हमारी श्रोता गायत्री जो रास्ता स्कूल से बोल रही है ,मेरा प्लेनेट मेरा घर मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि कचड़ा को इधर उधर नहीं फैलाना चाहिए।पुराने गत्तों को रद्दी में बेच देना चाहिए।