बुढ़मू : रामनवमी पर्व शांति सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाने को लेकर शांति समिति की बैठक बुढ़मू थाना परिसर में बुढ़मू अंचलाधिकारी सच्चिदानंद वर्मा की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में उपस्थित लोगों ने कहा कि रामनवमी के दिन उमेडंडा में भव्य मेला का आयोजन किया जाता है. मेला में 84 मौजा के 105 अखाड़ा के रामभक्त जुलूस के रुप में गाजा बाजा के साथ मेला में शामिल होते है और अपने खेल कौशल का प्रदर्शन करते है. उपप्रमुख हरदेव साहु ने बताया कि रामनवमी में बुढ़मू में मेला का आयोजन किया जाता है और मेला में आसपास के गांव के अखाड़ा के लोग शामिल होते है और अपने खेल कौशल का प्रदर्शन करते है. बुढ़मू बीडीओ ने कहा कि कहीं पर कोई दिक्कत होता है तो तत्काल प्रशासन को सूचित करें। साथ ही कहा कि जुलूस तय रुट चार्ट में ही निकाले। शांति समिति के सदस्यों ने प्रशासन से मांग किया कि धार्मिक आयोजन के दौरान महिला पुलिस बल,  चिकित्सक दल और पेयजल की व्यवस्था हो, चौराहों में आवश्यकतानुसार बैरिकेडिंग लगाए। और पुलिस गस्ती दल क्षेत्र में सक्रिय रहे। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सीसीटीवी और ड्रोन कैमरा की व्यवस्था करें। कहीं भी शांति भंग होने की संभावना हो तो तत्काल प्रशासन को सूचित करें। साथ ही खुद भी स्थिति पर नजर रखे. बैठक का संचालन जाकिर हुसैन ने किया। धन्यवाद ज्ञापन बुढ़मू थाना प्रभारी रामजी कुमार ने किया। मौके पर बैठक में मनोज कुमार साहू, चकमे मुखिया रामवृत मुंडा,  ईदू खान, गोवर्धन लोहरा, पनेश्वर महतो, अख्तर अंसारी एवं पंचायत के जनप्रतिनिधि सहित शांति समिति के सदस्य लोग मौजूद थे।

झारखण्ड राज्य के रांची जिला से जयवीर यादव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि बुढ़मू क्षेत्र में सरहुल का मेला आयोजित हुआ था। मेला देख के लौट रहे लोगों का वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया,जिसमें तीन लोगों की मृत्यु हो गई। जब भी मेले में आएं सावधानीपूर्वक आएं और मेला घूम कर शाम से पहले घर लौट जाना चाहिए। रात के अँधेरे में यात्रा करना सुरक्षित नही होता है।

बुढ़मू : साइंस विजन पब्लिक स्कूल मरवा में विज्ञान प्रदर्शनी मेले का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी में बच्चों ने एक से बढ़कर एक साइंस प्रोजेक्ट बनाया। बच्चों ने अपने प्रोजेक्ट के माध्यम से जीवन के बुनियादी चीजों को बिना ईंधन के पूरा करने की विधियां बताई। क्षेत्र के विभिन्न स्कूलों के बच्चों ने भी इस मेले में कई जानकारियां हासिल की। वर्ग 4 से 10वीं तक के बच्चे इस विज्ञान प्रदर्शनी में अपना प्रोजेक्ट व मॉडल दिखलाया। साथ ही लगभग 60 प्रकार के प्रोजेक्ट बनाए गए। विद्यालय के निदेशक आसीम अख्तर ने कहा कि बच्चों के द्वारा बनाए गए कई प्रोजेक्ट काफी सराहनीय है पूर्व में भी केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे हैं साइंस इंस्पायर अवार्ड में हमारे बच्चों ने अपना मॉडल भेजा है। साथ ही अब तक राष्ट्रीय स्तर पर पांच बच्चों का चयन भी हुआ है। केंद्र सरकार के द्वारा स्कॉलरशिप भी मिली इसी दिशा में हमारा विद्यालय साइंस के साथ-साथ विभिन्न विषयों पर प्रोजेक्ट व मॉडल के माध्यम से बच्चों को उत्साहित करता रहा है। कार्यक्रम को सफल बनाने में झारखंड विकास भारती ट्रस्ट के अध्यक्ष रियाज अहमद, शिक्षक सुनील कुमार, नसीम अहमद, तालिब अंसारी, जाबिर अंसारी, मनीता देवी, मनोज कुमार, रौशन आरा, स्वाति कुमारी, मंजीत सिंह, सुषमा सिंह आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

चान्हो/सिलगाई स्थित ऐतिहासिक जतरा मेला को सफल बनाने के लिए चान्हो प्रखंड के चान्हो ब्लॉक मे माननीय विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचल अधिकारी के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिया।। ताकि ऐतिहासिक जतरा मे किसी तरह की कोई अनहोनी घटना न हो पाये और कार्यक्रम को सफल बनाया जा सके। मौक़े पर पार्टी के कई नेता,कार्यकर्ता एवं मुखिया उपस्थित रहे।

मैक्लुस्कीगंज 14 फरवरी 2024 फ़ोटो - मेले में उमड़ी भीड़. मैक्लुस्कीगंज में लगा रघुकुल मेला. बसंत पंचमी व सरस्वती पूजा के अवसर पर हेसालौंग खेल मैदान में रघुकुल मेला का आयोजन किया गया. मेले में श्रृंगार, खिलौने, पाठ्य सामग्री, कृषि, मिठाई आदि की दुकाने लगी. मेले में आने वाले लोगों ने जमकर खरीदारी किया. लॉक डाउन के बाद सामान्य होते माहौल में मेले को लेकर विद्यार्थियों में अलग ही उमंग देखा गया. मेला में आये युवकों द्वारा जिम्नास्टिक व करतब आकर्षण केन्द्र रहा. मेले के सफल संचालन में राजन कुमार, ब्रजेश प्रसाद, अविनाश कुमार, मनोज मुंडा, सुमीत कुमार साहू, गौरीशंकर साहू, रविशंकर साहू, सूरज कुमार, गुप्तेश्वर प्रसाद, रविन्द्र कुमार, कृष्णा प्रसाद सहित अन्य का सराहनीय योगदान रहा.

मैक्लुस्कीगंज 25 जनवरी 2024 फ़ोटो 3 - मेला स्थल पर पूजन करते अतिथियों संग मेला समिति व अन्य. मैक्लुस्कीगंज में पशु मेला का शुभारंभ पूजन कर किया गया. मैक्लुस्कीगंज स्थित विकासनगर में पुष्य पूर्णिमा के अवसर पर स्थानीय पाहनो ने मेला स्थल पर पारम्परिक विधि से पूजन कर पशु मेला (माघ मेला) का शुभारंभ किया गया. वहीं मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित समाजसेवी सुरेन्द्रनाथ पांडेय, विशिष्ट अतिथि शेखर बोस, लपरा मुखिया पुतुल देवी, मायापुर मुखिया पुष्पा खलखो, डुमारो मुखिया सुनीता खलखो, आरके शुक्ला, लखन प्रसाद साहू,आदित्य प्रसाद साहु ने संयुक रूप से फीता काटकर किया. इससे पूर्व अतिथियों का स्वागत शॉल ओढ़ाकर व पुष्प गुच्छ देकर किया गया. इस अवसर पर मुखदेव गोप, गोविंद साहु, जितेंद्रनाथ पांडेय, विजय मुंडा, मुख्तार खान, सुशील उरांव, हरेंद्र उरांव, प्रभु मुंडा,बिनु5 मुंडा, कैला पाहान, प्रदीप यादव, सुबोध रजक, संतोष मुंडा, मनोहर महतो, सुनील, बिरजा, रमेश सहित अन्य मौजूद थे.

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मैक्लुस्कीगंज 23 जनवरी 2024 लपरा विकास नगर में ग्रामीणों की एक बैठक हरि पाहान की अध्यक्षता में किया गया. बैठक में ग्रामीणों ने विकास नगर में लगने वाले सप्ताहिक बाजार व पुष्य पूर्णिमा के अवसर पर लगने वाली वार्षिक पशु मेला के विषय में विचार विमर्श किया गया. समिति के संरक्षक जितेन्द्रनाथ पांडेय व मुखदेव गोप ने जानकारी देते हुए बताया कि पूर्णिमा के अवसर पर 25 जनवरी को मेला का विधिवत शुभारंभ किया जायेगा. बताया कि मेले में पशुओं के अलावे कृषि, बच्चों सहित टावर झूला, ब्रेकडान्स झूला, ड्रैगन झूला, नौका झूला, न्यू भारत जादूगर, बच्चो के लिए मिकी माउस झूला, मीना बाजार अन्य मनोरंजन की व्यवस्था की जायेगी. बैठक में मेला समिति के अध्यक्ष प्रदीप यादव, सचिव संतोष मुंडा, उपाध्यक्ष विजय मुंडा, बैजू मुंडा, आलोक यादव, विजय मुंडा, कोषाध्यक्ष हरेंद्र उरांव, राजन राम, रौशन लोहरा, प्रशांत गिरी समिति के अन्य सदस्य मौजूद थे.

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मैक्लुस्कीगंज स्थित डेगाडेगी नदी तट पर मकर संक्रांति के अवसर मेला का आयोजन किया गया. मेला का शुभारंभ लपरा ग्राम प्रधान हरि पाहान डुमारो के कुलदीप पाहान रूपलाल मुंडा ने मेला स्थल पर पारम्परिक रूप से पूजन कर किया गया. वहीं मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित चंदवा जीप सदस्य पूर्वी प्रतिमा देवी व खलारी पश्चिमी जीप सदस्य सरस्वती देवी सहित विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित लपरा मुखिया पुतुल देवी, मायापुर मुखिया पुष्पा खलखो, डुमारो मुखिया सुनीता खलखो सहित शेखर बोस ने संयुक्त रूप से फीता काटकर मेला का उद्घाटन किया. अतिथियों ने कहा मेला व नृत्य संगीत झारखण्ड की संस्कृति व सभ्यता का बेजोड़ प्रतीक है. झारखण्ड के साथ साथ राज्य व अति सुदूर क्षेत्रो में भी मांदर व नगाड़े की थाप कभी धीमी नहीं पड़नी चाहिये, आने वाली पीढ़ी को विरासत के रूप में हमारी संस्कृति व परम्परा की जानकारी मिलती रहे. उन्होंने कहा कि डेगाडेगी मेला क्षेत्र का ऐतिहासिक मेला के रूप लेकर उभरेगा. अतिथियों ने यह भी कहा कि मेला स्थल डेगाडेगी नदी पर बना पूल जिस तरह से लातेहार व रांची जिला के दो अति सुदूर गांव मैक्लुस्कीगंज व डुमारो को जोड़ती है, ठीक उसी तरह से संक्रांति जैसे अवसर पर आयोजित मेला स्थल से ही दो हृदय, दो परिवारों के पवित्र मिलन का संयोग साबित होता है. इससे पुर्व मेले में आये अतिथियों का स्वागत मेला समिति द्वारा पुष्प गुच्छ देकर किया गया. मेले में रैलिया, डुमारो, लपरा, चतरा, लोहरदग्गा, रांची, लातेहार, रामगढ, पतरातु, बालुमाथ, मुरपा, चंदवा, कुड़ू़ से आये लोगों ने नदी में स्नान कर मन्नत मांगी और ईख, मिठाई, श्रृंगार, कृषि उपयोगी सामान, खिलौने आदि की जमकर खरीदारी करते नज़र आये. मेला में डुमारो से आये गायक कपिलदेव सिंह, नागपुरी कलाकार बसन्ती देवी व अभिनंदन ग्रुप पारम्परिक नृत्य आकर्षण का केन्द्र रहा. मेला का संचालन सुशील तिवारी, मुखदेव गोप वहीं धन्यवाद ज्ञापन रामबिलास गोप व रामभजन सिंह ने संयुक्त रूप से किया. मेले को सफल बनाने में शेखर बोस, जितेन्द्रनाथ पांडेय, प्रभु मुंडा, बिरजा उरांव, हरेंद्र उरांव, उमेश प्रसाद साहू, शशि साहू, महादेव राणा, रामेश्वर भोगता, रामभजन सिंह, बसन्त मिस्री, हरेंद्र उरांव सहित समिति के अन्य का सराहनीय योगदान रहा.