एईएस पर जागरुकता बन रही मोतीपुर प्रखंड के लिए संजीवनी - प्राइवेट टैग वाहन से अस्पताल पहुंचाने में मिल रही सहायता मुजफ्फरपुर। 20 जून : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ग्रामीण स्वास्थ्य देखभाल की अधारशिला है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और उनके उपकेंद्रों से ग्रामीण जनता की स्वास्थ्य जरुरतों की देखभाल करने की अपेक्षा रखी जाती है। प्रत्येक पीएचसी लगभग 1 लाख लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करती हैं. लेकिन जिले का मोतीपुर सीएचसी चमकी बुखार यानी एक्यूट इन्सेफ़लाईटिस सिंड्रोम(एईएस) के अतिप्रभावित क्षेत्रों में शामिल होने के कारण इसकी जिम्मेदारी अन्य सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की तुलना में कहीं अधिक है. लोगों की जागरूकता से चमकी पर लगी लगाम: मोतीपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुधीर ने बताया पिछले साल एईएस बीमारी के प्रकोप से कई बच्चों को जान गंवानी पड़ी थी. लेकिन इस वर्ष मोतीपुर प्रखंड ने जागरुकता और तत्परता की बदौलत चमकी बुखार पर लगभग काबू पा लिया है। इस वर्ष प्रखंड से मात्र एक बच्चा ही चमकी से प्रभावित हुआ है. वह भी अब स्वस्थ्य होकर घर जा चुका है। जबकि पिछले वर्ष मोतीपुर प्रखंड में चमकी बुखार के 32 मामले सामने आए थे. लोगों की जागरूकता के कारण प्रखंड में इस वर्ष एईएस के केस कम आये हैं. इस वर्ष तीन संदेशों को क्षेत्रीय कार्यकर्ता घर-घर पहुँचा रही है, जिसमें बच्चे को रात में भूखे सोने नहीं देना, बगीचे में खेलने से मना करना एवं आस-पास सफाई रखना शामिल है।