उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से विजय पाल चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि भारत में केवल अट्ठाईस प्रतिशत महिलाओं को जमीन में हिस्सेदारी मिली है। जब कि खेती में महिलाओं का ज्यादा योजगाद रहता है और उनकी हिस्सेदारी भी है। इसलिए भारत के कानून में महिलाओं को जमीन में मालिकाना हक़ मिला है। लेकिन देश में महिलाओं को उनका हक़ नहीं दिया जाता है। जमीन पर महिलाओं का महिलाकना हक़ नहीं होने से वे स्वतन्त्र नहीं होती है और स्वतन्त्र रूप से कोई निर्णय लेने का अधिकार भी महिलाओं को नहीं दिया जाता है। इसलिए महिलाओं को जमीन पर अधिकार अवश्य मिलना चाहिए। जमीन पर अधिकार मिलने से महिलाएं सशक्त बनेंगी