मध्यप्रदेश राज्य के सरूल जिले के कार्तिक ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया की उनके गाँव में रास्ते की समस्या है जिसकी वजह से कार बस नहीं चलती है। लोगो को परेशानी होती है

मध्य्रपदेश राज्य से संदीप ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि डेढ़ माह से हैंडपंप ख़राब है। शिकायत करने के बाद भी मरम्मत नहीं करवाई जा रही है

कोई भी राजनीतिक दल हो उसके प्रमुख लोगों को जेल में डाल देने से समान अवसर कैसे हो गये, या फिर चुनाव के समय किसी भी दल के बैंक खातों को फ्रीज कर देने के बाद कैसी समानता? आसान शब्दों में कहें तो यह अधिनायकवाद है, जहां शासन और सत्ता का हर अंग और कर्तव्य केवल एक व्यक्ति, एक दल, एक विचारधारा, तक सीमित हो जाता है। और उसका समर्थन करने वालों को केवल सत्ता ही सर्वोपरी लगती है। इसको लागू करने वाला दल देश, देशभक्ति के नाम पर सबको एक ही डंडे से हांकता है, और मानता है कि जो वह कर रहा है सही है।

मध्य प्रदेश राज्य के जिला रीवा के उमरी पोस्ट उमरी जिले के गाँव से मोबाइल वाणी के माध्यम से सुजीत कुमार बता रहें हैं की इनके गाँव में कोई जल निकासी प्रणाली या पानी की सुविधा नहीं है ।

पूर्वी दिल्ली के प्रेम कुमार ने मध्य प्रदेश मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया की हेमल दरबार सिंह जो की रहने वाले है झुगी नंबर 132 मधु विहार हसंपू डिपू का राशन कार्ड नहीं बन रहा है

मध्यप्रदेश के ग्राम पंचायत मढ़ी में पानी की व्यवस्था ख़राब होने से बनी हुई है समस्या जहाँ एक और करोड़ों खर्च कर सरकारें नलजल योजना का गुणगान करते थकती नहीं हैं वहीँ ग्रामों में आज भी पानी की समस्या बानी हुई है

एडीआर संस्था ने अपनी एक और रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में राजनीतिक पार्टियों की कमाई और खर्च का उल्लेख है। यह रिपोर्ट बताती है कि कैसे राजनीतिक पार्टियां अपने विस्तार और सत्ता में बने रहने के लिए बड़े पैमाने पर खर्च करती हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक देश के सबसे बड़े सत्ता धारी दल ने बीते वित्तीय वर्ष में बेहिसाब कमाई की और इसी तरह खर्च भी किया। इस रिपोर्ट में 6 पार्टियों की आय और व्यय के आधार पर तैयार किया गया है। इसमें भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, सीपीआई एम और बीएसपी और एनपीईपी शामिल हैं। दोस्तों, *---- आपको क्या लगता है, कि चुनाव लडने पर केवल राजनीतिक दलों की महत्ता कितनी जरूरी है, या फिर आम आदमी की भूमिका भी इसमें होनी चाहिए? *---- चुनाव आयोग द्वारा लगाई गई खर्च की सीमा के दायेंरें में राजनीतिक दलों को भी लाना चाहिए? *---- सक्रिय लोकतंत्र में आम जनता को केवल वोट देने तक ही क्यों महदूद रखा जाए?

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तमाम गैर सरकारी रिपोर्टों के अनुसार इस समय देश में बेरोजगारी की दर अपने उच्चतम स्तर पर है। वहीं सरकारें हर छोटी मोटी भर्ती प्रक्रिया में सफल हुए उम्मीदवारों को नियुक्त पत्र देने के लिए बड़ी-बड़ी रैलियों का आयोजन कर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों को भी आमंत्रित कर रही हैं, जिससे की बताया जा सके कि युवाओं को रोजगार उनकी पार्टी की सरकार होने की वजह से मिल रहा है।

रीवा , मध्यप्रदेश ,समग्र आईडी में नाम गड़बड़ी है। सुधार नहीं हो पा रहा है