अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के बारे में एक महिला क्या सोचती है... यह जानना बहुत दिलचस्प है.. चलिए तो हम महिलाओं से ही सुनते हैं इस खास दिन को लेकर उनके विचार!! आप अपने परिवार की महिलाओं को कैसे सम्मानित करना चाहेंगे? महिला दिवस के बारे में आपके परिवार में महिलाओं की क्या राय है? एक महिला होने के नाते आपके लिए कैसे यह दिन बाकी दिनों से अलग हो सकता है? अपने परिवार की महिलाओं को महिला दिवस पर आप कैसे बधाई देंगे... अपने बधाई संदेश फोन में नम्बर 3 दबाकर रिकॉर्ड करें.

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राजीव की डायरी- कैसी है 2024 की हमारी शिक्षा खास बातचीत अर्जुन कालमे सर आए दिन मध्यप्रदेश की शिक्षा नीतियों की बात होती है उसी कड़ी में राजीव की डायरी को लेकर के लगातार 2024 के शिक्षक पर बातचीत अर्जुन सर से किया गया जो सरकारी स्कूलों की स्थिति क्या है और मध्यप्रदेश में कितना शिक्षा आगे है इस खास बातचीत में जानकारी मिली है कि बहुत ही डायन स्थिति हो गई है मध्यप्रदेश के शिक्षा की और शिक्षा विभाग का

2016 में 14% छात्र औपचारिक शिक्षा से बाहर थे जो कि देश में 2023 में भयानक सुधार होने के बाद भी अब मात्र 13.2 फीसद बाहर हैं ... 2016 में 23.4 फीसद अपनी भाषा में कक्षा 2 का पाठ नहीं पढ़ पाते थे आज 2023 में अति भयानक सुधार के साथ ये आंकड़ा 26.4 प्रतिशत है ... देश के आज भी 50 फीसद छात्र गणित से जूझ रहे हैं ... मात्र 8 साल में गणित में हालात बद से बदतर हो गए ... 42.7% अंग्रेजी में वाक्य नहीं पढ़ सकते हैं... अगर आप सरकार से जवाब माँगिए , तो वे कहती है कि वो लगातार बैठकें कर रहे हैं लेकिन असर की रिपोर्ट बताती है कि ये बैठकें कितनी बेअसर हैं... तो विश्व गुरु बनने तक हमें बताइये कि *-----आपके गांव या जिला के स्कूलों की स्थिति क्या है ? *-----वहां पर आपके बच्चों को या अन्य बच्चों को किस तरह की शिक्षा मिल रही है ? *-----और आपके गाँव के स्कूलों में स्कुल के भवन , बच्चों की पढ़ाई और शिक्षक और शिक्षिका की स्थिति क्या है ?

सरकार का दावा है कि वह 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन दे रही है, और उसको अगले पांच साल तक दिये जाने की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में यह भी दावा किया कि उनकी सरकार की नीतियों के कारण देश के आम लोगों की औसत आय में करीब 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। इस दौरान वित्त मंत्री यह बताना भूल गईं की इस दौरान आम जरूरत की वस्तुओं की कीमतों में कितनी बढ़ोत्तरी हुई है।

हमारे देश में सभी को शिक्षा का अधिकार है लेकिन लड़कियों को इसके लिए कहीं अधिक संघर्ष करना पड़ता है। कई बार घर के काम के बोझ के साथ स्कूल के बस्ते का बोझ उठाना पड़ता है तो कभी लोगों की गंदी नज़रों से बच-बचा के स्कूल का सफर तय करना पड़ता है। जैसे-तैसे स्कूल पहुंचने के बाद भी यौन शोषण और भावनात्मक शोषण की अलग चुनौती है जो रोज़ाना उनके धैर्य और हिम्मत की परीक्षा लेती है। ऐसे में लड़कियों के लिए सुरक्षित माहौल बनाने की जिम्मेदारी शासन-प्रशासन के साथ साथ समाज की भी है। तब तक आप हमें बताइए कि * -----लड़कियों के स्कुल छोड़ने के या पढ़ाई पूरी ना कर पाने के आपको और क्या कारण नज़र आते है ? * -----आपके हिसाब से हमें सामाजिक रूप से क्या क्या बदलाव करने की ज़रूरत है , जिससे लड़कियों की शिक्षा अधूरी न रह पाए।

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नमस्कार श्रोतागण मोबाइल वाणी खंडवा में आपका स्वागत है खरगोन जिले से बड़ी खबर जानिए पुरा मामला! अतिथि शिक्षकों की सेवाएं स्कूलों में अनुबंध के अनुसार रखी जाए जारी बेड़िया ,अध्यापन कार्य से अकारण पृथक किए गए ,बेड़िया संकुल के अतिथि शिक्षकों ने ,शुक्रवार को विधायक, सचिन बिरला के सामने, अपनी परेशानी रख अध्यापन कार्य जारी रखने की, अनुमति प्रदान करने की मांग की। अतिथि शिक्षकों के, प्रतिनिधिमंडल ने ,विधायक को एक ज्ञापन सौंपा। अतिथि शिक्षक संघ के अंकुर जोशी ने बताया पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने अपने कार्यकाल के दौरान महापंचायत का आयोजन कर घोषणा की थी कि अतिथि शिक्षकों को पूरे वर्ष के लिए अध्यापन कार्य के लिए अनुबंधित किया जाएगा। लेकीन पूरा साल होने से पहले ही अतिथि शिक्षको का कार्यकाल समाप्त कर दिया गया जिससे आक्रोशित अथिति शिक्षक विधायक बिरला को ज्ञापन सौंपा!