महाराष्ट्र के नागपुर जिला से आदर्श मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि कोविड से बचाव करने की बात बताकर कोविड टीकाकरण किया गया था। लेकिन यह सच है कि कई लोगों की अचानक दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई, उन्हें नहीं पता था कि हमला कैसे हुआ, इसलिए ये लोग सलाह देते रहे कि आपको अपनी मेडिकल जांच करवा लेनी चाहिए।कहा जा रहा है कि हमारा इलाज बहुत खतरनाक है कुछ लोग हैं जो देश को नुकसान पहुँचा रहे हैं, कुछ भारतीय कंपनियाँ हैं जो बड़े-बड़े दावे करती हैं कि हमारी तकनीक बहुत शक्तिशाली और अद्भुत है लेकिन ऐसा करते हुए लोगों को नुकसान पहुँचाती है।

सोशल मीडिया के साथ - साथ हम कॉलिंग और मोबाइल फोन का भी उपयोग करते हैं लेकिन जिनके पास सोशल मीडिया सिस्टम नहीं है । जिनके पास सोशल मीडिया के साधन नहीं हैं , वे अक्सर पूरे दिन असीमित फोन वार्तालाप में लगे रहते हैं , अक्सर कुछ सुनते हैं या किसी के साथ बातचीत करते हैं । इसमें एक बहुत बड़ी बीमारी भी है । ऐसा महसूस न करने के अलावा किसी भी तरह का काम न करना ठीक है । अपने सामने वाले व्यक्ति पर ध्यान न देना ठीक है । ये सब बातें । न किसी ने मोबाइल फोन के माध्यम से हमारे देश के लोगों में पैदा हो रही अस्थिरता को दूर करने का कोई प्रयास किया है और न ही सरकार ने । ऐसा उस व्यक्ति के साथ भी नहीं है जिसने सोशल मीडिया का आविष्कार किया था , जो पारंपरिक व्यवस्था धर्म को नष्ट करने और बढ़ावा देने के लिए ऐसी तकनीक को दुनिया में लाया था । सोचा कि अक्सर देश में जो हो रहा है वह दुनिया भर में देश के लोगों के साथ हो रहा है , अक्सर उन्हें यह भी पता नहीं होता कि मेरे साथ क्या हो रहा है और मैं कैसा महसूस कर रहा हूं । वे बिल्कुल नहीं जानते कि इंटरनेट एक ऐसी बेकार चीज है जिसे कभी भी इंटरनेट से इतना प्यार नहीं होता है कि यह पुष्टि नहीं की जा सकती है कि यह ज्ञान के लिए सही है या गलत ।

नागपुर महाराष्ट्र से आदर्श मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे कि एक व्यक्ति अपने ज्ञान के लिए सोशल मीडिया का भी उपयोग करता है , लेकिन उसके साथ उल्टा होता है । और ऐसी बीमारी उत्पन्न होती है कि इस बीमारी का निदान करने वाले डॉक्टर भी गायब हो जाते हैं , यानी उन्हें नहीं पता कि कौन सी बीमारी है और कौन सी बीमारी है । यह बीमारी कायरों की तरह छिपी हुई है , कोई जानकारी सामने नहीं आती है , यह सोशल मीडिया ज्ञान के लिए नहीं बल्कि लोगों में मानसिकता पैदा करने के लिए बनाया गया है , चाहे वह फेसबुक हो या वॉट्सऐप । इंस्टाग्राम या तार या किसी भी तरह का कोई भी ऐप , मुझे नहीं लगता कि कोई मानवीय प्रगति हुई है । मनुष्य प्रगति के चक्र में फँसा हुआ है । चौबीस घंटे महिलाएं । सोशल मीडिया वॉट्सऐप पर लगा हुआ है , जो उनके दिमाग में आया , उन्हें नहीं पता , उन्हें अपने बच्चों के साथ - साथ अपने परिवार की भी परवाह नहीं है , वे सारा दिन और हर समय अपने मोबाइल फोन में बिताते हैं । चाहे वह शिक्षा हो , किस तरह के उपाय किए जाने चाहिए , इसलिए चौबीस घंटे अपना सारा समय मोबाइल फोन में अपने परिवार को अलग - थलग करके बिता रहे हैं और हमारे देश में यह काम इतनी बार क्यों हो रहा है ।

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.