उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से अरविन्द श्रीवास्तव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से रमेश से हुई। रमेश यह बताना चाहते है कि अगर उनके बेटी को जमीन में हिस्सा दिया जाए तो बेटों को तो ऐतराज़ होगा ही। अगर उनकी बेटी सक्षम होगी तो उनको जमीन में हिस्सा नहीं दिया जायेगा। पिता अपनी बेटी की शादी के समय जितना पैसा या संपत्ति देना होता है वह दे देते है। अगर बेटी शादी के बाद सक्षम नहीं है आर्थिक रूप से तो उनकी मदद करनी चाहिए। महिला खुद ही सक्षम नहीं बनना चाहती है। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए प्रयास किया जा रहा है।