उत्तरप्रदेश राज्य के मिर्ज़ापुर ज़िला के कोण प्रखंड से शीला देवी की बातचीत उद्यमी वाणी के माध्यम से चंदा देवी से हुई। वे कहती है कि महिलाये दर की वजह से अपनी आवाज़ नहीं उठती है

दोस्तों, समाज में लैंगिक समानता प्राप्त करने के लिए सामाजिक असमानता को दूर करना सबसे ज़रूरी है। शिक्षा, जागरूकता, और कानूनों का कड़ाई से पालन करके हम एक ऐसा समाज बना सकते हैं जहाँ पुरुषों और महिलाओं को समान अधिकार और अवसर प्राप्त हों। तो दोस्तों, हर समस्या का समाधान होता है आप हमें बताइए कि _____ हमारे समाज में लैंगिक असमानता क्यों मौजूद हैं? _____आपके अनुसार से लैंगिक समानता को मिटाने के लिए सरकार के साथ साथ हमें किस तरह के प्रेस को करने की ज़रूरत है ?

Transcript Unavailable.

उत्तरप्रदेश राज्य के मिर्जापुर जिला से डॉ आर पी जैन ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि बेटी और बेटा एक समान होते हैं

उत्तरप्रदेश राज्य के मिर्जापुर जिला से प्रदीप कुमार गौतम ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि सरकार की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना बहुत ही कल्याणकारी योजना है। आज कल लोग बेटियों को बोझ समझते हैं या जन्म लेने से पहले ही भ्रूण हत्या कर देते हैं। इसपर रोक लगाने के लिए सरकार ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना लागु की है।

समाज में महिलाओं के साथ हो रही दुर्व्यवहार के बारे में बातचीत करते हुए वह अपनी जमीन अपनी आवाज पर भी बातचीत करते हुए

जमीन में महिलाओं को हिस्सा न मिलने पर बातचीत करते हुए

महिलाओं के पास भी अपनी सम्पत्ति होनी चाहिए जिससे उनका कोई शोषण न कर सके। पुरुषों की तुलना में महिलाओं को बहुत कम अधिकार हैं। अधिकार हैं, लैंगिक असमानता मुख्य कारण है, भूमि और प्रकृति संसाधनों के समान अधिकारों के बिना लैंगिक समानता हासिल नहीं की जा सकती है, आज भी हमारा समाज पुरुष प्रधान है, आज भी हमारा समाज पुरुष प्रधान है। इसके अलावा, अपने पिता या पति की पहचान करना बहुत महत्वपूर्ण है, पति या पिता के नाम के बिना, महिला समाज एक महिला को स्वीकार नहीं करता है। जो आज भी हमारे रीति-रिवाजों और कानूनों को अधिकार देगा, वह महिलाओं को अधिकार देने में संकोच करता है। समाज में महिलाओं का काम सिर्फ घर चलाना है, बच्चे का जन्म सिर्फ दो काम हैं जिन्हें अधिक शुद्धता दी जाती है और समाज में एक महिला समाज से अधिक घृणित है।

उत्तरप्रदेश राज्य से पूनम वर्मा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि आजकल महिलाओं की पहचान इतनी बढ़ गई है कि महिलाएं हर चीज में आगे हैं। मान लीजिए कि डी. डी. एस. का कोई पद चल रहा है, उसमें एक फॉर्म भरा जा रहा है, जिसमें मुखिया का नाम केवल महिला है, कार्ड उनके नाम से भरना है, उनका आधार मोबाइल लगता है। वह अपने पति से आगे रहती है और जन्म तिथि से पहले महिला का नाम लिखा जाता है, उसके बाद वह क्या करना चाहती है, वह कितना पढ़ती है, यह भी लिखा जाता है।

Transcript Unavailable.