दशाश्वमेध घाट पर गंगा किनारे नमामि गंगे टीम ने श्रमदान करके मां गंगा के लिए लोगों को किया जागरूक दशाश्वमेध घाट पर गंगा किनारे श्रमदान करके मां गंगा के लिए लोगों कों जागरूकता करते हुए नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने बताया कि गंगा और हमारी संस्कृति एक दूसरे पर आधारित रहे हैं । वस्तुत: गंगा भारत की पहचान है और यह जन-भावना ही एक लोकप्रिय गीत में समाहित है और परिलक्षित भी होती है : " हम उस देश के वासी है जिस देश में गंगा बहती है "। गंगा भारतीय संस्कृति की जीवनधारा है । गंगा अध्यात्म और आस्था की संवाहिका है । संत कबीर ने कहा था : " कबिरा मन निर्मल भया जैसे गंगा नीर " यानि गंगा जल को ही निर्मलता की सबसे बड़ी कसौटी माना जाता था। वस्तुत : हमारे जीवन मूल्यों में गंगा की पवित्रता का अर्थ है कि हम मन, वचन और कर्म से शुद्ध बने,