मोतीपुर प्रखंड के प्रखंड परियोजना प्रबंधक (बीपीएम) मनोज कुमार ने बताया कि कोरोना से बचाव के लिए मास्क का नियमित उपयोग, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन, लक्षण दिखते ही तुरंत जांच एवं सही खानपान से कोरोना से बचा जा सकता है । अधिक जानकारी के लिए ऑडियो क्लिक करें।

बिहार राज्य के जिला मुज्जफरपुर के प्रखंड मोतीपुर से रिंकू देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से जानना चाहती है कि गर्भवती महिला को पोषण में क्या क्या दिया जाना चाहिए जिससे गर्भवती माता और बच्चा दोनों स्वस्थ्य रहे।

बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर जिला के मोतीपुर प्रखंड से रिंकू देवी जीविका मोबाइल वाणी के माध्यम से ये जानना चाहतीं है,कि जन्म के बाद बच्चे को माँ का दूध पिलाना क्यों जरुरी है

मोतीपुर प्रखंड के बरुराज ग्राम की सीएम रिंकू देवी ने कोरोना से बचाव का तरीका विस्तारपूर्वक बताया और चमकी से सम्बंधित समूह की दीदी को एक संदेश भी दिया।

मोतीपुर प्रखंड के पकड़ी पंचायत की एमआरपी सुभान्ति देवी ने एसजेवाई के कार्य के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। ऑडियो पर क्लिक कर पूरी जानकारी सुनें और मोबाइल वाणी के टॉल फ्री नंबर 8800458666 पर भी कॉल कर सुनें।

बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर जिला के थाना मोतीपुर से मोहम्मद मोजाहिद मोबाइल वाणी के माध्यम से ये जानना चाहते है कि उन्हें दो महीने से खांसी है और कभी कभी-कभी बुखार भी लग जाता है। लेकिन खांसी अभी तक ठीक नहीं हुआ है जबकि दवा बहुत खा चुके है।

बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर जिला के मोतीपुर थाना से मोहम्मद मुझाहीद मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि जीविका द्वारा दो किलो चना,दो किलो मीठा,दो किलो दाल तथा एक किलो तेल आया था। वह जानना चाहते है कि क्या वह सामान फ्री आया था या उसका पैसा देना है क्योकि हर महीना दो सौ रुपया तीन महीने तक लिया जा रहा है। 

मोतीपुर प्रखंड के बांसघाट पंचायत के सीएम जितेंद्र कुमार ने चमकी बुखार के लक्षण एवं बचाव के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दिया।

मोतीपुर प्रखंड के कोरिगवा पंचायत के सीएम संतोष कुमार ने समूह में होने वाले चर्चा का विस्तार से जानकारी दिया।

एईएस पर जागरुकता बन रही मोतीपुर प्रखंड के लिए संजीवनी - प्राइवेट टैग वाहन से अस्पताल पहुंचाने में मिल रही सहायता मुजफ्फरपुर। 20 जून : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ग्रामीण स्वास्थ्य देखभाल की अधारशिला है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और उनके उपकेंद्रों से ग्रामीण जनता की स्वास्थ्य जरुरतों की देखभाल करने की अपेक्षा रखी जाती है। प्रत्येक पीएचसी लगभग 1 लाख लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करती हैं. लेकिन जिले का मोतीपुर सीएचसी चमकी बुखार यानी एक्यूट इन्सेफ़लाईटिस सिंड्रोम(एईएस) के अतिप्रभावित क्षेत्रों में शामिल होने के कारण इसकी जिम्मेदारी अन्य सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की तुलना में कहीं अधिक है. लोगों की जागरूकता से चमकी पर लगी लगाम: मोतीपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुधीर ने बताया पिछले साल एईएस बीमारी के प्रकोप से कई बच्चों को जान गंवानी पड़ी थी. लेकिन इस वर्ष मोतीपुर प्रखंड ने जागरुकता और तत्परता की बदौलत चमकी बुखार पर लगभग काबू पा लिया है। इस वर्ष प्रखंड से मात्र एक बच्चा ही चमकी से प्रभावित हुआ है. वह भी अब स्वस्थ्य होकर घर जा चुका है। जबकि पिछले वर्ष मोतीपुर प्रखंड में चमकी बुखार के 32 मामले सामने आए थे. लोगों की जागरूकता के कारण प्रखंड में इस वर्ष एईएस के केस कम आये हैं. इस वर्ष तीन संदेशों को क्षेत्रीय कार्यकर्ता घर-घर पहुँचा रही है, जिसमें बच्चे को रात में भूखे सोने नहीं देना, बगीचे में खेलने से मना करना एवं आस-पास सफाई रखना शामिल है।