हंटरगंज प्रखंड के हाई स्कूल मैदान में गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रशासन एवं पब्लिक के बिच सद्भावना क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया गया। जिसका प्रारम्भ करीब 11:00 बजे हुआ। इस क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन माननीय प्रमुख ममता कुमारी एवं हंटरगंज थाना प्रभारी सनोज चौधरी के सौजन्य से कराया गया। इस मैच का विधिवत उद्घाटन मुख्य अतिथि माननीय प्रमुख ममता कुमारी, वशिष्ठ अतिथि भाजपा नेता श्रीनिवास सिंह, अंचल अधिकारी अरुण मुंडा एवं पुलिस इस्पेक्टर के द्वारा किया गया। इसके उपरांत प्रखंड प्रमुख के द्वारा दोनो टीमों के खिलाड़ियों को टीशर्ट दिया गया। जिसमें प्रशासन के तरफ से कप्तान वशिष्ठ नगर थाना प्रभारी वसीम रजा एवं पब्लिक के तरफ से कप्तान कमलेश कुमार जी थे। प्रशासन के कप्तान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया और दस ओभर में 87 रन बनाये। जिसे पब्लिक टीम ने आठ ओभर में मैच जीत लिया। मैन ऑफ द मैच प्रशासन टीम के नितेश दुबे को मिला और दोनों टीमों के खिलाड़ियों को मुख्य अतिथि के द्वारा मेडल देकर सम्मानित किया गया।

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फुटबॉल मैच का किया उदघाटन

चतरा जिला ओलम्पिक संघ से सम्बन्ध चतरा जिला एथलेटिक एसोशियेशन के तत्वाधान में स्थानीय जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में बुधवार को एक दिवसीय 12 वीं जिला जूनियर एथलेटिक चैम्पियनशिप का आगाज हुआ। चैम्पियनशिप का उद्घाटन जिला परिषद अध्यक्षा ममता कुमारी, जिला ओलम्पिक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष चंद्रेश शर्मा, जिला ओलम्पिक संघ के सचिव राकेश सिंह और जिला ओलम्पिक संघ के कोषाध्यक्ष जितेश चंद्रवंशी ने संयुक्त रूप से फीता काटकर व खिलाड़ियों को फ्लैग दिखा कर किया। इस दौरान अतिथियों ने खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त किया। इससे पूर्व खिलाड़ियों ने कतार वध होकर मार्च पास्ट किया। स्पर्धा में अंडर 14 से 16 उम्र वर्ग के प्रतिभागीओ ने हिस्सा लिया। स्पर्धा में 60 मीटर, 80 मीटर, 600 मीटर, लम्बी कूद, ऊँची कूद, बाधा दौड़, शौर्ट पुट, गोला फेक, भाला फेक, जैवलिंग शामिल है। सभी स्पर्धाओं मे जिला के सदर प्रखंड, हंटरगंज, गिद्धौर, सिमरिया, टंडवा, लावालौंग, इटखोरी, प्रतापपुर, पथलगड्डा के करीब 600 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। मौके पर पहुँचे चतरा जिला उपायुक्त अबु इमरान ने सफल प्रतिभागियों और तकनिकी पदाधिकारियों को सम्मानित कर कार्यक्रम की समाप्ति की गई।

खेल मंत्रालय ने WFI(भारतीय कुश्ती महासंघ) को निलंबित कर दिया! आख़िरकार पहला क़दम उठाया गया, यह पहले ही हो जाना चाहिए था। गंदी राजनीति और उनकी रणनीतियाँ सब बकवास हैं, लेकिन मैं वास्तव में आज बहुत खुश हूँ। मुझे साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया पर खुशी और गर्व महसूस हो रहा है! उन्होंने इतने लंबे समय तक इसे सहन किया और आखिरकार उनका संघर्ष सफलता की ओर बढ़ रहा है। जब यह शुरू हुआ तो मैं लगभग असमंजस में था कि ऐसा क्यों हो रहा है, क्या यह सब सच है? सच है, मैंने राजनेता का पक्ष नहीं लिया लेकिन मैं तर्कसंगत रूप से सोचने में विश्वास करता हूं। यहां तक कि इन प्रदर्शनकारियों के आरोप भी सच थे, में सोच रहा था कि इसे गंदी राजनीति के कारण दरकिनार कर दिया जाएगा क्योंकि आपने बहुत शक्तिशाली जीतें सुनी हैं और यहां राजनेता शक्तिशाली हैं। उनके सभी विरोधों को देखना मेरे लिए बहुत दर्दनाक था, यह जानते हुए कि वास्तव में कौन गलत है और कौन सही है - फिर भी हम क्या कर सकते थे? बस खबर देखिए और फिर क्या? वह पार्टी सत्ता में है यार, जब तक नागरिक सामूहिक रूप से यह नहीं चुनते कि उनके लिए सबसे अच्छा क्या है, कोई भी व्यक्ति कुछ नहीं कर सकता। बहुमत जीतता है भले ही बहुमत गलत चुनता हो तो भी गलत जीतेगा। जब मैंने रुको-क्या! जैसी खबर सुनी तो मुझे बहुत आश्चर्य हुआ। केंद्रीय मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ को निलंबित कर दिया?! बहुत खूब। सरकार शायद अपने वोट बैंक को बनाए रखने में व्यस्त है, लेकिन खुशी है कि सिस्टम किसी भी तरह से नहीं बनाया गया है कि सरकार अपनी पूर्ण जीत का आनंद ले सके या मैं कहूंगा कि राजनीति खेलें सके । हमारे देश के असली नायकों का अच्छा काम! आप लोग दिखा रहे हैं कि असली ताकत किसे कहते हैं! पैसे से सब कुछ नहीं खरीदा जा सकता, कम से कम हमारे नायकों की नैतिकता और दृष्टिकोण तो नहीं। एक और दिन, मैं सत्यमेव जयते पर विश्वा कर रहा हूं।

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यह भावनाओं के आहत होने का दौर है पता नहीं चलता कब किसकी कौन सी भावना आहत हो जाए। इन खिलाड़ियों के ऐसा करने के पीछे का कारण एक बाहुबली नेता के सहयोगी का एक खेल संघ के अध्यक्ष पद पर चुना जाना। इससे पहले वह नेता ही बीते दशक भर से इस संघ को चला रहा था, उस पर नाबालिगों के यौन शौषण के आरोप हैं, पुलिस इसकी जांच कर रही है लेकिन इस जांच के क्या नतीजे होंगे उसको क्या सजा मिलेगी यह सब सरकार की मर्जी पर निर्भर करता है । *------दोस्तों आपको क्या लगता है क्या हमारे देश के पहलवान जो यौन शोषण के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं वे अपनी जगह पर ठीक हैं या उनमें कुछ है जो उन्हें गलत साबित करता है, उन्हें किसी के हाथ का खिलौना बनाता है। हो सकता है कि आप इन दोनों में से किसी एक विचार से सहमत हों। वह विचार चाहे जो भी हो उसे कहिए, बोलिए, हमें बताइए, क्योंकि एक महान लोकतंत्र के लिए लोगों का बोलना ज़रूरी है

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