बिहार राज्य के नवादा ज़िला के नारदीगंज प्रखंड से तारा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से कंचन कुमारी से हुई। कंचन कहती है कि महिलाओं पर हाथ उठाने पर एक से लेकर पांच वर्ष का कारावास के साथ जुर्माना का दंड प्रावधान है। अगर महिला के ऊपर शोषण होता है तो उन्हें कानूनी रूप से सख्त सजा देना चाहिए
बिहार राज्य के नवादा ज़िला के नारदीगंज प्रखंड के भटभीगा से तारा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से अनुष्का कुमारी से हुई। अनुष्का कहती है कि सरकार महिलाओं को सशक्त करने के लिए भूमि अधिकार दिलाने का पहल की है। अगर महिला को सहयोग मिलेगा तो वो आत्मनिर्भर हो सकती है। महिला कानून का इस्तेमाल कर पुस्तैनी जमीन में हक़ ले सकती है
बिहार राज्य के नवादा जिला से बिंदु देवी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से विजय से बातचीत किया। बातचीत के दौरान विजय ने बताया कि आज के समय में महिलाओं के पास रोजगार है ही नहीं। महिलाएं थोड़ा बहुत खेती करती भी है तब भी महिलाएं घर में प्रताड़ित होती हैं। इसका सबसे मुख्य कारण है महिलाएं शिक्षित नहीं है और महिलाओं के पास भूमि का अधिकार नहीं है। महिलाएं शिक्षित होंगी और उन्हें ससुराल में भूमि का अधिकार मिलेगा तो महिलाओं की स्थिति में काफी सुधार आएगा
कुछ महीने पहले की बात है, सरकार ने महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए कानून बनाया है, जिससे उन्हें राजनीति और नौकरियों में आरक्षण मिलेगा, सवाल उठता है कि क्या कानून बना देने भर से महिलाओं को उनका हक अधिकार, बेहतर स्वास्थय, शिक्षा सेवाएं मिलने लगेंगी क्या? *----- शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और आर्थिक अवसरों तक महिलाओं की पहुंच में सुधार के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं *----- महिलाओं को जागरूक नागरिक बनाने में शिक्षा की क्या भूमिका है? *----- महिलाओं को कानूनी साक्षरता और उनके अधिकारों के बारे में जागरूक कैसे किया जा सकता है"
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की 2021 की रिपोर्ट बताती है कि दुनिया भर में आर्थिक समानता में महिलाओं की संख्या 58 फीसदी है। लेकिन पुरुषों के बराबर आने में उन्हें अभी सदियां लग जाएंगी। 156 देशों में हुए इस अध्ययन में महिला आर्थिक असमानता में भारत का स्थान 151 है। यानी महिलाओं को आर्थिक आजादी और अचल संपत्ति का हक देने के मामले में एक तरह से हम दुनिया में सबसे नीचे आते हैं। दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं के जीवन का बड़ा समय इन अधिकारों को हासिल करने में जाता है, अगर यह उन्हें सहजता से मिल जाए तो उनका जीवन किस तरह आसान हो सकता है? *----- महिलाओं के लिए भूमि अधिकारों तक पहुंच में सुधार के लिए कौन- कौन से संसाधन और सहायता की आवश्यकता हैं?
बिहार राज्य के नवादा जिला के नारदीगंज प्रखंड से तारा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से सुरेश प्रसाद चौहान से बातचीत किया। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि घरेलु हिंसा की शिकार महिलाओं को सुरक्षा एवं राहत प्रदान करने के लिए कई कानून बनाये गए है। महिलाएं न्यायलय में शिकायत दर्ज कर सकती हैं। भारत का संविधान महिलाओं को बराबरी का अधिकार प्रदान करता है
बिहार राज्य के नवादा जिला के नारदीगंज प्रखंड से तारा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से शिक्षिका हेमा कुमारी से बातचीत किया। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि अपने कार्यस्थलों पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की शिकायतों के मामले में, संबंधित संगठनों या विभागों से ऐसी शिकायतों की जांच करने के उद्देश्य से कार्यस्थल पर महिला यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए अधिनियम 2013 के अनुसार आई. सी. सी. आंतरिक शिकायत समिति के गठन की शुरुआत की।
बिहार राज्य के जिला नवादा से संगीता कुमारी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से पिंकी से हुई। पिंकी यह बताना चाहती है कि पिता की संम्पत्ति में बेटी का अधिकार होना चाहिए। लोग कहते है कि लड़का और लड़की में भेद - भाव नहीं होता है , इसीलिए उनको जमीन पर अधिकार भी मिलना चाहिए। महिलाओं के साथ अत्याचार होता है। उनको दहेज़ देकर शादी कर दिया जाता है और उनको प्रताड़ित किया जाता है। अगर महिला को जमीन पर अधिकार मिलेगा तो वह अपने बच्चों को खुद पाल सकती है।
बिहार राज्य के जिला नवादा से बिंदु देवी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से जयशंकर से हुई। जयशंकर यह बताना चाहते है कि महिला को आत्मनिर्भर बनना चाहिए। आत्मनिर्भर रहने के लिए महिलाओं को जमीन पर अधिकार देना जरूरी है। आज कल महिलाओं के साथ शोषण बहुत होता है। अगर महिला आत्मनिर्भर बनेगी तो कहीं भी जा सकती है।
रोजगार और श्रम के मसले पर भी महिलाओं की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है, और इसके पीछे का कारण भी वही हैं जो उन्हें अवसरों का समानता, स्वतंत्र निर्णय लेने में होने वाली परेशानियां है। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के अनुसार, भारत में महिलाओं का 81.8 प्रतिशत रोजगार अनौपचारिक अर्थव्यवस्था में केंद्रित है। ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट 2021 के ही अनुसार, औसतन भारतीय महिलाओं को पुरुषों की आय का 21% भुगतान किया जाता था। इस सबके पीछे का कारण यह है कि महिलाओं को उनके परिवार में ही हक और बराबरी के बारे न बताया जाता है और न सिखाया जाता है, जिसके चलते महिलाओं के पास विकल्प कम होते जाते हैं, और वह जो मिल रहा है रख लो वाली सोच की आदि हो जाती हैं, जोकि उनकी क्षमताओं के साथ अन्याय है। *----- दोस्तों महिलाओं के हक, अधिकार और समानता के मसले पर आपका क्या सोचते हैं ? *----- क्या आपको भी लगता है कि महिलाओं को पिता की संपत्ती में अधिकार के साथ उनके साथ समानता का व्यवहार किये जाने की आवश्यकता है? या फिर आप कुछ इससे अलग भी सोचते हैं,