख रुपये अनुदान दिया जायेगा। लेकिन जब गरीब आय प्रमाण पत्र बनाने के लिए ऑनलाइन करते है तो 90 हजार का आय का प्रमाण पत्र बन जाता है इस लिए 22,23 अगस्त 2024 को ऑफ लाइन आय प्रमाण पत्र आवास, और 5 डिसिमिल जमीन का आवेदन हजारो लोग दिए . आज दिनांक 23 सितम्बर 2024 को फिर एक बार गरीब जनता अपना आवेदन का हाल जानने औऱ जो लोग छूट गए थे अपना आवेदन देने के लिए आये तो प्रखण्ड मुख्यालय पर सीओ बीडीओ मुख्यालय से गायब थे और जनता के लिए बनाया गया प्रखण्ड मुख्यालय उस मे ताला लटका था 20 सितम्बर को सीओ बीडीओ को सूचित किया गया था कि हम लोग 23 सितम्बर को प्रखण्ड मुख्यालय पर आय प्रमाण पत्र ,आवास,5 डिसिमिल जमीन का आवेदन देने औऱ दिया हुआ आवेदन का रिपोर्ट के लिए आयेगे।नही बीडीओ थे न सीओ न उनका प्रतिनिधि उल्टा ताला लटका था,जनता से टैक्स ले रही है सरकार लेकिन जनता का काम नही कर रही है आज मनरेगा में काम मजदूरों को नही मिल रहा है उलटे J C B से काम कराया जा रहा है. मौके पर बचा भगत,लालबहादुर कुशवाहा,शिवनाथ राम,जगजीतन शर्मा,कुमानती राम,कपिल साह,कृष्णकुमार पांडये,राजकिशोर भगत,आनंद बिहारी साहनी,वीरेंद्र राजभर,अखिलेश राम,बबन राजभर,देवशंकर भगत आदि लोग रहे।
सिवान: मैरवा प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत लगभग 5 करोड़ की लागत से बनने वाले पीसीसी सड़क का उद्घाटन जीरादेई विधायक अमरजीत कुशवाहा ने फीता काटकर किया है। सड़क निर्माण कार्य पूरा होने पर ग्रामीणों में खुशी की लहर है। ग्रामीणों ने विधायक अमरजीत कुशवाहा के कार्यो की सराहना किया है। बताते चले कि लगभग 5 करोड़ की लागत से 6 किलोमीटर सड़क निर्माण कार्य कुणाल कंट्रक्शन कंपनी के द्वारा किया गया है। यह सड़क मैरवा स्टेट बैंक मेन ब्रान्च नहर से चकिया पुल होते हुए ताली बुजुर्ग तक और शीतलपुरा से सिसवा खुर्द गांव तक के सड़क निर्माण हुआ है। इस दौरान विधायक अमरजीत कुशवाहा ने कहा कि चुनाव के दौरान यह सड़क बहुत ही जर्जर अवस्था मे था। स्थानीय ग्रामीणों ने पूरा गांव की सड़क की स्तिथि को बताया था। जहाँ हमने मुख्यमंत्री से बात कर और काफी प्रयास के बाद यह सड़क निर्माण कार्य शुरू हुआ था। जो समय अवधि के अंदर निर्माण कार्य पूरा कराने वाली कुणाल कंट्रक्शन कंपनी को धन्यवाद दिया है। मौके पर कुणाल कंट्रक्शन कम्पनी के ठीकेदार बच्चा सिंह हसुआ, मुखिया लालबहादुर सिंह, उपेंद्र साह, सुरेंद्र शर्मा, शंकर कुशवाहा, तेज बहादुर कुशवाहा, इम्तियाज अंसारी प्रभु जी बरनवाल, रवि कुमार सहित सैकड़ो ग्रामीण मौजूद थे।
राजनैतिक सिंद्धांत औऱ प्रक्रियाओं में न्याय सबसे पुरानी अवधारणाओं में से एक है, न्याय के सिद्धांत को लेकर तमाम प्रकार की बातें कहीं गई हैं, जिसे लगभग हर दार्शनिक और विद्वान ने अपने समय के अनुसार समझाया है और सभी ने इसके पक्ष में अपनी आवाज को बुलंद किया है। न्याय को लेकर वर्तमान में भी पूरी दुनिया में आज भी वही विचार हैं, कि किसी भी परिस्थिति में सबको न्याय मिलना चाहिए। इसके उलट भारत में इस समय न्याय के मूल सिद्धामत को खत्म किया जा रहा है। कारण कि यहां न्याय सभी कानूनी प्रक्रियाओं को धता को बताकर एनकाउंटक की बुल्डोजर पर सवार है, जिसमें अपरधियों की जाति और धर्म देखकर न्याय किया जाता है। क्या आपको भी लगता है कि पुलिस को इस तरह की कार्रवाइयां सही हैं और अगर सही हैं तो कितनी सही हैं। आप इस मसले पर क्या सोचते हैं हमें बताइये अपनी राय रिकॉर्ड करके, भले ही इस मुद्दे के पक्ष में हों या विपक्ष में
सिवान जिला के आंदर प्रखंड प्रमुख राधा देवी पटना में आयोजित पंचायती राज विभाग के तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में भाग लेने सोमवार को रवाना हुई. बता दे की आंदर यह दूसरी बार इतिहास रचा है , इसके पूर्व में दिल्ली स्थित भारत मंडपम , ' में प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम में , प्रमुख राधा देवी शामिल हो चुकी है वही अब पंचायती राज विभाग का तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में भाग लेने जा रही है आंदर के इतिहास में यह पहला प्रखंड प्रमुख है जो इसके पूर्व में नई दिल्ली भारत मंडपम में प्रधानमंत्री मोदी के सामने तो अब पटना के ज्ञान भवन में केंद्रीय पंचायती राज मंत्री माननीय श्री ललन सिंह सहित देश के 32 राज्यों के प्रतिनिधियो के बीच प्रखंड प्रमुख श्रीमती राधा देवी शामिल होगी. प्रखंड वासियों का मानना है कि प्रमुख श्रीमती राधा देवी के नेतृत्व में प्रखंड प्रगति एवं विकास के नित्य नए इतिहास रच रहा है.
नए नए आजाद हुए देश के प्रधानमंत्री नेहरू एक बार दिल्ली की सड़कों पर थे और जनता का हाल जान रहे थे, इसी बीच एक महिला ने आकर उनकी कॉलर पकड़ कर पूछा कि आजादी के बाद तुमको तो प्रधानमंत्री की कुर्सी मिल गई, जनता को क्या मिला, पहले की ही तरह भूखी और नंगी है। इस पर नेहरु ने जवाब दिया कि अम्मा आप देश के प्रधानमंत्री की कॉलर पकड़ पा रही हैं यह क्या है? नेहरू के इस किस्से को किस रूप में देखना है यह आप पर निर्भर करता है, बस सवाल इतना है कि क्या आज हम ऐसा सोच भी सकते हैं?
भारत में महिला श्रम शक्ति भागीदारी में हाल के वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, हालांकि वैश्विक औसत की तुलना में यह कम आधार पर है। ।स्टेट ऑफ वर्किंग इंडिया रिपोर्ट 2023 के अनुसार, भारत में महिला कार्यबल की संरचना विकसित हो रही है, जिसमें उच्च शिक्षा प्राप्त युवा महिलाओं की संख्या बढ़ रही है जो श्रम बाजार में शामिल हो रही हैं। भारत में दुनिया की सबसे बड़ी कामकाजी आयु वाली आबादी होने का अनुमान है, जो 2030 तक लगभग 70% तक पहुंच जाएगी, लेकिन कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी का वर्तमान निम्न स्तर लगातार असहनीय होता जा रहा है।तो दोस्तों, हर समस्या का समाधान होता है आप हमें बताइए कि *----- महिलाएं किन प्रकार के कार्यों में अधिकतर अपना ज्यादा समय लगाती है ? *----- महिलाओं को उच्च पदों पर पहुंचने में क्या क्या चुनौतियां आती हैं? *----- आपके अनुसार महिलाओं को कार्यस्थल पर किन प्रकार के भेदभाव का सामना करना पड़ता है? और महिलाओं को उद्यमिता और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत हैं? *----- क्या आपको भी लगता है कि समाज को इस दिशा में सोच बदलने की ज़रूरत है .?
भारतीय संविधान किसी के आर्टिकल 14 से लेकर आर्टिकल 21 तक समानता की बात कही है, इस समानता धार्मिक आर्थिक राजनीतिक और अवसर की समानता का जिक्र किया गया है। इस समानता किसी प्रकार की जगह नहीं है और किसी को भी धर्म, जाति और समंप्रदाय के आधार पर कोई भेद नहीं किये जाने का भी वादा किया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार के हालिया फैसले में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि वह धर्म की पहचान के आधार भेदभाव पैदा करने की कोशिश है।दोस्तों आप इस मसले पर क्या सोचते हैं? क्या आप सरकार के फैसले के साथ हैं या फिर इसके खिलाफ, जो भी हो इस मसले पर आपकी क्या राय है? आप इस मसले पर जो भी सोचते हैं अपनी राय रिकॉर्ड करें
मोटाभाई ने महज एक शादी में जितना खर्च किया है, वह उनकी दौलत 118 बिलियन डॉलर का 0.27 है। जबकि उनकी दौलत कृषि संकट से जूझ रहे देश का केंद्रीय बजट का 7.5 प्रतिशत से भी कम है। जिस मीडिया की जिम्मेदारी थी कि वह लोगों को सच बताएगा बिना किसी का पक्ष लिए, क्या यह वही सच है? अगर हां तो फिर इसके आगे कोई सवाल ही नहीं बनता और अगर यह सच नहीं तो फिर मीडिया द्वारा महज एक शादी को देश का अचीवमेंट बताना शुद्ध रूप से मुनाफे से जुड़ा मसला है जो विज्ञापन के रुप में आम लोगों के सामने आता है। क्योंकि मीडिया का लगभग पचास प्रतिशत हिस्सा तो मोटाभाई का खुद का है और जो नहीं है वह विज्ञापन के लिए हो जाता है "कर लो दुनिया मुट्ठी में” की तर्ज पर। दोस्तों, इस मुद्दे पर आप क्या सोचते है ?अपनी राय रिकॉर्ड करें मोबाईलवाणी पर, अपने फोन से तीन नंबर का बटन दबाकर या फिर मोबाईल का एप डाउनलोड करके।
साथियों, आपके यहां पानी के प्रदूषण की जांच कैसे होती है? यानि क्या सरकार ने इसके लिए पंचायत या प्रखंड स्तर पर कोई व्यवस्था की है? अगर आपके क्षेत्र में पानी प्रदूषित है तो प्रशासन ने स्थानीय जनता के लिए क्या किया? जैसे पाइप लाइन बिछाना, पानी साफ करने के लिए दवाओं का वितरण या फिर पानी के टैंकर की सुविधा दी गई? अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो आप कैसे पीने के पानी की सफाई करते हैं? क्या पानी उबालकर पी रहे हैं या फिर उसे साफ करने का कोई और तरीका है? पानी प्रदूषित होने से आपको और परिवार को किस किस तरह की दिक्कतें आ रही हैं?
दोस्तों इस तरह के बाबाओं द्वारा चलाई जा रही धर्म की दुकानों पर आपका क्या मानना है, क्या आपको भी लगता है कि इन पर रोक लगाई जानी चाहिए या फिर इनको ऐसे ही चलते ही रहने देना चाहिए? या फिर हर धर्म और संप्रदाय के प्रमुखों द्वारा धर्म के वास्तविक उद्देश्यों का प्रचार प्रसार कर अंधविश्वास में पड़े लोगों को धर्म का वास्तविक मर्म समझाना चाहिए। जो भी आप इस मसले पर क्या सोचते हैं अपनी राय रिकॉर्ड करें ग्रामवाणी पर