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कहानी के आठवें भाग में मुन्नी ने बताया कि उसके पिताजी की दुर्घटना हुई है और अभी हालत सही नहीं है। मुन्नी के पिताजी ने अपनी बेटी मुन्नी को विद्यालय से छात्रवृत्ति लाने के लिए कहा था। वह अपने विद्यालय आई और शिक्षक से दसवीं की छात्रवृत्ति प्राप्त करने के विषय पर चर्चा कि। शिक्षक ने दसवीं की छात्रवृत्ति को प्राप्त करने के लिए पुरे विस्तार से बताया। शिक्षक ने बताया कि सरकार द्वारा निकाली गई अत्यंत पिछड़ा वर्ग मेधा विर्धि योजना के तहत बिहार परीक्षा बोर्ड के दसवीं के छात्र परीक्षा में प्रथम श्रेणी लाया हो, तो उसे दस हजार की छात्रवृत्ति दी जाती है। साथ ही विद्यार्थी को बिहार का निवासी होना अनिवार्य है। शिक्षक ने यह भी जानकारी दी कि विद्यार्थी के माता-पिता की आय सालाना डेढ़ लाख से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। अन्यथा विद्यार्थी को छात्रवृत्ति प्राप्त नहीं हो पाएगी। शिक्षक ने यह भी बताया कि बिहार राज्य के दूसरे छात्रवृत्ति योजना के तहत जिस विद्यार्थी के माता पिता की आय सालाना एक लाख या उससे कम हो, तो भी विद्यार्थी को छात्रवृत्ति प्राप्त होती है। शिक्षक ने बहुत ही अच्छी जानकारी देते हुए बताया कि विद्यार्थी अगर अपने बिहार राज्य या किसी अन्य राज्य के सरकारी या गैर सरकारी संस्था में या महाविद्यालय में प्रवेश लेता है, तो पाठ्यक्रम के अनुसार विद्यार्थी को छात्रवृत्ति दी जाती है। शिक्षक ने मुन्नी को छात्रवृत्ति की जानकारी और सरल तरीके से दी। जैसे :- इंटर में प्रवेश लेने के लिए विद्यार्थी को छात्रवृत्ति दो हजार रूपए दिए जाते हैं, विद्यार्थी को किसी भी विषय के स्नातक में प्रवेश करने के लिए पाँच हजार रुपए छात्रवृत्ति दी जाती है। साथ ही अन्य कोर्स जैसे :- एम.ए, एम.कॉम, एम.एस.सी, एम.फील्ड, पी.एच.डी या किसी और कोर्स के लिए पाँच हजार रूपए छात्रवृत्ति के रूप में दी जाती है और तकनीकी की पढ़ाई के लिए विद्यार्थी को दस हजार रूपए छात्रवृत्ति दी जाती है। साथ ही शिक्षण संस्थान में प्रवेश करने के लिए विद्यार्थी को पंद्रह हजार रूपए छात्रवृत्ति दी जाती है

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