बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" के नारे से रंगी हुई लॉरी, टेम्पो या ऑटो रिक्शा आज एक आम दृश्य है. पर नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च द्वारा 2020 में 14 राज्यों में किए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि योजना ने अपने लक्ष्यों की "प्रभावी और समय पर" निगरानी नहीं की। साल 2017 में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में हरियाणा में "धन के हेराफेरी" के भी प्रमाण प्रस्तुत किए। अपनी रिपोर्ट में कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ स्लोगन छपे लैपटॉप बैग और मग खरीदे गए, जिसका प्रावधान ही नहीं था। साल 2016 की एक और रिपोर्ट में पाया गया कि केंद्रीय बजट रिलीज़ में देरी और पंजाब में धन का उपयोग, राज्य में योजना के संभावित प्रभावी कार्यान्वयन से समझौता है।

उत्कृष्ट विद्यालय के परिणाम घोषित

बनो नई सोच ,बुनो हिंसा मुक्त रिश्ते की आज की कड़ी में हम सुनेंगे महिलाओं के साथ होने वाले दुर्व्यवहार और हिंसा के बारे में।

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकल पीठ ने इस टिप्पणी के साथ कि डिग्री व अंशकालीन डिप्लोमा कोर्स एक साथ किए जाने के आधार पर नियुक्ति से वंचित याचिकाकर्ता को 15 दिन के भीतर नियुक्ति प्रदान करने के निर्देश दिए हैंविस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

नरसिंहपुर के जिला उत्कृष्ट विद्यालय में कक्षा 9 में प्रवेश के लिए आवदेन की अंतिम तारीख 30 मार्च है । यहां 240 सीट के लिए आवेदन बुलाए गए हैं

भारत में शादी के मौकों पर लेन-देन यानी दहेज की प्रथा आदिकाल से चली आ रही है. पहले यह वधू पक्ष की सहमति से उपहार के तौर पर दिया जाता था। लेकिन हाल के वर्षों में यह एक सौदा और शादी की अनिवार्य शर्त बन गया है। विश्व बैंक की अर्थशास्त्री एस अनुकृति, निशीथ प्रकाश और सुंगोह क्वोन की टीम ने 1960 से लेकर 2008 के दौरान ग्रामीण इलाके में हुई 40 हजार शादियों के अध्ययन में पाया कि 95 फीसदी शादियों में दहेज दिया गया. बावजूद इसके कि वर्ष 1961 से ही भारत में दहेज को गैर-कानूनी घोषित किया जा चुका है. यह शोध भारत के 17 राज्यों पर आधारित है. इसमें ग्रामीण भारत पर ही ध्यान केंद्रित किया गया है जहां भारत की बहुसंख्यक आबादी रहती है.दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- दहेज प्रथा को लेकर आप क्या सोचते है ? और इसकी मुख्य वजह क्या है ? *----- समाज में दहेज़ प्रथा रोकने को लेकर हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है ? *----- और क्यों आज भी हमारे समाज में दहेज़ जैसी कुप्रथा मौजूद है ?

Transcript Unavailable.

मेरा नाम लखन सुभावी है मैं राम रीवा नगर पोस्टपुर तहसील करीली जिला नरसनपुर से हूँ मेरी समस्या यह है कि हर गाँव में मार्ग बनाया गया है लेकिन मेरे गाँव में मार्ग बनाया गया है लेकिन मेरे घर में हम जहाँ भी जाते हैं , हम अच्छे लोगों से मिलते हैं , हमारे पास एक अच्छा वातावरण है , मेरे गाँव में अच्छी उच्च शिक्षा के लिए कोई अच्छा स्कूल नहीं है , कोई उप - चिकित्सा केंद्र नहीं है , कोई उप - सरकारी अस्पताल नहीं है । हमारे गांव की डिग्री करने वाला कोई अच्छा अधिकारी नहीं है , मैं सरकार से अपील करता हूं कि मेरे गांव में अस्पताल के लिए जहांदार जय भारत और अच्छी शिक्षा के लिए अच्छे शिक्षक को धन्यवाद ।

सेवा भारती संस्था को सौंपा 25 हजार का चेक

मध्यप्रदेश में प्रथम चरण में 275 सीएम राइज स्कूल में सत्र 2024 - 25 में प्रवेश की प्रक्रिया 15 मार्च से शुरू हो जाएगी । 16 मार्च से विद्यालय की प्रारंभिक कक्षा केजी वन और फर्स्ट में प्रवेश 16मार्च से शुरु होगें