दोस्तों, फसले बिना केमिकल के जी जाती हैं पर पानी के बिना तो जमीन बेजान ही है! मवेशियों में भी कहां इतनी जान होगी कि वो खेत जोत पाएं, हमें दूध दे पाएं! पानी तो सबको चाहिए , पर... साथियों, हमें बताएं कि पानी के प्राकृतिक स्त्रोत खत्म होने से आपको किस तरह की दिक्कतें हो रही हैं? क्षेत्र के कुएं, पोखर और तालाब प्रशासन ने खत्म कर दिए हैं या फिर वे सूख रहे हैं? क्या इन्हें बचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं? अगर स्त्रोत सूख रहे हैं तो आपके पास पीने के पानी का क्या विकल्प है? क्या खेतों में पानी नहीं पहुंचने से फसलों को नुकसान हो रहा है? पानी की कमी के कारण किसानों और पशुपालकों को किस तरह की दिक्कतें हो रही हैं? खेतों में पानी पहुंचाने के लिए आपने क्या व्यवस्था की है और क्या यह पर्याप्त है? दोस्तों, पानी अहम है क्योंकि ये हमें जीवन देता है और आप तो जानते ही हैं.... जिंदगी जरूरी है!

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा किसानों को बता रहे है कि दुधारू पशुओं को संतुलित आहार दें। अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा बकरी पालन में टीकाकरण के बारे में जानकारी दे रहे है अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें 

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा पशुओं में होने वाले थनैला रोग के कारण ,लक्षण व उपचार सम्बंधित जानकारी दे रहे हैं। सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा मछली पालन से जुड़ी जानकारियाँ दे रहे है कि किसानों को किस तरह मछली के स्वास्थ्य का ध्यान रखना है । अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें 

सैकड़ो के झुंड में गेहूं और सब्जियों को दौड़कर कर रहे हैं नुकसान नीली गाय

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मौसम परिवर्तन हो रहा है। अब मौसम गर्मी का आ रहा है । ऐसे में हम पशुओ की बात कर रहे है। गर्मियों में भैस एवं गायों में बीमारियों के लक्षण को जानते हैं इनमे कौन-कौन सी बीमारी हो सकती है। गर्मियों मौसम गाय एवं भैसो में प्रमुख बीमारी मुंह पका, गला घोटू,लंगडी यह सब बीमारियां होती हैं। इन बीमारियों में पशुओं में तेज बुखार हो जाता है। सांस लेने में दिक्कत होती है। मुंह से लार टपकता है। गले में सूजन हो जाती है। इसका इलाज एंटीबायोटिक का कोर्स किया जाता है। और बुखार की दवा दी जाती है। इसमें नाखून में और मुंह में छाले पड़ जाते हैं। घाव हो जाता है, और इसमें भी मुंह से लार टपकता है। इसमें भी धवन पर दवा लगाई जाती है एंटीबायोटिक का कोर्स किया जाता है। जिससे समय से टिका लगवा लेना चाहिए टीका लगाने के बाद पशु में बीमारी आने की संभावना बहुत कम हो जाती है। यह कार्यक्रम पशु विभाग द्वारा चल रहा है। आप लोग संबंधित अस्पताल एवं ब्लॉक में पशु चिकित्सालय से टिका लगवा सकते है।और वहां से संपर्क करके सकते है। अगर आपको टीकाकरण कर लेंगे तो बीमारी आने की संभावना खत्म हो जाएगी जिससे आपके पशुओं की रक्षा हो सकेगी पर उनको कोई बीमारी नहीं होगी वह स्वस्थ रहेंगे