राजस्थान के टोक ज़िले से मोबाइल वानि के माध्यम से सोनू बता रही हैं की ये पांच महीने से नीमो मोबाइल वाणी सुन रही हैं और इसके माध्यम से निमोनिआ के बारे में बहुत सी जानकारी मिली है

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राजस्थान के टोंक से सोनू मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है कि उन्हें सेव द चिल्ड्रन से नीमो वाणी के बारे में पता चला है। वह कहती है कि इसे घर बैठे एक दिन में कितनी भी बार सुन सकते है तथा निमोनिया की जानकारी प्राप्त कर सकते है । यह सुविधा उन्हें काफी अच्छी लगी।

राजस्थान राज्य के टोंक ज़िले से मोबाइल वाणी के माध्यम से प्रिया बता रही हैं की ये नीमो मोबाइल वाणी पिछले दो महीने से सुन रही हैं जहाँ इन्हें निमोनिया के उपचार , सुरक्षा और इससे बचाव की जानकारी मिलती है और इन्हें नीमो मोबाइल वाणी के बारे में राज कुमार दीदी के द्वारा पता चला जिसके लिए धन्यवाद।

कमला देवी ने नीमो वाणी के माध्यम से बताया कि नीमो वाणी सुनने से इन्हे निमोनिया से बचाव की जानकारों मिली। इससे जानकारी प्राप्त कर वे सभी को जागरूक भी कर रही हैं

राजस्थान राज्य के टोंक शहर से पिंकी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है कि इनकी तीन वर्ष की बेटी है जिसे बार बार निमोनिया हो जाता है .बार - बार डॉक्टर को दिखाना पड़ता है। एक बार ये आँगनबाड़ी की बैठक में शामिल हुई जिसमे निमोवाणी के बारे में जानकारी मिली ,जिसे इन्होने बार बार सुना और इन्हे निमोनिया की जानकारी अच्छी लगी। जानकारी प्राप्त करने के बाद इन्होने सावधानी बरतना शुरू कर दिया।

राजस्थान के टोंक से पूनम कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है कि सेव द चिल्ड्रेन संस्था द्वारा हाँथ धुलाई दिवस मनाया गया। जो छोटे बच्चों में अच्छी आदत लाने को प्रोत्साहित करता है। संस्था द्वारा जो गतिविधि कराई जाती है वह इनके लिए सहयोगपूर्ण होती है

राजस्थान राज्य के टोंक जिला के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 84 से नंदनी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि उन्हें जो जानकारी मिली है वह उस जानकारी को छोटे बच्चे के माता-पिता को देती है जिन्हे वह पढ़ाती है। उन्हें बताती है कि साफ़ सफाई रखनी चाहिए तथा हैंड वॉश करते रहना चाहिए। वही सर्दी जुकाम होने पर तुरंत अस्पताल लेकर जाना चाहिए।

राजस्थान राज्य के टोंक जिला से तुलसी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि वह छह महीने से नीमोवाणी सुन रही है। उन्हें कार्यक्रम के माध्यम से बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है। नीमोवाणी से उन्हें बचाव, रोकथाम तथा उपचार के बारे में सीखने को मिलता है। वह कहती है कि निमोनिया से बचाव के लिए मां का पीला, गाढ़ा दूध, 6 महीने तक सिर्फ मां का दूध तथा छह महीने के बाद ऊपरी आहार लेना चाहिए। इसके रोकथाम के लिए हाथ धोना चाहिए तथा टीकाकरण लगाना और वायु प्रदुषण से बचाव करना चाहिए।