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भारत में लोकतंत्र ने पहली बार जन्म लिया था !जिसने इससे पहले ना जाने कितनी कुर्बानियां देखी ,बलिदान और भारत माता के वीर सपूतों तो अपने अमूल्य प्राण न्योछावर करते देखा! इसी दिन हमारा संविधान भी तैयार हुआ था! वह संविधान जिसकी शपथ लेकर देश की अदालते फैसला लेती है !आज से 75 साल पहले साल 26 जनवरी 1950 को इसे गणतंत्र दिवस के रूप में चुना गया!

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मीठे गुड़ में मिल गए तिल उड़ी पतंग और खिल गए दिल हर पल सुख और हर दिन शांति आप सबके लिए खुशियाँ लाये मकर संक्रांति ! मकर संक्रांति यानी कि सूर्य के एक राशि से दूसरे यानी मकर राशि में प्रवेश करने को मकर संक्रांति कहा जाता है। यह देश के अलग अलग भागों में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है। इस दौरान विभिन्न पारंपरिक पकवान या मीठे व्यंजन तैयार किए जाते हैं। मकर संक्रांति को पतंगों का पर्व , संक्रांति, पोंगल, माघी, उत्तरायण, उत्तरायणी और खिचड़ी पर्व आदि जैसे विभिन्न नामों से भी जाना जाता है. यह शीतकालीन दिनों के अंत और लंबे दिनों की शुरुआत का प्रतीक है। भारत के विभिन्न राज्यों में मकर संक्रांति मनाने के अपने अनूठे तरीके हैं, जो देश में परंपराओं और रीति-रिवाजों की विविधता को दर्शाते हैं। यह त्यौहार सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व रखता है, इस पावन अवसर पर मोबाइल वाणी के परिवार की ओर से आप सभी को मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएँ।

साबुन से हाथ धोने की जानकारी देते हुए कहा कि जितनी भी बार हाथ गन्दा होगा उतनी बार हाथ धोने की जानकारी दी

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