उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से शालिनी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं और नौकरी कर रही हैं। वह कमा रही है और अपने पैरों पर खड़ी है। इस समय भूमि और संपत्ति साझा करने की चर्चा हो रही है, जिसके लिए वे कहना चाहती हैं कि यह महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, यह बहुत अच्छी बात है कि उन्हें किसी से कुछ नहीं पूछना है या वे अपने खर्च खुद उठा सकते हैं, वे अपने बच्चों की भी अच्छी तरह से देखभाल कर सकते हैं, लेकिन भूमि राजस्व में हिस्सा मिलने से उन्हें अधिक आत्मविश्वास मिलेगा। और आत्मनिर्भरता होगी और घरेलू हिंसा में भी कुछ कमी आएगी। अगर महिलाओं के पास जमीन जायदाद में हिस्सा नहीं रहता है ,तो उनका समाज में कोई सम्मान व पहचान नहीं होता है। इसीलिए ये इस बात की पक्ष में है कि महिलाओं को भी भूमि में अधिकार मिलना चाहिए