उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से मोहम्मद इमरान , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि गलत संगत में पड़कर युवा नशे के जाल में फंस कर अपना दिमागी संतुलन खो रहा है। युवाओं में बढ़ती नशे की लत को लेकर चिंता व्यक्त की गई है। महानगरों और छोटे शहरों में अवैध मादक पदार्थ बड़ी आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। युवा पीढ़ी के ऐसे अभिभावक, जो अपनी व्यापारिक व्यस्तताओं में उलझे रहते हैं, अपने बच्चों को समय नहीं दे पाते। वह कहां जाता है, किससे मिलता है, उसके मित्रों की आदतों की जानकारी लेने की चिंता नहीं करते हैं। ऐसी लापरवाही से ही युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त में आती चली जाती है। गलत संगत में पड़कर नशा करने की छोटी-छोटी शुरुआत से ही धीरे-धीरे नशे की आदत उसके शरीर पर गहरी पकड़ बना लेती है। ऐसी अवस्था में नशे की भूख उसके लिए असहनीय हो जाती है, तब नशीले पदार्थों का सेवन करने के लिए अपने अभिभावकों पर पैसा लेने के लिए दबाव डालने लगता है। मना करने पर तरह-तरह की धमकियां देने लगता है। पैसा नहीं मिलने पर चोरी जैसी बुराई को अपना लेने में भी शर्म महसूस नहीं करता है। ऐसी परिस्थिति आने पर नशे की लत पर अंकुश लगाने में अभिभावक भी असमर्थ हो जाते हैं। युवाओं की चिंताजनक स्थिति होने के बाद ही नशे के जाल से निकालने के लिए अभिभावकों की चेतना जागृत होती है। पर शायद तब तक देर हो चुकी होती है। नशे की आदत के शिकार युवाओं के मां-बाप सामाजिक बदनामी से डरकर किसी परामर्श आश्रम में भेज कर उसका इलाज कराने से भी हिचकने लगते हैं।