टंडवा प्रखंड मे पिछले पांच दिनों से चल रहे सात दिवसीय प्राथमिक शिक्षा वर्ग का आयोजन वनांचल महाविद्यालय में किया गया है।जिसमे पूरे जिले के विभिन्न प्रखण्डों के लोगों ने भाग लिया है। कार्यक्रम मे घर घर से रोटी का सहयोग लोगो को मिल रहा है। इस दौरान सहभागी स्वयंसेवकों में संबोधित करते हुए श्री मोतीलाल जी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रमों में भाग लेने से स्वयंसेवकों के भीतर कार्यकर्ता का गुण विकसित होता है। वह अपने से अधिक राष्ट्र को महत्व देने लगता है। हम जो विचारधारा लेकर चले वह इस देश की विचारधारा थी हम विचार का प्रचार कर रहे थे। हमारा प्रमुख उद्देश्य है कि समाज को राष्ट्रीय विचारधारा पर खड़ा करना है। इस विचारधारा के अभाव में यह देश 800 वर्षों तक पराधीन रहा। जहां संघ की शाखा न है वहां भी हमारी विचारधारा चल रही है। वर्तमान समय में प्रखर हिंदूवादी लोगों की संख्या समाज में बहुत अधिक है। भले ही वह संघ से न जुड़े हो। ऐसे लोगों को हम सज्जन शक्ति कहते हैं। समाज का हर वह व्यक्ति जो राष्ट्र के लिए समर्पित है। राष्ट्र की विचारधारा से जुड़ा है। समाज में हिंदुत्ववादी विचारधारा का तेजी से प्रचार-प्रसार बड़ा है। भले वह संघ के कार्यकर्ता ना हो लेकिन प्रखर हिंदूवादी हमसे ज्यादा हिंदुत्व का एजेंडा चलाते हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 1925 में हुई थी। तब से संघ लगातार समाज के निर्माण में अपनी महती भूमिका निभा रहा है।उन्होने कहाकि 1925 में जब संघ प्रारम्भ हुआ, तो संघ के संस्थापक डा. हेडगेवार स्वयंसेवकों को सैन्य प्रशिक्षण देना चाहते थे। उनकी सोच थी कि अनुशासन तथा समूह भावना के निर्माण में यह सहायक हो सकता है पर वे स्वयं इस बारे में कुछ नहीं जानते थे। इसलिए वे अपने सम्पर्क के कुछ पूर्व सैनिकों को बुलाकर रविवार की परेड में यह प्रशिक्षण दिलवाते थे। इसीलिए प्रारम्भ के कुछ वर्ष तक संघ में सेना की तरह अंग्रेजी आज्ञाएं, क्राॅस बैल्ट, कंधे पर आर.एस.एस का बैज आदि प्रचलित थे। ऐसी ही वेशभूषा पहने डा. हेडगेवार का एक चित्र भी बहुप्रचलित हैं। संघ के विकास और विस्तार के साथ क्रमशः अंग्रेजी के बदले संस्कृत आज्ञाओं का प्रचलन हुआ। इस अवसर पर दिनेश जी व्यवस्था प्रमुख, शंभू जी मुख्य शिक्षक सह खंड कार्यवाहक, जय जी सह व्यवस्था प्रमुख, तारकेश्वर जी खंड व्यवस्था प्रमुख, लक्ष्मण जी चिकित्सा प्रमुख, सुजीत भारती, जय सियाराम पंडित बिगुल जी सिकंदर मुंडा, दिलीप जी राजेंद्र जी रामबालक जी रितेश जी कृष्णानंद जी संजय श्रीवास्तव जी उपस्थित थे।

दैनिक जागरण बिहार की मई 2023 की रिपोर्ट के अनुसार नरपतगंज प्रखंड से सटे सुपौल जिला के छातापुर प्रखंड अंतर्गत मध्य विद्यालय ठूठी में सोमवार को एमडीएम परोसने के क्रम में बच्चों के भोजन में मरी हुई छिपकली मिली, जिसके बाद बच्चों व गांव वालों में हड़कंप मच गया। लेकिन क्या ये हड़कंप हमारा अपने जन प्रतिनिधियों के सामने झलकता है ? जिस पन्ना ज़िले के स्कुल में 40 बच्चे बीमार हो गए , क्या वोट देते समय हम ये बात सोचते है? नहीं .. बिलकुल भी नहीं सोचते। क्योंकि हम एक वोट देने की मशीन में ढल चुके है। कुछ लोग इसे मेरी ही मूर्खता करार देंगे कि मध्यान भोजन के लिए हम नेताओ को दोष क्यों दें ? लेकिन सच ये है कि जब तक कोई घटना हमारे या हमारे अपनों के साथ नहीं घटती , तब तक हम राजनितिक पार्टियों की चाटुकारिता में लगे रहते है। लोग आपको ही बार बार समझायेंगे कि हमें इन सभी पचड़ों में नहीं पड़ना चाहिए। दोस्तों, अपने देश, समाज और बच्चों के भविष्य को बदलने के लिए किसी न किसी को शुरुआत करनी पड़ेगी और वह शुरुआत स्वयं से ही होगी, इसके बाद अन्य समाज के लोगों का साथ मिलता चला जाएगा। तब तक आप हमें बताइए कि * ------ आपके गाँव या क्षेत्र में सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन की स्थिति क्या है ? *------- आपने क्षेत्र या गाँव के सरकारी स्कूलों में बच्चों को कैसा पौष्टिक खाना मिलता है क्या ? आपके अनुसार बच्चों के लिए पौष्टिक भोजन का क्या मतलब है ? *------ साथ ही शिक्षा के मसले पर आपको किससे सवाल पूछने चाहिए ? और इसे कैसे बेहतर बनाया जा सकता है , ताकि हमारे देश का भविष्य आगे बढे।

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हाथियों द्वारा तोड़े गए घर वालो को खाद्यय सामग्री का बितरण