बिहार के नवादा जिले के एक गांव में रहने वाली फगुनिया या फिर उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के किसी गांव में रहने वाली रूपवती के बारे में अंदाजा लगाइये, जिसके पास खुद के बारे में कोई निर्णय लेने की खास वज़ह नहीं देखती हैं। घर से बाहर से आने-जाने, काम काज, संपत्ति निर्माण करने या फिर राजनीतिक फैसले जैसे कि वोट डालने जैसे छोटे बड़े निर्णय भी वह अक्सर पति या पिता से पूछकर लेती हो? फगुनिया और रूपवती के लिए जरूरी क्या है? क्या कोई समाज महज दो-ढाई महिलाओं के उदाहरण देकर उनको कब तक बहलाता रहेगा? क्या यही दो-ढ़ाई महिलाएं फगुनिया और रूपवती जैसी दूसरी करोड़ों महिलाओं के बारे में भी कुछ सोचती हैं? जवाब इनके गुण और दोष के आधार पर तय किये जाते हैं।दोस्तों इस मसले पर आफ क्या सोचते हैं अपनी राय रिकॉर्ड करें .

बिहार राज्य के नवादा जिला के नारदीगंज प्रखंड से तारा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से मिनती कुमारी से बातचीत किया । बातचीत के दौरान मिनती ने बताया कि महिलाओं को भूमि का अधिकार मिलना जरूरी है। क्योकि महिलाओं के नाम से संपत्ति नहीं होने के कारण महिलाओं को प्रताड़ना का शिकार होना पड़ता है। महिलाओं के पास संपत्ति रहेगा तो वे खुद का रोजगार कर के आत्मनिर्भर और सशक्त बन सकती हैं

बिहार राज्य के नवादा जिला के पकरीबरावां जिला से संगीता कुमारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से रौशन कुमार से बातचीत किया। बातचीत के दौरान रौशन ने बताया कि सरकार के द्वारा महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। इससे महिलाओं के खिलाफ भेदभाव में कमी आएगी। साथ ही इससे महिलाओं को सभी क्षेत्रों में नेतृत्व करने के लिए प्रेरणा देती है।

बिहार राज्य के जिला नवादा से संगीता कुमारी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से आयुष अग्रवाल से हुई। आयुष अग्रवाल यह बताना चाहते है कि बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान कर सकते है। स्कूल में लड़कियों के लिए सुरक्षित वातावरण का व्यवस्था होना चाहिए। बालिकाओं को उच्च शिक्षा और व्यावसायिक शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। ताकि लड़कियां बड़ी होकर अपना कोई रोजगार कर सके। महिलाओं के लिए बेहतर प्रसव करने के लिए व्यवस्था करना चाहिए। महिलाओं के लिए योजनाएं लाने चाहिए। महिलाओं को समान अवसर मिलना चाहिए।

बिहार राज्य के नवादा ज़िला के नारदीगंज प्रखंड के भटभीगा से तारा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से रविंद्र से हुई। रविंद्र कहते है कि बिहार सरकार द्वारा जो जमीन का सर्वे चल रहा है ,सरकार अनुसार महिला को भूमि अधिकार मिलना चाहिए। इससे महिला अपने कर्तव्यों का पालन कर पाएगी ,उनका शोषण कम होगा ,समाज में सशक्त रूप से खड़ी होंगी

भूमि सुधार कानूनों में संशोधन करके महिलाओं के भूमि अधिकार को सुनिश्चित किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, कानूनों में यह प्रावधान किया जा सकता है कि महिलाओं को पैतृक संपत्ति में समान अधिकार होगा और विवाह के बाद भूमि का अधिकार हस्तांतरित नहीं होगा। सभी जमीनों का दस्तावेजीकरण किया जाना चाहिए ताकि महिलाएं अपने भूमि अधिकारों का दावा कर सकें। तब तक दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- आपके हिसाब से महिलाओं को भूमि का अधिकार देकर घर परिवार और समाज में किस तरह के बदलाव लाए जा सकते हैं? *----- साथ ही आप इस मुद्दे पर क्या सोचते है ? और आप किस तरह अपने परिवार में इसे लागू करने के बारे में सोच रहे है ?

बिहार राज्य के नवादा जिला के पकरीबरावां प्रखंड से संगीता कुमारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से दीपक चौरसिया से बातचीत किया। बातचीत के दौरान दीपक ने बताया कि सरकार ने महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिया है। इस आरक्षण का लाभ उठाने के लिए महिलाओं को शिक्षित और जागरूक होना जरूरी है। महिलाएं शिक्षित होगी तो अपने अधिकारों को पहचानेंगी

कुछ महीने पहले की बात है, सरकार ने महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए कानून बनाया है, जिससे उन्हें राजनीति और नौकरियों में आरक्षण मिलेगा, सवाल उठता है कि क्या कानून बना देने भर से महिलाओं को उनका हक अधिकार, बेहतर स्वास्थय, शिक्षा सेवाएं मिलने लगेंगी क्या? *----- शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और आर्थिक अवसरों तक महिलाओं की पहुंच में सुधार के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं *----- महिलाओं को जागरूक नागरिक बनाने में शिक्षा की क्या भूमिका है? *----- महिलाओं को कानूनी साक्षरता और उनके अधिकारों के बारे में जागरूक कैसे किया जा सकता है"

बिहार राज्य के नवादा जिला के नारदीगंज प्रखंड से तारा ने मोबाइल वाणी के माधयम से रबिता देवी से बातचीत किया। बातचीत के दौरान रबिता ने बताया कि महिलाओं को भूमि का मालिकाना हक़ दिलाने के लिए सरकार ने कानून बनाये है। जिससे महिलाओं को भूमि में पुरुष के बराबर अधिकार मिलता है। साथ ही उन्होंने बताया कि वे अपने पैतृक संपत्ति में अधिकार नहीं लेना चाहती हैं

बिहार राज्य के नवादा जिला के नारदीगंज प्रखंड से तारा ने मोबाइल वाणी के माधयम से रिंकू देवी से बातचीत किया। बातचीत के दौरान रिंकू ने बताया कि समाज में पुरुष और महिला का अधिकार बराबर होना चाहिए। महिला को अगर संपत्ति का अधिकार नहीं दिया जाता है तो महिलाएं न्यायलय का सहारा ले सकती हैं। महिलाओं को संपत्ति में समान अधिकार मिलना चाहिए