कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के छात्र छात्राओं ने एक से बढ़ कर एक गीतों की प्रस्तुति सहित राजस्थानी नृत्य व अनेक कार्यकर्मो की प्रस्तुति से सबका मन मोह लिया। आये हुए अतिथियो का माल्यार्पण कर स्मृति चिन्ह प्रदान कर अंगवस्त्रम से स्वागत एवं सम्मान किया

प्रकृति संग जीवन में नई ऊर्जा के संचार बसंत पंचमी पर्व को नमामि गंगे ने महर्षि योगी वेद विद्यालय के वेदपाठी बटुकों के साथ प्रकृति को नमन कर मनाया । सिंधिया घाट के गंगा तट पर ज्ञान की अधिष्ठात्री मां सरस्वती, मां गंगा, भगवान भास्कर एवं प्रकृति की आरती उतारी गई ।

ग्रामीण अंचल में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया सरस्वती पूजा का पर्व,शिक्षण संस्थानों में रही धूम,सरस्वती पूजा के साथ की गई होलिका की स्थापना बसंत पंचमी के अवसर पर वाराणासी के ग्रामीण क्षेत्र के मोहनसराय में बुधवार को जय मां सरस्वती पूजा समिति द्वारा मां सरस्वती की मूर्ति की स्थापना किया गया,इसके अलावा रोहनिया,शहावाबाद,गंगापुर, अखरी,राजातालाब,घमहापुर, कनेरी,बिरभानपुर,मिल्कीचक, टोडरपुर,काशीपुर,भवानीपुर, जख्खिनी,शहंशाहपुर इत्यादि गांवों में मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित कर बड़े ही धूमधाम से सरस्वती पूजा मनाया गया,इसके साथ-साथ सभी गांव में होलिका की स्थापना भी की गई। इस अवसर पर मुख्य रूप से ग्राम प्रधान मनोज वर्मा,पवन कुमार यादव,विनोद कुमार वर्मा,राहुल गुप्ता,राजाराम उर्फ लाची यादव, रवि यादव,संजय वर्मा,संदीप यादव,सीबू यादव इत्यादि लोग का विशेष सहयोग रहा।

चौबेपुर। क्षेत्र में बुधवार को बसंत पंचमी के पावन अवसर पर विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा श्रद्धा पूर्वक धूमधाम से की गई। क्षेत्र के शिक्षण संस्थानों व क्लबों के द्वारा आकर्षक सज्जा के साथ मां की प्रतिमा स्थापित कर विधि पूर्वक पूजा अर्चना की गई। तत्पश्चात श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद वितरण किया गया। मां सरस्वती क्लब चौबेपुर के द्वारा स्थापित प्रतिमा आकर्षण का केंद्र रहा श्रद्धालुओं के लिए। वही बुधवार को विद्यालय व क्लबों के पूजा पंडाल में मां की पूजा खिचड़ी भोग के साथ की जाएगी। वही सरस्वती पूजा क्लब चौबेपुर के अध्यक्ष ने बताया की बृहस्पतिवार को गाजे बाजे के साथ जुलूस निकालकर माता की प्रतिमा को स्थानीय जलाशयों में विसर्जित किया जाएगा इसके अलावा क्षेत्र के कैथी,चंद्रावती, डुबकियां,नरायणपुर, सोनबरसा,बर्थरा कला,आदि स्थानों पर भी मां सरस्वती की पूजा पूरे विधि विधान के साथ की गई।

बड़ागांव क्षेत्र के त्रिपदा पब्लिक स्कूल के बच्चो ने ज्ञान की देवी मां सरस्वती की झांकी उत्साह उत्लास व हर्ष के साथ सजाई।

जैसा की आपको पता ही है की वसंत ऋतू को ऋतुओं का राजा कहा जाता है और वसंत पंचमी का त्यौहार भी वसंत ऋतू में ही मनाया जाता है जी हां दोस्तों बसंत पंचमी मुख्य रूप से प्रकृति और भारतीय परंपरा से जुड़ा हुआ त्योहार है, जो बसंत के आने तथा ठंडी के जाने का संकेत देता है,जब फूलों पर बहार हो , जौ और गेहूं की बालियां खिलने लगती हैं, खेतों में सरसों और आमों के पेड़ों पर बौर आने लगते हैं तब वसंत पंचमी का त्योहार आता है।बसंत उत्सव बसंत ऋतु की ताजगी एवं खूबसूरती का उत्सव होता है इसका आगमन सभी के मन में एक अलग ही तरह की सकारात्मक ऊर्जा भर देता है। यह खुशियों के साथ-साथ शिक्षा, ज्ञान और समृद्धि का भी त्योहार है। इस दिन शहरों ,गांवों ,टोलो और कस्बों में सभी लोग खास कर नवयुवक और विद्यार्थीगण छोटे छोटे बच्चे माँ सरस्वती की पूजा अर्चना करते हैं.तो आइये हम सब भी इस खुशनुमा ऋतू और उत्सव का आनंद उठाये। साथियों आप सभी को मोबाइल वाणी परिवार की ओर से बसंत पंचमी एवं सरस्वती पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं।

काशी शब्दोत्सव में विकसित भारत-विश्वगुरु भारत' के विविध आयामों पर विमर्श किया जाएगा। साहित्य, संस्कृति के साथ विज्ञान और पर्यावरण का इस आयोजन में संदर्भ लिया जाएगा। काशी विद्यापीठ स्थित मदन मोहन मालवीय पत्रकारिता संस्थान में प्रेसवार्ता के दौरान कार्यक्रम संयोजक डॉ. हरेंद्र राय ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि चार दिवसीय आयोजन की शुरूआत 15 फरवरी से होगी। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्रनाथ पाण्डेय बतौर मुख्य अतिथि शुभारंभ करेंगे। यहां मुख्यवक्ता के रूप में अयोध्या में हनुमंत पीठ के महंत आचार्य मिथिलेश नंदिनी शरण होंगे। काशी विद्यापीठ, तिब्बती उच्च शिक्षण संस्थान और बीएचयू के वैदिक विज्ञान केंद्र में भी आयोजन होगा। प्रो. ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि काशी शब्दोत्सव में नौ सत्र होंगे। रामराज्य विकसित भारत, युवा भारत विज्ञान व विकास समेत अन्य संबंधित विषयों पर विद्वतजन विचार रखेंगे।