आपका पैसा आपकी ताकत की आज की कड़ी में हम सुनेंगे अपने श्रोताओं की राय

बिहार राज्य के वैशाली जिला से सोनू कुमार ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि मनरेगा से प्राप्त मजदूरी से लोग अपनी इच्छा की पूर्ति नही कर पाएंगे। दैनिक मजदूरी बहुत कम दिया जाता है।मनरेगा योजना के अंतर्गत काम कर के अपने परिवार को चलाना संभव नही है।साथ ही यह योजना धांधली और लूट-खसोट का शिकार है। इस योजना में बताया गया है कि मजदूरी करने वालों को कई सुविधाएँ मिलेंगी,जैसे - शेड, पानी,स्कूल,इत्यादि। मगर धरातल पर मजदूरों को इनमे से कोई भी सुविधा उपलब्ध नही कराई जाती है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

मनरेगा में भ्रष्टाचार किसी से छुपा हुआ नहीं है, जिसका खामियाजा सबसे ज्यादा दलित आदिवासी समुदाय के सरपंचों और प्रधानों को उठाना पड़ता है, क्योंकि पहले तो उन्हें गांव के दबंगो और ऊंची जाती के लोगों से लड़ना पड़ता है, किसी तरह उनसे पार पा भी जाएं तो फिर उन्हें प्रशासनिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस मसले पर आप क्या सोचते हैं? क्या मनरेगा नागरिकों की इच्छाओं को पूरा करने में सक्षम हो पाएगी?

आपका पैसा आपकी ताकत की आज की कड़ी में हम जानेंगे एसएचजी यानि की स्वयं सहायता समुह से जुड़ने के क्या फायदे हैं और इससे जुड़ कर कैसे आप अपने जीवन में बदलाव ला सकते हैं।

लोन लेकर खेती बाड़ी करते हैं

हैलो डाली आपका नाम क्या है रंजू देवी ना जी आपको ये रंग कहाँ से मिले ? कल्पना आपको कुछ लाभ दे रही है , हाँ , लाभ क्या है , लाभ क्या है , आप लंबे समय से क्या कर रहे हैं , आप चीजों के लिए क्या कर रहे हैं ?

इसके बरक्स एक और सवल उठता है कि क्या सरकारें चाहती हैं कि वह लोगों का खाने-पीने और पहनने सहित सामान्य जीवन के तौर तरीकों को भी तय करें? या फिर इस व्यवसाय को एक धार्मिक समुदाय को निशाना बनाने के लिए इस तरह के आदेश जारी किये जा रहे हैं। सरकार ने इस आदेश को जारी करते हुए इस बात पर भी ध्यान नहीं दिया कि उसके एक आदेश से कितने लोगों की रोजी रोटी पर असर पड़ेगा

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