बिहार राज्य के नवादा जिला के नारदीगंज प्रखण्ड से तारा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से गाँव पन्छेका निवासी अंजलि राज से बातचीत किया। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि बिहार में ऐसी कोई सुविधा नहीं है जिससे की महिलाएं रोजगार में आगे बढ़ सके। बिहार के अधिकांश निवासी दूसरे राज्यों में पलायन कर के काम करते हैं। यदि बिहार की महिलाओं का विकास करना है तो राज्य में फैक्ट्री स्थापित की जानी चाहिए

मनरेगा में भ्रष्टाचार किसी से छुपा हुआ नहीं है, जिसका खामियाजा सबसे ज्यादा दलित आदिवासी समुदाय के सरपंचों और प्रधानों को उठाना पड़ता है, क्योंकि पहले तो उन्हें गांव के दबंगो और ऊंची जाती के लोगों से लड़ना पड़ता है, किसी तरह उनसे पार पा भी जाएं तो फिर उन्हें प्रशासनिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस मसले पर आप क्या सोचते हैं? क्या मनरेगा नागरिकों की इच्छाओं को पूरा करने में सक्षम हो पाएगी?