उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से मोहम्मद इमरान , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि अधिकांश महिलाओं का कहना है कि वो लोग किसी भी मामले में पीछे नहीं है। वह वर्तमान में धान के प्रत्यारोपण से लेकर धान की निराई तक सभी काम खेतों में करते हैं, लेकिन अपने घरों में उनके पति की भूमि का स्वामित्व नहीं मिलता है, उन्हें यह अधिकार तभी मिलता है जब पति की मृत्यु हो जाती है या पति की मृत्यु के बाद विरासत में मिलता है। हमें स्वामित्व का अधिकार तभी मिलता है जब भूमि उस रूप में खरीदी जाती है या जब पति द्वारा भूमि खरीदी जाती है, ऐसे मामले में, उनको भूमि पर अधिकार मिल पाता है। वर्तमान में सरकार सरकारी योजनाओं में महिलाओं को 100 प्रतिशत लाभ दे रही है, लेकिन आज भी महिला पिछड़ी हुई है।