पांच कुंडीय राष्ट्र जागरण अभियान गायत्री महायज्ञ को लेकर मधवापुर कठतल में निकाली गई कलश यात्रा। बताते चले कि सिसवन प्रखंड के मधवापुर कठतल में पांच कुंडीय राष्ट्र जागरण अभियान गायत्री महायज्ञ को लेकर कलश यात्रा निकाली गई जिसमें सैकड़ो की संख्या में श्रद्धलुओं ने भाग लिया।

महुअल महाल में श्रीमद् भागवत ज्ञान महायज्ञ को लेकर निकाली गई कलश यात्रा। हसनपुरा प्रखंड के महुअल महाल मे श्री मद् भागवत ज्ञान महायज्ञ कलश यात्रा निकाली गई जिसमें सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। कलश यात्रा विद्वान ब्राह्मण संतोष कुमार द्विवेदी के वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ पूजा अर्चना करते हुए पूज्य सरकार जी पीठाधिपति साहिब दरबार के नेतृत्व में निकाली गई ।

सिसवन प्रखंड के सिसवां गांव स्थित शिव मंदिर परिसर मे पांच दिवसीय रूद्र महायज्ञ सह शिव प्राण प्रतिष्ठा को लेकर बुधवार को भव्य कलश यात्रा निकाली गई.कलश यात्रा की शुरुआत मंदिर परिसर में निर्मित यज्ञ मंडप से की गई.जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु माथे पर कलश लेकर चल रहे थे.इस दौरान गाजे बाजे के बीच श्रद्धालुओं द्वारा हर हर महादेव के गगनभेदी उद्घोष से पूरा गांव गूंज उठा. बताया गया कि सिसवन सरयू नदी का जल टैंकर में भरकर सिसवां गांव लाया गया जहां वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कलशपात्र में पवित्र जल भरा गया.गांव का भ्रमण करते हुए कलशयात्री पुनः जयकारा लगाते हुए यज्ञमंडप पहुंचे जहां कलश की स्थापना की गई. यज्ञाचार्य अंकित पांडे ने बताया की महायज्ञ क्षेत्र की शांति, सौहार्द एवं खुशहाली के किया जा रहा है.कहा कि वैदिक आयोजनों से लोगों में ज्ञान, संस्कार और शांति प्राप्त होती है. आयोजकों राम पुकार गिरि ने बताया कि महायज्ञ का कार्यक्रम पांच दिनों तक चलेगा. इस दौरान प्रत्येक दिवस पर अलग-अलग विधान संपन्न किए जाएंगे.

हसनपुरा प्रखंड एमएच नगर थाने के कन्हौली स्थित शिव मंदिर परिसर में आयोजित प्रतिष्ठात्मक श्री रुद्र महायज्ञ को लेकर बुधवार को गाजे-बाजे, ढ़ोल-नगारे के साथ भव्य मंगल कलशयात्रा निकाली गई। यह मंगल कलशयात्रा यज्ञ स्थल से प्रारंभ होकर भीखपुर, भगवानपुर के रास्ते उसरी काली स्थान होते हुए उसरी बाजार के रास्ते माइराम के मठिया होते हुए जलालपुर गांव पहुंचा। जहां विद्वान आचार्यों के वैदिक मंत्रोच्चार के पश्चात वाण गंगा (दहा नदी) से जल भरी कर पुन: यज्ञ स्थल लाया गया। कलशयात्रा के दौरान रथ पर प्रभु श्रीराम व माता जानकी के वेश में श्रद्धालु विराजमान थे। इस दौरान हर-हर महादेव व जय शिव जय शिव के नारे से समूचा माहौल गूंजयमान रहा। वही इस मंगल कलशयात्रा में क्षेत्र के 2100 महिलाएं व कन्याएं शामिल थी। इस महायज्ञ के आयोजकों ने बताया कि यह अनुष्ठान नौ दिनों तक चलेगा। वही इसकी पूर्णाहुति 02 मई को होगी। महायज्ञ के आचार्य पं मृत्युंजय मिश्रा, कथावाचक डॉ. धीरज द्विवेदी व यजमानों में शत्रुघ्न सिंह व उनकी पत्नी लिलावती देवी, जितेंद्र प्रसाद व उनकी पत्नी कलावती देवी, योगेंद्र सिंह व उनकी पत्नी सुभावती देवी, योगेंद्र दूबे व उनकी पत्नी सुनैना देवी तथा वकील यादव व उनकी पत्नी तेतरी देवी है। इस महायज्ञ के प्रतिदिन भंडारा का आयोजन किया गया है।

हसनपुरा प्रखंड के पियाउर पंचायत के बसंतनगर स्थित मां दुर्गा मंदिर में आयोजित श्री शतचंडी सह श्री दुर्गा अचल प्रांण प्रतिष्ठा महायज्ञ को ले शुक्रवार को गाजे-बाजे के साथ भव्य कलशयात्रा निकाली गई। कलशयात्रा में आस-पास के 3100 कुंवारी कन्याएं व महिलाएं शामिल थी। कलशयात्रा यज्ञ स्थल से प्रारंभ होकर घिसनापुर, उजारहां, कबिलपुरा व बलेथरी के रास्ते झौंवा होते हुए बसंतनगर पहुंचा। जहां यज्ञाचार्य पंडित ऋतुरंजन तिवारी उर्फ छोटू बाबा के वैदिक मंत्रोच्चार के पश्चात टेंकर में सिसवन से लाए गए गंगाजल से जलभरी कर पुन: यज्ञ स्थल लाकर महायज्ञ की शुभारंभ की गई। इस महायज्ञ के यजमान कर्मवीर, धर्मवीर, संतोष महतो, राधेश्याम महतो, दुर्गा चौधरी, परमा साह व सभी की धर्मपत्नी आदि थे। यह महायज्ञ नौ दिनों तक चलेगा। जिसमें 20 अप्रैल को मंडप पूजन प्रवेश, 21 को जलाधिवास, मूर्ति न्यास, 22 को अनाधिवास, मूर्ति न्यास, 23 को वस्त्राधिवास व पुष्पाधिवास,24 को दव्यधिवास, धूपाधिवास एवं फलाधिवास 25 को मूर्ति स्नपन, शिखरध्वज पूजन, नगर व शय्याधिवास 26 को अचल प्रांण प्रतिष्ठा, महाश्रृंगार एवं महाआरती तथा 27 अप्रैल को यज्ञ नारायण की पूर्णाहुति एवं महाप्रसाद वितरण कार्यक्रम सुनिश्चित किया गया है। इस नौ दिवसीय महायज्ञ में प्रत्येक दिन रामलीला व रासलीला तथा कथावाचक पूज्यदेवी धर्ममूर्ती के मुखारविंद से प्रवचन होगा। वही इसके आयोजन कर्ता समस्त ग्रामवासी है।

हमारे देश भारत में पर्वों और त्योहार की परम्परा अति प्राचीन काल से चली आ रही है जो विभिन्न ऋतुओं में भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में सभी समुदायों के द्वारा पुरे हर्षो- उल्लास और प्रसन्नता के साथ मनाये जाते है। जी हां दोस्तों हम बात कर रहे है रामनवमी की जो की आज देश प्रदेश में बड़े ही धूमधाम से मनायी जा रही है। रामनवमी का त्योहार जो हमारी धरोहर है और हमारी संस्कृति का एक हिस्सा है यह हमारे जीवन को खुशियों और उमंग से भर देता है। हर वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को रामनवमी का त्योहार मनाया जाता है।सनातन मान्यताओं के अनुसार इसी तिथि पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का जन्म हुआ था। इस अवसर पर मंदिरों में विधि विधान से पूजा पाठ किया जाता है ,और शहर में श्री राम से जुड़ी विभिन्न प्रकार की मनमोहक झांकियां निकाली जाती है। मोबाइल वाणी परिवार की ओर से आप सभी श्रोताओं को रामनवमी की ढेर सारी बधाईयाँ।

चल रहे चैत्र नवरात्र के आज छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा अर्चना श्रद्धालुओं द्वारा श्रद्धा सुमन के साथ की गई चैत्र नवरात्र का हिंदू धर्म में काफी महत्व होता है चैत्र नवरात्र में मां के अलग-अलग रूपों की पूजा अर्चना श्रद्धालुओं द्वारा की जाती है इसी क्रम में आज मां कात्यायनी की पूजा अर्चना श्रद्धालुओं द्वारा श्रद्धा सुमन से करते हुए सुख संपत्ति की कामना की गई

चल रहे चैत्र नवरात्रि की पांचवें दिन श्रद्धालुओं द्वारा बड़ी श्रद्धा सुमन के साथ माता के पांचवें रूप स्कंद माता की पूजा श्रद्धा सुमन के साथ की गई है चैत्र नवरात्रि का हिंदू धर्म में काफी महत्व होता है .

बिहार राज्य के सिवान जिला के हसनपुरा नगर पंचायत के उसरी बुजुर्ग स्थित शिव मंदिर के प्रांगण में रामनवमी सेवा समिति, बजरंग दल, आयुष्मान सेवा संघ व हिन्दू युवा वाहिनी के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे नौ दिवसीय श्रीरामचरितमानस एवं नवाह परायण श्रीराम कथा में अयोध्या से पधारी मानस कोकिला अर्चना मणि पराशर ने अपने मुखारबिंद से उपस्थित श्रद्धालुओं को श्रीराम अवतार की व्याख्या करते हुए कथा का शुभारंभ की। इस दौरान कथा सुनने के लिए नगर व प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों गांवों के श्रद्धालु उपस्थित थे। जहां कथावाचक श्री पराशर ने कहा कि प्रभु श्रीराम कथा ज्ञान का सरोवर है, जिसमें डूब कर ही जीव का कल्याण होता है। पृथ्वी पर बढ़ती अधर्म के सत्ता पर विजय प्राप्त कर धर्म की स्थापना को श्रीराम ने अवतार धारण कर अपने दिव्य लीलाओं से जीव के रूप में जन्म लेने वाले सभी प्राणियों को बहुत ही कल्याणकारी संदेश दिया।

ईद पर्व पर सिवान जिले के सभी ईदगाहों और मस्जिदों में मुस्लिम बंधुओ ने नमाज अदा की। इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे। सिवान शहर के नवलपूर ईदगाह और बड़हरिया, कलबला ईदगाह में मुस्लिम बंधुओ ने ईद की नमाज अदा की। इसके बाद एक दूसरे से गले मिलकर उन्हें ईद की मुबारकबाद दिया। ईद पर जहां बड़े एक दूसरे को मुबारकबाद दिए वहीं नन्हे मुन्ने बच्चों ने भी एक दूसरे के गले मिलकर उन्हें ईद की मुबारकबाद दी। वहीं ईद पर्व को लेकर शहर में सुरक्षा के मददे नजर संवेदनशील स्थानों पर पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती रही।